Expert

दिल्ली-NCR के लोगों के लिए खतरा बनें कबूतर, फैली फेफड़ों की बीमारी; यूं करें लक्षणों की पहचान

इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) की वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक पिजियन ब्रीडर डिजीज के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग दिखाई दे सकते हैं।
  • SHARE
  • FOLLOW
दिल्ली-NCR के लोगों के लिए खतरा बनें कबूतर, फैली फेफड़ों की बीमारी; यूं करें लक्षणों की पहचान


गर्मियों के मौसम में कबूतर और अन्य पक्षियों के लिए छत या घर के बाहर दाना-पानी रखने वालों के लिए बुरी खबर है। दिल्ली-एनसीआर में कबूतरों से फेफड़ों की बीमारी फैल रही है। दिल्ली में कबूतरों और अन्य पक्षियों से होने वाले पिजियन ब्रीडर डिजीज का खतरा बढ़ रहा है। पिजियन ब्रीडर डिजीज से जुड़े अब तक कई मामले दिल्ली में देखे जा चुके हैं। इस संक्रमण से जुड़े मामले सामने आने के बाद प्रशासनिक अधिकारी अलर्ट हो गए हैं और लोगों से कबूतर व अन्य पक्षियों से दूरी बनाने की अपील की है। पिजियन ब्रीडर डिजीज के मामले सामने आने के बाद इसके लक्षण और बचाव के उपायों के बारे में जानना जरूरी हो गया है, ताकि इस संक्रमण से बचा जा सके।

पिजियन ब्रीडर डिजीज क्या है?

इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) की वेबसाइट पर छपी एक रिसर्च के मुताबिक पिजियन ब्रीडर डिजीज कबूतर और अन्य पक्षियों के जरिए इंसानों में फैलने वाली बीमारी है। ये फेफड़ों में होने वाला एक गंभीर संक्रमण है, जो कई बीमारियों की वजह बन सकता है। पिजियन ब्रीडर डिजीज को बर्ड फैनियर रोग, फार्मर्स लंग्स के नाम से भी जाना जाता है। आईएपी के मुताबिक ये संक्रमण कुछ मामलों में कार्बनिक पदार्थ एंटीजन के संपर्क में आने से होती है जबकि कुछ मामले जीवाणुओं के संपर्क में आने से भी फैल सकती है। 

इसे भी पढ़ेंः हार्ट के लिए बहुत फायदेमंद होती है डैंडेलियन (सिंहपर्णी) की चाय, जानें इसकी रेसिपी

Pigeon-Breeder-Lung-Disease-Symptoms-t

किन लोगों को है पिजियन ब्रीडर डिजीज का ज्यादा खतरा?

फोर्टिस अस्पताल में पल्मोनोलॉजी के निदेशक और एचओडी डॉ. विकास मौर्य का कहना है, पिजियन ब्रीडर डिजीज के मामले 2017 के बाद भारत में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। इस संक्रमण का खतरा उन लोगों को ज्यादा रहता है जो कबूतर और अन्य पक्षियों के संपर्क में ज्यादा आते हैं। पिजियन ब्रीडर डिजीज उन लोगों को भी प्रभावित करती है, जो पक्षियों के मल, मूत्र और उनके द्वारा छोड़े गए भोजन के कणों के संपर्क में आते हैं। 

इसे भी पढ़ेंः H3N2 Influenza Death: इस राज्य में H3N2 वायरस से मौत, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया किसे है ज्यादा खतरा

पिजियन ब्रीडर डिजीज के लक्षण क्या हैं?

इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) की वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक पिजियन ब्रीडर डिजीज के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग दिखाई दे सकते हैं। इस संक्रमण के आम लक्षणों में निम्न शामिल है: 

  • बार-बार अस्थमा का अटैक आना
  • लंग्स का गंभीर संक्रमण खांसी और जुकाम
  • फाइब्रोटिक फेफड़े की बीमारी
  • सांस लेने में तकलीफ होना 
  • आवाज में घरघराहट महसूस होना

अगर आपको या आपके आसपास किसी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करें।

Pigeon-Breeder-Lung-Disease-Symptoms-t

कैसे करें पिजियन ब्रीडर डिजीज से बचाव?

हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो पिजियन ब्रीडर डिजीज से बचाव करने का सबसे अच्छा तरीका है कबूतर और अन्य पक्षियों से जहां तक संभव हो दूरी बनाकर रखें। अगर आपके घर में बर्ड नेट या बर्ड ड्रॉपिंग है तो इसकी नियमित तौर पर सफाई करें। कबूतर, पक्षियों को पानी और दाना डालते वक्त उचित दूरी बनाकर रखें। एक्सपर्ट का कहना है कि पिजियन ब्रीडर डिजीज का खतरा बुजुर्ग और बच्चों को ज्यादा होता है, क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम युवाओं के मुकाबले काफी कमजोर होता है। ऐसे में बच्चों को कबूतर के संपर्क में बचाने की कोशिश करें।

 

Pic Credit: Freepik.com

Read Next

शूटिंग के दौरान घायल हुए अमिताभ बच्चन, पसली में लगी चोट, जानें अब कैसी है तबीयत

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version