डायबिटीज के मरीज अब इंजेक्शन की जगह ले सकेंगे इंसुलिन का कैप्सूल, वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता

डायबिटीज के मरीजों को अब रोजाना दर्द भरे इंसुलिन के इंजेक्शन लेने से छुटकारा मिलेगा, क्योंकि वैज्ञानिकों ने एक ऐसी कैप्सूल बना ली है, जिसे दवा की तरह खाया जा सकेगा। ये कैप्सूल बिना नुकसान हुए खून में घुल जाएगी और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करेगी।
  • SHARE
  • FOLLOW
डायबिटीज के मरीज अब इंजेक्शन की जगह ले सकेंगे इंसुलिन का कैप्सूल, वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता


डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जो पूरी तरह कभी ठीक नहीं होती है। हालांकि डायबिटीज को कंट्रोल करके स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है। आमतौर पर डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन का इंजेक्शन लेना पड़ता है। मगर हाल में ही वैज्ञानिकों को इस क्षेत्र में एक बड़ी सफलता मिल गई है। अब डायबिटीज के मरीजों को रोजाना दर्दीले इंजेक्शन लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वैज्ञानिकों ने इंसुलिन की ओरल कैप्सूल बना ली है।

मैसेचुएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के वैज्ञानिकों ने डायबिटीज के मरीजों के लिए इंसुलिन और जरूरी प्रोटीन्स से भरी एक ऐसी गोली बनाई है, जिसे सामान्य दवाओं की तरह खाया जा सकेगा। इससे डायबिटीज के मरीजों की एक बड़ी मुश्किल हल होगी। अभी तक डायबिटीज के रोगियों को अपने साथ इंसुलिन का इंजेक्शन रखना पड़ता है, मगर जल्द ही इस कैप्सूल के आ जाने के बाद सामान्य दवा की तरह वो इस कैप्सूल का इस्तेमाल कर सकेंगे।

इंसुलिन को इंजेक्शन से क्यों लेना पड़ता था?

इंसुलिन एक प्रकार का हार्मोन है, जो हमारे शरीर में शुगर को नियंत्रित रखता है और इसके सही इस्तेमाल को बढ़ावा देता है। जब किसी व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता है, तो उसके शरीर में बनने वाला शुगर, सेल्स में जाने के बजाय खून में घुलने लगता है, जिसे ब्लड शुगर कहते हैं। इसी हार्मोन को संतुलिन करने के लिए डायबिटीज के मरीजों को इंसुलिन का इंजेक्शन लेना पड़ता है।

इसे भी पढ़ें:- 50 रुपए में मिल रही है 16 हेल्थ टेस्ट की सुविधा, भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए शुरू की ये सर्विस

दरअसल इंसुलिन हार्मोन प्रोटीन्स से बना होता है। इसलिए यदि इसे सामान्य दवाओं की तरह मुंह से लिया जाए, तो सबसे पहले ये आंतों में जाएगा और वहां पाचनक्रिया के तहत इसका पाचन होगा। इस प्रक्रिया में इंसुलिन हार्मोन्स नष्ट हो जाते हैं। इसलिए ही अब तक इंसुलिन की दवा नहीं बनाई जा सकी थी, और इसे इंजेक्शन के द्वारा लेना पड़ता था।

आखिर मिल गई दवा बनाने में सफलता

वैज्ञानिक काफी समय से ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए ऐसी दवा बनाना चाहते थे, जिसे टैबलेट की तरह खाया जा सके। वैज्ञानिकों का दावा है कि उनके द्वारा बनाई हुई नई दवा इतनी स्ट्रॉन्ग है कि ये पेट में बनने वाले एसिड से नष्ट नहीं होगी और छोटी आंत तक बिना किसी नुकसान के पहुंच जाएगी। वहां जाकर ये कैप्सूल घुलेगी और शरीर इस दवा का इस्तेमाल कर सकेगा।

इसे भी पढ़ें:- 73% युवा नहीं लेते हैं पर्याप्त नींद, जानें क्या है कारण और कैसे आएगी आपको अच्छी-गहरी नींद

छोटी सी कैप्सूल में पर्याप्त इंसुलिन

MIT के प्रोफेसर और इस रिसर्च पेपर के लेखक रॉबर्ट लैंगर का कहना है, "हम सचमुच अपनी नई खोज को लेकर खुश हैं। हमारे लैब मेंबर्स ने आखिर एक ऐसी दवा बनाने में सफलता पाई है, जो भविष्य में डायबिटीज के मरीजों और अन्य लोगों की काफी मदद करेगी।" नई दवा लगभग 30mm की कैप्सूल है, मगर इसमें पर्याप्त इंसिलुन है, जितना कि एक डायबिटीज के मरीज के लिए जरूरी है। खास बात ये है कि ये दवा बहुत जल्दी घुलती है और खून में पहुंच जाती है, जिससे डायबिटीज के मरीज को तुरंत लाभ मिलेगा।

Read more articles on Health News in Hindi

Read Next

Skin Health : बादाम खाने से महिलाओं के चेहरे की झुर्रियां होती हैं कम और चेहरा दिखता है जवां, शोधकर्ताओं ने बताया कैसे

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version