देश में कोरोना की दूसरी लहर काफी तेजी से फैल रही है। हर दिन हजारों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच हाल ही में हुई स्टडी में खुलासा हुआ है कि दूसरी लहर में तबाही मचाने वाला कोरोना का डेल्टा वेरिएंट अब और भी ज्यादा खतरनाक हो चुका है। डेल्टा वेरिएंट को बी1.617.2 के नाम से भी जाना जाता है। अब इस बदले वेरिएंट को डेल्टा प्लस या फिर एवाई.1 कहा जा रहा है। आइए जानते हैं इस वेरिएंट के बारे में विस्तार से-
क्या हैं कोरोना वायरस के नए डेल्टा प्लस वेरिएंट के लक्षण?
बुखार, सिरदर्द, गले में खराश, बहती नाक, मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में परेशानी कोविड-19 के सामान्य लक्षण हैं। बताया जा रहा है कि डेल्टा के नए वेरिएंट में युवाओं में गंभीर जुकाम के लक्षण देखे गएं हैं। हालांकि, उन्हें बहुत ज्यादा बीमार फील नहीं होता है। इसलिए लोग इस कॉमन फ्लू समझने की गलती कर देते हैं। ऐसे में अगर आपको फ्लू के हल्के-फुल्के लक्षण भी दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अपना कोविड-19 टेस्ट कराएं। ताकि अगर आप कोविड-19 से संक्रमित हैं, तो आपका समय पर इलाज हो सके।
इसे भी पढ़ें - बच्चों में कोरोना के इलाज की नई गाइडलाइन: CT Scan, स्टेरॉइड और रेमडेसिविर के प्रयोग पर दिये गए ये निर्देश
स्कॉटलैंड में हुई स्टडी
द लॉसेंट पर छपी रिपोर्ट के अनुसार, स्कॉटलैंड में कोरोनावायरस को लेकर यह स्टडी हुई है। इस स्टडी में कहा जा रहा है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट ने सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैक्सीन से इस नए वेरिएंट पर काबू पाया जा सकता है। अध्ययन में कहा गया है कि वैक्सीन की दो डोज शरीर में मजबूत इम्यूनिटी प्रदान करती है, जिससे कोरोनावायरस के नए वेरिएंट से काफी हद तक बचा जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन की दोनों डोज या कोरोना पॉजिटिव होने के 28 दिन कोरोना वैक्सीन की पहली डोज 70 प्रतिशत तक कारगर साबित हो रही है।
अस्पताल में भर्ती का खतरा दोगुना
द लॉसेंट पत्रिका में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, यह रिसर्च स्कॉटलैंड में 54 लाख लोगों पर हुई है। वहीं, इस बारे में यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्रैथक्लाइड के प्रोफेसर क्रिस रॉबर्टसन ने कहा कि अल्फा वेरिएंट की तुलना में डेल्टा वेरिएंट से लोग दोगुने रफ्तार में संक्रमित हो रहे हैं। इसकी वजह से काफी लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है।
इसे भी पढ़ें - कोरोना वैक्सीन से देश में पहली मौत की हुई पुष्टि, सरकारी पैनल ने रिपोर्ट में बताया कारण और कही ये बातें
अमेरिका के सीडीसी ने भी डेल्टा वेरिएंट को बताया खतरनाक
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने भी डेल्टा वेरिएंट को खतरनाक माना है। एजेंसी के मुताबिक, डेल्टा वेरिएंट अल्फा वेरिएंट की तुलना में 50 प्रतिशत तेज होने के लिए भी रेखांकित करता है। ऐसे में यह नया वेरिएंट अन्य वेरिएंट की तुलना में दो गुना तेज हो जाता है। डेल्टा स्ट्रेन की गंभीरता अन्य वेरिएंट की तुलना में काफी गंभीर है। हालांकि, इस वेरिएंट से लड़ने में कोविड वैक्सीन कारगर बताई जा रही है। इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने अमेरिका वासियों से आग्रह किया, जिन्होंने अब तक कोरोनोवायरस के खिलाफ टीका नहीं लगाया है, वे जल्द से जल्द अपना वैक्सीन लगवा लें।
डेल्टा प्लस वेरिएंट के लक्षण
बुखार, सिरदर्द, गले में खराश, बहती नाक, मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में परेशानी कोविड-19 के सामान्य लक्षण हैं। बताया जा रहा है कि डेल्टा के नए वेरिएंट में युवाओं में गंभीर जुकाम के लक्षण देखे गएं हैं। हालांकि, उन्हें बहुत ज्यादा बीमार फील नहीं होता है। इसलिए लोग इस कॉमन फ्लू समझने की गलती कर देते हैं। ऐसे में अगर आपको फ्लू के हल्के-फुल्के लक्षण भी दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अपना कोविड-19 टेस्ट कराएं। ताकि अगर आप कोविड-19 से संक्रमित हैं, तो आपका समय पर इलाज हो सके।
क्या है मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल?
मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल कोरोना मरीजों को दी जाने वाली एक एंटीबॉडीज कॉकटेल दवा है। हालांकि, इस दवा का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब मरीज की हालत काफी गंभीर होती है। सिप्ला और रोश इंडिया मिलकर इस दवा को तैयार करती है। भारत सरकार द्वारा इस दवा के लिए मई माह में इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी दी गई थी।
Read more Articles on Health News in Hindi