Oral swab test can boost ivf success rate of pregnancy in Hindi: आजकल खराब खान-पान और दूषित जीवनशैली के चलते लोगों में इंफर्टिलिटी की समस्या बढ़ रही है। इसके चलते लोगों को बच्चे नहीं होने की समस्या हो रही है। हालांकि, इंफर्टिलिटी के पीछे अन्य भी कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। नैचुरली कंसीव नहीं कर पाने के बाद कपल आईवीएफ का सहारा लेते हैं। IVF कपल के लिए किसी रोशनी से कम नहीं है। लेकिन, कुछ मामलों में आईवीएफ के सक्सेस रेट कम होते हैं, जोकि किसी कारणवश हो सकते हैं।
हाल ही में Frontiers in Endocrinology में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक एक जेनेटिक टेस्ट (सलाइवा) के जरिए इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के सक्सेस रेट को बढ़ाया जा सकता है। शोधकर्ताओं द्वारा इस नए टेस्ट का आविष्कार किया गया है, जो कपल के लिए एक नई उम्मीद बन रहा है। इस प्रक्रिया में रिसर्चर्स ने मुंह में मौजूद सलाइवा से हार्मोन थेरेपी के जरिए आईवीएफ के सक्सेस रेट को बढ़ाया है। आइए विस्तार से जानते हैं इस स्टडी के बारे में। (how hormone therapy to improve success rate of IVF in Hindi) -
क्या कहती है स्टडी?
स्वीडन में महिलाओं पर की गई इस स्टडी में उनके मुंह के सलाइवा टेस्ट के जरिए हार्मोन थेरेपी डेवलप की गई, जिसका मकसद आईवीएफ के सक्सेस रेट में सुधार करना था। दरअसल, आईवीएफ प्रक्रिया करा रहीं 1466 महिलाओं को इस स्टडी में शामिल किया गया। इनमें से 475 महिलाएं ऐसी थीं, जिन्हें अलग-अलग तरीकों से हार्मोन ट्रीटमेंट (Hormone Treatment in IVF) दिया गया। इस ओरल स्वैब टेस्ट के जरिए आसानी से एक घंटे में यह पता लगाया जा सकेगा कि कौन सी या किस प्रकार की हार्मोन थेरेपी महिलाओं के आईवीएफ में फायदेमंद हो सकती है।
कम हो सकेगा आईवीएफ में होने वाले साइड इफेक्ट्स
स्टडी के शोधकर्ताओं का दावा है कि ओरल स्वैब टेस्ट या सलाइवा का टेस्ट करने से आईवीएफ में होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। इस टेस्ट के जरिए महिलाओं को हार्मोन थेरेपी दी जाती है, जो उनके आईवीएफ की प्रक्रिया में काफी मददगार हो सकती है। इससे आईवीएफ में होने वाले जोखिम (Side Effects of IVF Process in Hindi) को कम किया जा सकता है। हार्मोन थेरेपी देने से महिलाओं में हेल्दी अंडे बनने की संभावना ज्यादा रहती है। इससे उनमें फर्टिलिटी की ज्यादा उम्मीद रहती है। हालांकि, कुछ महिलाओं में इसके साइड इफेक्ट भी देखे जा सकते हैं।
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आईवीएफ में फायदेमंद हो सकता है हार्मोन थेरेपी
जिन महिलाओं को अंडे बनने में कठिनाई होती है उन्हें हार्मोन थेरेपी लेने से अंडे बनाने में आसानी होती है। यह हार्मोन थेरेपी एक से ज्यादा अंडे बनाने में मददगार हो सकता है। यह थेरेपी अंडे की गुणवत्ता को सुधारने और एंब्रियो के विकास में मददगार हो सकता है। इससे कुछ मामलों में यह थेरेपी आईवीएफ की प्रक्रिया में फायदेमंद हो सकता है। स्वैब टेस्ट की मदद से महिलाओं में आईवीएफ प्रक्रिया में आ रही समस्या का पता लगाकर उसमें हार्मोन थेरेपी दी जा सकती है।
FAQ
आईवीएफ के क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं?
आईवीएफ प्रक्रिया कराने पर कई बार महिलाओं को कुछ साइड इफेक्ट का सामना भी करना पड़ सकता है। इससे कई बार एंब्रियो ट्रांसफर करने के दौरान क्रैंप्स और पेट फूलने की समस्या हो सकती है। साथ ही हॉट फ्लैशेज के साथ-साथ सिरदर्द हो सकता है।हार्मोन थेरेपी आईवीएफ में कैसे फायदेमंद हो सकती है?
हार्मोन थेरेपी आईवीएफ में मददगार हो सकती है। इससे इंप्लांटेशन में आसानी होने के साथ-साथ हेल्दी अंडे बन सकते हैं साथ ही यह थेरेपी यूट्रीन लाइनिंग भी सपोर्ट करती है।क्या आईवीएफ के सक्सेस रेट ज्यादा होता है?
आमतौर पर आईवीएफ का सक्सेस रेट महिलाओं की मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर तय होता है। किसी में यह कम होता है किसी में यह ज्यादा भी हो सकता है।