पेट के दर्द को अक्सर लोग एक आम समस्या समझ कर अनदेखा कर देते हैं। वे ये नहीं जानते कि पेट का दर्द काफी गंभीर बीमारियों के लक्षणों में से एक हो सकता है। आज हम अपने इस लेख में बात कर रहे हैं पेप्टिक अल्सर की। समय के साथ हमारी जीवनशैली बदल रही है। और इस जीवन शैली में गलत आदतों ने जिन स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दिया है उनमें से एक है पेप्टिक अल्सर। दरअसल पेट मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। और यही कारण है कि इसमें खानपान में होने वाली लापरवाही से सीधा प्रभाव पड़ता है। पेट में दर्द, जलन, सूजन आदि समस्याओं को ज्यादातर लोग पाचन संबंधित मामूली गड़बड़ी समझकर नजरअंदाज कर बैठते हैं। उन लोगों को नहीं पता होता कि यह मामूली से लक्षण पेप्टिक अल्सर की वजह से भी पैदा हो सकते है। ऐसे में अगर आपको भी इस तरह के लक्षण दिख रहे हैं तो आपको तुरंत अपनी डाइट में बदलाव करना चाहिए। हम अपने इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि आप कैसे खानपान से इस गंभीर समस्या को दूर कर सकते हैं। पढ़ते हैं आगे...
पेप्टिक अल्सर के लक्षण
भूख न लगना पेट के ऊपरी हिस्से में हल्का दर्द होना आदि यह मामूली लक्षणों में से एक है। बता दें कि पेप्टिक अल्सर का दर्द ज्यादातर रात के वक्त उठता है। ऐसी समस्या होने पर पेट में जलन, सूजन जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। उपचार मैं अगर ज्यादा देरी हुई तो अल्सर में हेमरेज भी हो सकता है। ऐसे में मोशन के साथ बिल्डिंग में खून की उल्टी जैसी समस्या भी हो सकती है। यह स्थिति जानलेवा साबित होती है।
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ऐसा होना चाहिए आप का खान पान
- सुबह के नाश्ते में केले को जरूर जोड़ें। केले के अंदर एंटीबैक्टीरियल तत्व मौजूद होते हैं। जो पेप्टिक अल्सर से बचा सकते हैं।
- अगर आपको चाय, कॉफी या कोल्ड ड्रिंक की लत है तो इस लत को तुरंत बदल लें। इन चीजों से पेट में एसिड की मात्रा बढ़ती है, जिससे यह बीमारी हो सकती है।
- नाशपाती का सेवन करें। नाशपाती में मौजूद फ्लेवोनॉयड्स जो कि एंटी ऑक्सीडेंट तत्व है, यह अल्सर जैसी गंभीर बीमारी के लक्षणों को कम करने के लिए मददगार है।
- लहसुन भी पेप्टिक अल्सर से लड़ने में मददगार है। बता दें कि मानसून में एंटीअल्सर गुण मौजूद होते हैं। अगर आप रोज कच्चे लहसुन की दो कलियों को चबाकर खाएं तो इससे फायदा मिलेगा।
- अपने खानपान में दही को नियमित रूप से जोड़ें। बता दे कि ये नुकसानदेह बैक्टीरिया एच पाइलोरी को नष्ट कर देती है। इसके अलावा दही में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया आंतों की जख्मों को भरने में मददगार होते हैं।
- पेप्टिक अल्सर के लिए शहद भी मददगार है। शहद में नुकसानदेह बैक्टीरिया को खत्म करने की शक्ति होती है। यह न केवल शरीर में टिश्यूज को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है बल्कि नए टिश्यूज के विकास की गति को तेज कर देता है। डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि नाश्ते से पहले एक चम्मच शहद का सेवन जरूर करें।
- ज्यादा तेल, घी, चिकने पदार्थ के साथ-साथ मिर्च मसालों का सेवन ना करें।
- अगर आप नियमित एक्सरसाइज करेंगे तो इससे आपका पाचन तंत्र मजबूत होगा और इससे पेप्टिक अल्सर की समस्या भी दूर होगी।
- यह समस्या गंदगी में मौजूद एच पाइलोरी बैक्टीरिया की वजह से होती है। इसलिए घर में खाना बनाते समय सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- चॉकलेट, मिठाई, जंक फूड, रेड मीट का सेवन बिलकुल न करें। इससे इस बीमारी का खतरा और बढ़ जाता है।
- अगर आपको पेप्टिक अल्सर की समस्या है तो खट्टे फलों के साथ डिब्बा बन खाना, जैली और जूस जैसी चीजों का सेवन बिल्कुल ना करें। इससे एसिड की मात्रा अधिक बढ़ जाती है और अल्सर के जख्मों को भी बढ़ा देती है।