बच्चे की परवरिश में अक्सर माता-पिता से कई भूल हो जाती है। लेकिन गलतियों को सुधारकर बच्चे को सही परवरिश दे सकते हैं। ऐसी ही एक गलती है बच्चे के साथ समय न बिताना। आज की व्यस्त दिनचर्या में मां और पिता दोनों ही वर्किंग होते हैं। ज्वॉइंट फैमिली का कल्चर खत्म होने से बच्चे दादा-दादी या घर के अन्य सदस्यों से भी दूर रहते हैं। वर्किंग पैरेंट्स के पास बच्चे को अकेला छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। माता-पिता अपनी व्यस्त दिनचर्या में बच्चे के साथ समय बिताना भूल जाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि इस स्थिति का बुरा असर बच्चे की मानसिक और शारीरिक सेहत पर पड़ सकता है। बच्चे के साथ समय न बिताने के कारण वो मन से दुखी होने लगता है। इस लेख में आपको बताएंगे बच्चे के साथ समय न बिताने के 5 नुकसान।
1. बच्चे को हो सकता है डिप्रेशन
जो बच्चे ज्यादा समय अकेले बिताते हैं वो एंग्जाइटी या डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। कम उम्र में डिप्रेशन के कारण बच्चे को मिर्गी का दौरा भी पड़ सकता है। कई बार माता-पिता बच्चे को केयरटेकर के साथ छोड़ जाते हैं। नौकरों के बुरे व्यवहार का असर भी बच्चे के दिमाग पर पड़ता है और वो डिप्रेशन का शिकार हो जाता है।
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2. अकेलेपन से कम हो सकती है मेंटल पॉवर
हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़ाई में अव्वल हो। लेकिन अगर आप उसके साथ समय नहीं बिताएंगे, तो बच्चे की मेंटल पॉवर धीरे-धीरे कम होने लगती है। पढ़ाई के लिए बच्चों को मोटिवेशन और लगातार मॉनिटर करते रहने की जरूरत होती है। अगर आपके पास बच्चे के लिए समय नहीं है, तो उसका बुरा असर बच्चे की कार्यक्षमता, स्मरण शक्ति, पढ़ाई और मेंटल पॉवर पर पड़ सकता है। ये स्थिति बच्चे के लिए सही नहीं है।
3. स्वभाव में नजर आने लगेगा बदलाव
जो बच्चे अकेले रहने लगते हैं, उनमें स्वभाव में फर्क साफ देखने को मिलता है। ऐसे बच्चे ज्यादा गुस्सैल स्वभाव के बन जाते हैं। अकेले रहने वाले बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। बच्चे छोटी-छोटी बातों पर भी नाराज होने लगते हैं। आपके बच्चे में भी ऐसे लक्षण नजर आ रहे हैं, तो हो सकता है आपने उन्हें समय देना कम कर दिया हो। बच्चे के साथ समय बिताएं और उसकी समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनें।
4. रिश्तों में बन जाएगी दूरी
परवरिश की नींव बच्चे और माता-पिता के बीच बने रिश्ते पर टिकी होती है। अगर आप बच्चे को समय नहीं देंगे, तो बच्चा आपसे दूरी बना लेगा। ये दूरी समय के साथ बढ़ती जाती है। ऐसा होने पर बच्चे जिंदगी के हर फैसले खुद लेने लगते हैं। उनके मुताबिक आप उनकी दुनिया का हिस्सा नहीं रह जाते। ये स्थिति माता-पिता और बच्चे दोनों के लिए ठीक नहीं है इसलिए अपने बच्चे को समय न देने की गलती न करें।
5. शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है
जो माता-पिता अपने बच्चे के साथ समय नहीं बिताते, उनके बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर होने लगते हैं। ऐसे बच्चे बीमारियों की चपेट में ज्यादा आ जाते हैं। माता-पिता से दूर रहने का असर मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। मेंटल हेल्थ खराब होने पर बच्चे की नींद प्रभावित होती है। नींद की कमी से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और बच्चे जल्दी बीमार पड़ सकते हैं। अकेलेपन के कारण बच्चे ईटिंग डिसऑर्डर का भी शिकार हो जाते हैं और मोटापे का शिकार हो जाते हैं।
व्यस्त दिनचर्या के साथ बच्चे को समय कैसे दें?
- हफ्ते में एक बार उसे बाहर घुमाने लेकर जाएं।
- घूमने का समय नहीं है, तो दिन की कोई एक एक्टिविटी बच्चे के साथ करें। जैसे साथ खाना या साथ वॉक करना।
- बच्चे को स्कूल छोड़ने या लेने जाएं। इससे बच्चे आपके साथ अपनी दिनचर्या शेयर करेंगे।
- उनके साथ एक से दो राउंड खेल खेलें।
- बच्चों के साथ साइकिल चलाने जाएं।
- बच्चों के साथ वर्कआउट करना भी अच्छा विकल्प है।
ऊपर बताई टिप्स का ख्याल रखें और बच्चों के साथ समय बिताएं। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।