
आपका वजन और लंबाई सामान्य है या नहीं, इसकी जानकारी के लिए बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) का सहारा लिया जाता है। किसी देश के नागरिको का सामान्य Body Mass Index (BMI) क्या होगा ये नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन (NIN) तय करता है। पिछले काफी समय से भारतीयों का आदर्श वजन पुरुषों में 60 किलो और महिलाओं में 50 किलो माना जाता रहा है। लेकिन NIN ने अब भारतीयों के औसत वजन और लंबाई में संशोधन किया है। इस संशोधन के बाद देशभर में बीएमआई जांचने (BMI Calculation) का पैमाना बदल जाएगा।
क्या होगा नया आदर्श वजन? (New Ideal Weight for Indian Men and Women)
इस संशोधन के बाद एक सामान्य भारतीय वयस्क पुरुष का आदर्श वजन (Ideal Weight for Men) 65 किलो और सामान्य भारतीय वयस्क महिला का आदर्श वजन (Ideal Weight for Women) 55 किलो माना जाएगा। इस तरह से देखें तो नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन ने भारतीय महिलाओं और पुरुषों के औसत वजन को 5-5 किलो बढ़ा दिया है। तो अब अगर आप 65 किलो के भीतर आते हैं, तो आप वजन के दृष्टि से सामान्य और स्वस्थ माने जाएंगे।
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भारतीयों की आदर्श लंबाई में भी हुआ संशोधन (New Ideal Height for Indian Men and Women)
नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन ने भारतीयों की आदर्श लंबाई में भी बड़ा संशोधन किया है। अभी तक भारतीय पुरुषों की आदर्श लंबाई 5.6 फीट (171 सेन्टीमीटर) और महिलाओं की आदर्श लंबाई 5 फीट (152 सेन्टीमीटर) मानी जाती रही है। लेकिन अब संशोधन के बाद आदर्श लंबाई के मानक को बढ़ा दिया गया है। नई गाइडलाइन्स के अनुसार अब एक सामान्य भारतीय वयस्क पुरुष की आदर्श लंबाई (Ideal Heing for Men) 5.8 फीट याी 177 सेन्टीमीटर मानी जाएगी और सामान्य भारतीय वयस्क महिला की आदर्श लंबाई (Ideal Heing for Women) 5.3 फीट यानी 162 सेन्टीमीटर मानी जाएगी।
बीएमआई में होगा बदलाव (Change in BMI Calculation)
बीएमआई (BMI) कैलकुलेशन का फार्मूला यह है कि किसी व्यक्ति के शारीरिक वजन में उस व्यक्ति की लंबाई (मीटर में) के वर्ग (Height Square) को भाग दिया जाता है। इसलिए जब भारतीयों के आदर्श लंबाई और वजन को बदल दिया गया है तो अब आदर्श BMI का पैमाना भी अपने आप बदल जाएगा।
क्यों किए गए हैं ये बदलाव?
NIN की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीयों के खानपान में काफी बदलाव आया है, जिसके कारण उनके पोषण की जरूरतें बदली हैं। हर 10 साल में सर्वे के आधार पर आदर्श वजन और लंबाई का मानक तय किया जाता है। अभी तक जो मानक तय थे, वो साल 2010 में तय किए गए थे। इस साल 2020 में जो नए मानक तय हुए हैं वो सर्वे के आधार पर किए गए हैं। खास बात ये है कि इस बार सर्वे में ग्रामीण इलाकों के लोगों को भी शामिल किया गया है।
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जरूरी पोषक तत्वों की मात्रा में किया गया बदलाव (Changes in Nutritional Guidelines)
सिर्फ वजन और लंबाई नहीं, बल्कि शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों की आदर्श मात्रा में भी बदलाव किया गया है। नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन की नई गाइडलाइन्स के अनुसार जहां पहले प्रतिदिन एक व्यक्ति को 600 मिलीग्राम कैल्शियम लेने की हिदायत दी गई थी, वहीं अब इसे बढ़ाकर 1000 मिलीग्राम कर दिया गया है। इसके अलावा हर दिन 5 ग्राम से ज्यादा नमक खाने को नुकसानदायक माना गया है। पोटैशियम की प्रतिदिन ली जाने वाली मात्रा को बढ़ाकर भी 3500 मिलीग्राम कर दिया गया है।
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