वो कहते हैं न कि हर चीज सही समय पर ही अच्छी लगती है, हालांकि यह कहावत सच भी है। फिर चाहे वह करियर बनाना हो, शादी हो या फिर शिशु को जन्म देना हो। आजकल का समय बहुत एडवांस हो गया है। लोग भागमभाग में इतने अंधे हो गए हैं कि नाम और पैसा कमाने के आगे उन्हें कुछ और दिखता ही नहीं है। इस रेस का असर लोगों की लेट शादी और बच्चा पैदा करने में देरी के रूप में दिखता है। बॉलीवुड एक्ट्रेस नेहा धूपिया प्रेग्नेंट हैं। ब्वॉयफ्रेंड से पति बने अंगद बेदी और नेहा बेसब्री से अपने आने वाले बच्चे का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन ये तो आप जानते ही हैं कि नेहा धूपिया की उम्र 38 साल है। ऐसे में इस उम्र में मां बनना तो पूरी तरह संभव है लेकिन कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है। आज हम आपको अधिक उम्र में मां बनने वाली महिलाओं के लिए कुछ टिप्स बता रहे हैं।
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- अधिक उम्र में प्रेग्नेंट होने से पहले अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाना बहुत जरूरी है। गर्भवती को नियमित व्यायाम और योगा करना चाहिए। गर्भवती हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाइए, शराब और सिगरेट के सेवन से दूर रहे हैं। लेट नाइट पार्टियों में जाने से बचें और भरपूर नींद लीजिए।
- इस उम्र में पीरियड्स में नियमित नहीं रहती है। ऐसे में ओवुलेशन प्रक्रिया सही समय पर नहीं होती है। प्रेग्नेंट होने के लिए ओवुलेशन प्रक्रिया और इसकी तिथि के बारे में जानना जरूरी है। यदि आपको किसी तरह की दिक्कत हो रही है तो आप अन्य दवाओं की तुलना में जड़ी-बूटियों का प्रयोग कीजिए। ये आपको प्राकृतिक रूप से प्रेग्नेंट होने में मदद करेंगे।
- इस उम्र में प्रेग्नेंट होने के लिए आपने सबकुछ किया है, लेकिन इस समय सबसे ज्यादा जरूरत है प्रार्थना और पॉजिटिव सोच की। इसलिए प्रेग्नेंट होने के लिए सकारात्मक सोचें और प्रार्थना करें।
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गर्भवती का आहार
हर गर्भवती महिला की सबसे बड़ी चिंता यह होती है, कि वो क्या खाये क्योंकि गर्भावस्था में लिया जाने वाला आहार आने वाले शिशु का स्वास्थ्य निर्माण करता है। ऐसे में पौष्टिक आहार का सेवन आवश्यक है। आइये जानें, कैसा होना चाहिए गर्भवती महिला का आहार। हालांकि गर्भावस्था का अनुभव हर महिला के लिए अलग होता है। कुछ को बहुत ज्यादा भूख लगती है, तो कुछ को बहुत कम। इस अवस्था में आप सामान्य से अधिक भोजन कर सकती हैं। खाने में हरी सब्जि़यां, दूध, उबला भोजन, अंकुरित चना, अंडे खायें।गर्भ में पल रहे शिशु को मां के आहार से ही पोषण मिलता है। मां के स्वास्य् खा का प्रभाव ही बच्चे के स्वास्थ्य व वज़न पर पड़ता है।
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