अक्सर कई बच्चों और उनके माता-पिता में अटैचमेंट लगाव या बॉउंडिंग खास नहीं होती, जिसके कारण बच्चों की परवरिश में भी थोड़ी बहुत दिक्कत होती है। द लैंडमार्क रिपोर्ट, द चाइल्डहुड डेवलपमेंट ऑफ इंटिग्रेटिंग कमेटी ऑन द कमिटी की ओर से प्रकाशित किया गया, जिसमें पाया गया कि बच्चे के विकास के लिए माता-पिता का अटैचमेंट बॉन्ड कितना महत्वपूर्ण है। इसके जरिए बच्चे मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक, भावनात्मक और सामाजिक रूप से विकसित होने के तरीके को प्रभावित करता है। इसके साथ ही माता-पिता भी बच्चों को आसानी से समझ पाते हैं और बच्चे भी अपनी बातें खुलकर अपने परिजनों को बता सकें।
एक सुरक्षित लगाव यह सुनिश्चित करता है कि आपका बच्चा खुद को सुरक्षित और शांत महसूस करेगा। बच्चे के बढ़ते विकास के साथ जरूरी है कि वो आपके साथ खुद को सुरक्षित महसूस करने लगते हैं और इस कारण वो हर किसी से संबंधित बातें आपको बताने लगते हैं। ये बच्चे के विकास करने में एक बेहतर तरीका होता है जिसमें उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य अच्छी तरह से विकसित होते हैं। वहीं, अगर बच्चे असुरक्षित लगाव के साथ होते हैं तो इससे उनका विकास बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है।
बच्चों के साथ कैसे बनाएं बेहतर बॉउंडिंग
आजकल बच्चों और माता-पिता में एक बेहतर बॉउंडिंग बहुत जरूरी है जो बच्चे के मानसिक विकास पर अच्छा काम करता है। इसलिए आपके और आपके बच्चे के बीच एक सुरक्षित लगाव विकसित करना और अपने बच्चे को जीवन में सबसे अच्छी शुरुआत देना आपके लिए जरूरी है। जब आपका बच्चा अभी भी एक छोटा बच्चा है, तो आपके लिए एक सुरक्षित बॉउंडिंग बनाना सबसे आसान है। यह आपके संवाद करने पर निर्भर है, आप किसी भी उम्र में अपने बच्चे को समझने और सुरक्षित बनाने के लिए शुरुआत कर सकते हैं।
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बच्चों के साथ खेलें
अक्सर बच्चों को खेलना सबसे ज्यादा पसंद होता है, आप उनके साथ रोजाना एक समय चुनें जब वो आपके साथ खेलें और उस खेल को आनंदित होकर खेलें। इससे बच्चों को किसी दूसरे बच्चे की कमी नहीं महसूस होती, बल्कि वो आपके साथ एक दोस्त की तरह खुलकर खेलने लगते हैं। जो बच्चों से अच्छी तरह जुड़ने का एक आसान तरीका है।
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शांत वातावरण में बच्चों से बात करें
बच्चों का हमेशा मन बहलाने के लिए माता-पिता टीवी, रेडियो या लैपटॉप चलाकर रखते हैं, जबकि आपको उनसे बातचीत के दौरान इस तरह के उपकरणों को बंद कर देना चाहिए और बच्चे से शांत वातावरण में बात करनी चाहिए। यहां तक कि अगर आप कार में हैं और संगीत बज रहा है तो आप उसे भी बंद कर दें और उनसे बात करें। क्योंकि कार में आंखों के संपर्क की कमी दबाव को दूर करती है, इसलिए बच्चों के खुलने और साझा करने की ज्यादा संभावना हो सकती है।
बच्चों की जरूरत पर उनके साथ रहें
भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच माता-पिता को समय निकालना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन अगर आपका बच्चा किसी जरूरत पर आपका साथ चाहता है तो आपको भी उनके लिए कुछ समय निकालकर उनके साथ रहना चाहिए। इससे उनका आपके प्रति भरोसा बढ़ता है और वो आपको हर पल अपने साथ महसूस करते हैं।
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बच्चों से रोजाना की जानकारी लें
बच्चों को स्कूल भेजने के बाद कई माताओं-पिताओं को उनकी रोजाना की जानकारी नहीं होती, जबकि आपको उनके दिन की शुरुआत से लेकर रात तक की सभी जानकारी उनके द्वारा लेनी चाहिए। ये एक ऐसा जरिया है जिसकी मदद से आपका बच्चा बड़े होने के बाद भी सभी चीजें आपसे बेफ्रिक होकर बता सकता है। इसलिए आप उनके दोस्त, शिक्षक और अन्य लोगों के बारे में बातचीत करते रहें।
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