
लंबे समय तक एक ही आदत को बिना सोचे-समझे फॉलो करते रहना लत की श्रेणी में आता है और इसके नकारात्मक प्रभाव आपकी सेहत पर भी पड़ते हैं।
लंबे समय तक एक ही आदत को बिना सोचे-समझे फॉलो करते रहना लत की श्रेणी में आता है और इसके नकारात्मक प्रभाव आपकी सेहत पर भी पड़ते हैं। जिस तरह अल्कोहल, सिगरेट जैसी चीजों की लत बुरी मानी जाती हैं वैसे ही कुछ आदतें ऐसी होती हैं जिन्हें लगातार दोहराते रहना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में जो आपको बीमार कर रही हैं।
- कम्प्लसिव शॉपर्स जब खरीदारी करना शुरू कर देते हैं तो फिर अपने आपको रोक नहीं पाते, जिस तरह कि शराब का लती खुद को शराब पीने से रोक नहीं पाता। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि शॉपिंग पसंद करने वाला हर व्यक्ति ही कम्प्लसिव शॉपर है। इस श्रेणी में वे लोग आते हैं जो अत्यधिक समय केवल शॉपिंग करने में बिताते हैं, अपनी खरीदारी के बारे में झूठ बोलते हैं या उन्होंने शॉपिंग पर कितना खर्च किया है इसके बारे में छुपाते हैं। जबकि खरीदी गई कई चीजों को तो वो इस्तेमाल भी नहीं करते हैं।

- हममें से अधिकांश एक्सरसाइज करने के नाम से घबराते हैं या फिटनेस रूटीन को फॉलो नहीं करना चाहते हैं। लेकिन कई ऐसे भी हैं जिन्हें फिट रहने और वजन कम करने की सनक सवार हो जाती है। वो हमेशा ही अपना वजन नापने और कैलोरी काउंट करने में लगे रहते हैं।
- इसे ट्रायकोटिलोमेनिया के नाम से भी जाना जाता है। बालों को खींचने की यह लत सामान्य है जिसमें रोगी अपने सिर, आइब्रोज, पलकों या शरीर के बालों को खींचता रहता है। इस तरह लगातार एक ही जगह के बालों को खींचने से उस स्थान के बाल झड़ जाते हैं।
- कई लोग शौक से टैटू बनवाते हैं तो कई पर यह सनक की तरह सवार हो जाता है। शरीर का कोई भी हिस्सा टैटूइंग से अछूता नहीं रह जाता है। ऐसे में यदि हाइजीन का ध्यान ना रखा जाए तो इन्फेक्शन होने का खतरा भी बना रहता है।
- कई लोगों को बर्फ को चबाने की अजीब सी आदत होती है। वैसे यह उनकी गलती नहीं बल्कि आयरन की कमी यानी एनीमिया के कारण ऐसा होता है। इस स्थिति को पैगोफेगिया के नाम से जाना जाता है, जिसमें रोगी को ऐसी चीजों को खाने की तलब लगती है जिसमें पोषक तत्व नहीं होते हैं।
- इसे जियाफेगिया के नाम से जाना जाता है और यह भी बर्फ चबाने वाली स्थिति के अंतर्गत ही माना जाता है। यह आमतौर पर आयरन या जिंक की कमी के कारण्ा होता है, लेकिन कई बार मानसिक परेशानियों जैसे ऑटिज्म या ऑब्सेसिव कम्प्लसिव डिसऑर्डर के कारण भी रोगी में मिट्टी खाने जैसी आदत नजर आती है। कई बार गर्भवती स्त्रियों में भी इस तरह की तलब लगती है।

- यूं तो यह एडिक्शन बहुत ही आम हो चुका है, खासकर बच्चों और युवाओं में। यदि कोई कई घंटे गेम खेलने में बिताता है, उसके बारे में झूठ बोलता है, जब वह गेम ना खेल रहा हो तो चिड़चिड़ा महसूस करता है तो समस्या उपजती है। कुछ ऐसी ही लत होती है इंटरनेट या सेलफोन की। विशेषज्ञों ने इंटरनेट की लत को इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर नाम भी दिया है।
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