जब से कोरोना वायरस की शुरुआत हुई है, तब से ही तरह-तरह के चौंकाने वाले खुलासे सामने आते रहे हैं। कोरोना वायरस जितना ज्यादा फैलता जा रहा है, इसका म्यूटेशन होने के कारण इसमें बदलाव भी आते जा रहे हैं। यही कारण है कि इस रहस्यमयी वायरस के बारे में हर 10-15 दिन में कोई न कोई नया खुलासा होता रहता है। पूरी दुनिया अभी कोरोना वायरस के दंश को झेल रही है और उबरने का प्रयास कर रही है। लेकिन वैज्ञानिक अभी भी इस कोरोना वायरस को पूरी तरह समझने में नाकाम साबित हुए हैं। रिसर्च लगातार जारी हैं और हर बार कुछ नया निकलकर सामने आता है। एक नई रिसर्च के अनुसार लगातार हिचकी आना भी कोरोना वायरस का संकेत है।
क्या लगातार हिचकी भी है कोरोना संक्रमित होने का संकेत?
अब तक कोरोना वायरस के 11 लक्षण बताए गए थे, जिनमें जुकाम, बुखार, खांसी, पेट दर्द, स्वाद और गंध का न मिलना आदि शामिल हैं। अब इन्हीं लक्षणों में लगातार हिचकी आना भी जुड़ सकता है। दरअसल पिछले दिनों अमेरिकन जर्नल ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन में एक केस रिपोर्ट छपी जिसमें 62 साल के एक व्यक्ति को लगातार हिचकी आने की वजह से इमरजेंसी डिपार्टमेंट में भर्ती कराया गया। इस व्यक्ति को पिछले कई दिनों से लगातार हिचकी आ रही थी और उसका वजह कम होता जा रहा था। डॉक्टर्स ने जांच में पाया कि ये व्यक्ति कोविड पॉजिटिव है, यानी कोरोना वायरस का शिकार है और उसके फेफड़ों की क्षमता कमजोर हो चुकी है।
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मरीज को 4 दिन से आ रही थी हिचकी
इस मरीज को लगातार 4 दिन से बिना कारण हिचकी आ रही थी। वैज्ञानिकों ने इस व्यक्ति के फेफड़ों का सीटी स्कैन किया तो पाया कि इसके फेफड़ों में छोटे-छोटे ट्यूमर हैं, जो कि कोविड-19 के मरीजों में कॉमन समस्या है। इसी के चलते वैज्ञानिकों ने जब मरीज का कोविड टेस्ट किया, तो इसे पॉजिटिव पाया।
पहले भी सामने आ चुके कोरोना में हिचकी के मामले
आपको बता दें कि कोविड-19 के मरीज को हिचकी आने का ये पहला मामला नहीं है। इसके पहले जून महीने में भी एक अन्य 64 वर्षीय वृद्ध को सांस लेने की तकलीफ और हिचकी आने के चलते इमरजेंसी वॉर्ड में भर्ती कराया गया है। उस व्यक्ति के फेफड़ों के सीटी स्कैन में भी ऐसे ही ग्राउंड ग्लास पैटर्न वाले ट्यूमर्स देखने को मिले थे और व्यक्ति बाद में कोरोना पॉजिटिव निकला था।
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पूरी दुनिया कर रही है कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंतजार
इसी आधार पर वैज्ञानिकों का अनुमान है कि हिचकी भी कोरोना वायरस का नया संकेत हो सकती है। लेकिन इस बारे में अभी अधिक स्पष्ट रिसर्च या स्टडी नहीं हुई है। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के 2 करोड़ 28 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। और लगभग 8 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं भारत में कोरोना के 29 लाख से ज्यादा मामले पहुंच चुके हैं और लोगों के मरने का आंकड़ा 55 हजार के लगभग हो चुका है। ऐसे में पूरी दुनिया की उम्मीदें कोरोना वायरस की वैक्सीन पर टिकी हैं। लेकिन लगातार बदल रहे कोरोना वायरस पर कोई भी वैक्सीन कितने समय तक प्रभावी रहेगी, इसका कोई स्पष्ट जवाब अभी वैज्ञानिकों और हेल्थ एक्सपर्ट्स के पास नहीं है।
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