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नवजात शिशु उल्टी करे तो क्या करें? डॉक्‍टर से जानें इलाज

Vomiting in Babies: नवजात श‍िशु को उल्‍टी आने पर सही कारण जानकर इलाज करना चाह‍िए। जान‍िए श‍िशु को उल्‍टी आने का कारण और उपाय।
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नवजात शिशु उल्टी करे तो क्या करें? डॉक्‍टर से जानें इलाज

नवजात श‍िशुओं के स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर च‍िंंता स्‍वाभाव‍िक है। कई बार श‍िशुओं को उल्‍टी की समस्‍या होती है। इसके कई लक्षण हो सकते हैं जैसे- पेट फूलना, च‍िड़च‍िड़ापन, श‍िशु का रोना, दस्‍त और बुखार आद‍ि। इन लक्षणों के नजर आने पर आपको क्‍या करना चाह‍िए और इस दौरान क‍िन बातों का ध्‍यान रखना चाह‍िए, इस बारे में हम आगे बात करेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

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श‍िशु को उल्‍टी क्‍यों आ रही है?

श‍िशु के पेट में संक्रमण, दूध से एलर्जी, ज्‍यादा दूध पीना, डकार न लेना और पेट से जुड़ी समस्‍या कुछ मुख्‍य कारण हैं ज‍िनकी वजह से श‍िशु को उल्‍टी (vomiting) आ सकती है। श‍िशु के उल्‍टी करने के कारण पेट के अंदर मौजूद तत्‍व तेजी से बाहर आ जाते हैं। इसके कारण श‍िशु रोता है, उसे कमजोरी महसूस होती है। उल्‍टी करने के बाद अगर श‍िशु स्‍वस्‍थ द‍िख रहा है, तो समझ जाएं क‍ि च‍िंता की बात नहीं है। अगर श‍िशु कर थोड़ी देर में उल्‍टी करे या उल्‍टी के साथ खून आए या श‍िशु रोए, तो उसे डॉक्‍टर के पास लेकर जाएं। 

इसे भी पढ़ें- क्या दूध पीने के बाद शिशु का उल्टी करना सामान्य है? जानें कैसे पहचानें गंभीर स्थिति और कैसे रोकें उल्टी 

श‍िशु को आराम करने दें 

श‍िशु को उल्‍टी आए, तो उसका मुंह साफ करके श‍िशु को आराम करने दें। अच्‍छी नींद लेने से पेट ठीक हो जाएगा। डॉक्‍टर से पूछे ब‍िना श‍िशु को क‍िसी भी तरह की दवाई का सेवन न करवाएं। जब श‍िशु सोकर उठे, तो उसे स्‍तनपान (breastfeeding) करवाएं। श‍िशु को उल्‍टी होने पर बहुमूल्य द्रव उसके शरीर से न‍िकल जाते हैं। ज‍िन्‍हें दोबारा शरीर में लाने के ल‍िए स्‍तनपान जरूरी है। इससे श‍िशु को ऊर्जा म‍िलेगी और पेट में दर्द से छुटकारा मि‍लेगा।      

ताजी हवा में ले जाएं  

श‍िशु को ताजी हवा में लेकर जाएं। ताजी हवा लगने से श‍िशु को आराम म‍िलेगा। इससे श‍िशु के पेट को भी आराम म‍िलेगा। नवजात श‍िशुओं को सफर के दौरान जी म‍िचलाने जैसी समस्‍या हो सकती है। अगर आप श‍िशु को सफर पर लेकर जा रहे हैं, तो कार या वाहन में बैठने से एक घंटा पहले श‍िशु को दूध प‍िलाएं। दूध अच्‍छी तरह से पच जाएगा, तो श‍िशु को उल्‍टी नहीं आएगी।  

ज्‍यादा दूध न प‍िलाएं

श‍िशु को उल्‍टी की समस्‍या से बचाने के ल‍िए आप उसे स्‍तनपान के बाद डकार द‍िलाएं। इसके अलावा ध्‍यान दें क‍ि कहीं श‍िशु के पेट में ज्‍यादा दूध न जा रहा हो। स्‍तनपान के दौरान दूध ज्‍यादा न‍िकलने के कारण श‍िशु को समस्‍या हो सकती है। श‍िशु का पेट ज्‍यादा भर जाने से उल्‍टी आती है। इसके ल‍िए स्‍त्री रोग व‍िशेषज्ञ से सलाह लें।    

श‍िशु को नींबू चटाएं 

ये एक तरह का घरेलू उपाय है। श‍िशु को नींबू चटाने से पेट के अंदर अन्न विकार दूर हो जाता है और उल्‍टी आना रुक जाता है। केवल 1 से 2 बार ही श‍िशु को नींबू चटाएं। 

श‍िशु के उल्‍टी आने की समस्‍या को हल्‍के में न लें। अगर श‍िशु को बार-बार उल्‍टी आने की समस्‍या हो रही है, तो डॉक्‍टर से संपर्क करें। 

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