यदि ढ़ंग से पकाया जाए तो आलू व शकरकंद दोनों ही खाने में स्वादिष्ट लगते हैं और स्वादिष्ट होने के साथ साथ यह आप के लिए कुछ हद तक स्वास्थ्यवर्धक भी होते हैं। सामान्य तौर से आलू में केले से भी ज्यादा पोटेशियम होता है और वह फाइबर से भी भरपूर होते हैं।
आलू और शकरकंद में बीटा कैरोटीन नामक एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा अलग-अलग होती है। ये शकरकंद में थोड़ी ज्यादा होती है तभी इसका रंग लाल होता है। आम तौर पर बीटा कैरोटीन आप की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
जो लोग बीटा कैरोटीन को अपनी डाइट में शामिल करते हैं उनकी समय से पहले रोगों द्वारा मृत्यु बहुत कम होती है। कुछ लोग इसीलिए शकरकंद को बहुत स्वास्थ्यवर्धक मानते हैं और आलुओं से चूंकि चिप्स, फ्राईस आदि बनाये जाते हैं, इसलिए उन्हें हानिकारक माना जाता है। आइए जानते हैं दोनों के बीच क्या क्या अंतर होता है।
शकरकंद और आलू में न्यूट्रीशन वैल्यू
- कैलोरी- एक सफेद आलू में, शकरकंद के मुकाबले 15 कैलोरी अधिक होती हैं।
- प्रोटीन- सफेद आलू में शकरकंद के मुकाबले 0.6 ग्राम प्रोटीन अधिक होता है।
- वसा- दोनों सफेद और मीठे आलू में वसा की मात्रा एक समान होती है।
- कार्बोहाइड्रेट- एक सफेद आलू में शकरकंद के मुकाबले 5 से 6 ग्राम कार्ब्स की मात्रा अधिक पाई जाती है।
- फाइबर- जबकि सफेद आलू में 1 ग्राम फाइबर कम होता शकरकंद के मुकाबले।
- शुगर- सफेद आलू और शकरकंद दोनों में ही शुगर की मात्रा बराबर होती है।
- पोटेशियम- एक सफेद आलू में 153 मिलीग्राम पोटेशियम कम होता है शकरकंदी के मुकाबले। जोकि दैनिक जरूरत का 5 से 7% होता है।
- विटामिन सी- दोनों में ही दैनिक जरूरत की 12 से 14% विटामिन सी की मात्रा बराबर होती है।
इन दोनों में अंतर के बाद पता चलता है कि आलू में बेशक कैलोरी ज्यादा होती हैं, जोकि न के समान हैं। परंतु आलू में बाकी पोषण जैसे पोटैशियम व प्रोटीन आदि शकरकंद से बहुत अधिक मात्रा में उपलब्ध है। अतः आलू भी आप की सेहत के लिए स्वास्थ्यवर्धक है।
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आलू का सेवन
जैसा कि हम जानते हैं कि डायबिटीज के रोगियों को खान पान का विशेष ध्यान रखना होता है। तो यदि वे इनका सेवन कम मात्रा में कर रहे हैं तो दोनों में किसी से भी उन को कोई हानि नहीं पहुंचेगी। कुछ आलू छोटे साइज के होते हैं तो वह (आलू जो आप को मुठ्ठी जितने आकर के हों) उन्हें खा सकते हैं। परन्तु शकरकंद का साइज आलू से थोड़ा बड़ा होता है। इसलिए आप या तो उसे आधा करके खाएं या बिल्कुल ही न खाएं।
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तला हुआ आलू या शकरकंद ना खाएं
लोगों में यह भ्रम होता है कि जब वजन घटाना हो तब आलू नहीं खाना चाहिए। परन्तु इन आलुओं को कैसे खा रहे हैं, उस बात पर हमारा वजन बढ़ना या घटना निर्भर करता है। यदि आप आलू को चिप्स के रूप में तल कर (फ्राई) खा रहे हैं तो उन में मौजूद तेल के कारण जाहिर है आप का वजन बढ़ेगा ही। परंतु यदि आप आलुओं को ऐसे ही खा रहे हैं तो आप का वजन नहीं बढ़ता। ज्यादा पोषण मौजूद होने के कारण यह आप के लिए हेल्दी भी है।
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