कपल्स के बीच थोड़ी-बहुत नोंकझोंक और बहस होना आम बात है। लेकिन जब यह बहस आप अपने बच्चों के सामने करने लगते हैं, तो इसका शारीरिक और मानसिक असर आपके बच्चे पर पड़ने लगता है। हम में से कई ऐसे पेरेंट्स हैं, जो बच्चों के सामने लड़ने-झगड़ने लगते हैं। आपकी यह आदत बिल्कुल गलत है। विश्व के कुछ देशों में ऐसा करना बाल दुर्व्यवहार के समान माना जाता है। हालांकि, कपल्स के बीच लड़ाई-झगड़ा होना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन यह झगड़ा आप सिर्फ अपने बीच तक सीमित रखें। कभी भी अपने बच्चों के सामने न लड़ें। क्योंकि इसका बुरा असर आपके बच्चों को पड़ने लगता है। चलिए इस लेख के जरिए जानते हैं पेरेंट्स के लड़ने-झगड़ने पर बच्चों पर पड़ता है कैसे असर?
बच्चों में असुरक्षा की भावना
बच्चों को जहां प्यार मिलता है, वह वहीं आकर्षित होते हैं। इस बात से आप काफी अच्छी तरह वाकिफ होंगे। ऐसे में अगर आप बच्चों के सामने हमेशा लड़ते-झगड़ते रहेंगे, तो उनका मानसिक तनाव बढ़ेगा। आपका बच्चा घर में रहकर भी असहज, डर और असहाय महसूस करेगा। कभी-कभी उनके अंदर का यह डर जिंदगीभर रह सकता है। इसलिए अपने बच्चों को घर में सेफ फील कराएं। ताकि वे अपने घर में खुद को सुरक्षित महसूस करे।
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बड़े होकर कर सकता है दुर्व्यवहार
बच्चों के लिए पहले रोल मॉडल उनके माता-पिता ही होते हैं। इसलिए छोटे बच्चे अक्सर वही करते हैं, जो उनके माता-पिता करते हैं। आप जो बोलेंगे, जैसे रिएक्ट करेंगे आपके बच्चे भी वही कॉपी कर सकते हैं। ऐसे में अगर आप उनके सामने खराब तरीके से बात करते हैं, तो वह बड़े होकर भी वैसा ही व्यवहार कर सकते हैं।
पढ़ाई लिखाई पर पड़ सकता है असर
अगर पति-पत्नी के बीच लड़ाई-झगड़ा होता है, तो इसका असर बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर पड़ सकता है। अगर आप अक्सर उनके सामने लड़ते हैं, तो उनका पढ़ने में मन नहीं लगता है। उनके मस्तिष्क की क्षमता कम होने लगती है। इतना ही नहीं, इस तरह के माहौल में पल रहे बच्चों की याददाश्त क्षमता कम होती जाती है। माता-पिता के झगड़ों का असर उनकी हर एक्टिविटी पर पड़ने लगता है। ऐसे में कोशिश करें कि आप अपने बच्चों को सामने लड़े नहीं।
उनके व्यक्तित्व पर पड़ सकता है प्रभाव
अगर आप बच्चों के सामने लड़ते हैं, तो इसका असर उनके व्यक्तित्व पर पड़ सकता है। अगर वे अपने माता-पिता को हर समय लड़ते देखेंगे, तो उनकी आदत भी इसी तरह की हो जाएगी। वे भी अक्सर अपने साथियों के साथ लड़ते रहेंगे। उन्हें कुछ बुरी आदतें जैसे- कम्पलसिव बिहेवियर, हमेशा शिकायत करना जैसी आदतें हो सकती हैं।
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खुद को मानने लगता है दोषी
अक्सर बच्चे माता-पिता की लड़ाईयों को देखकर यह सोचने लगते हैं कि उनके बीच की लड़ाई का कारण वो खुद है। ऐसे में कुछ बच्चे अपने आप को अपराध बोध मानने लगते हैं। ऐसे में आपका बच्चा गलत कदम उठा सकता है। इसलिए बच्चों के सामने लड़ने की गलती न करें।
पति-पत्नी के बीच नोकझोंक होना बड़ी बात नहीं है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि जब आपके बच्चे आपके सामने या आसपास हों, तो लड़े नहीं। उस समय आप प्यार से अपनी बातों को सुलझाने की कोशिश करें। ताकि आपका बच्चा आपसे अच्छी आदत को ग्रहण कर सके।
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