भारतीय संस्कृति की अद्भुत कला रही है हाथ जोड़कर 'नमस्ते' करना। जब भी हम किसी के घर आते-जाते हैं तो हमारा सबसे पहला रिएक्शन नमस्ते करना ही होता है। हालांकि आधुनिक युग में नमस्ते की जगह हाथ मिलाने यानी की हैंडशेक ने ले ली है। हैंडशेक का चलन भारत में कम लेकिन विदेशों में खूब है। लेकिन हाल ही में चीन के भीतर दहशत फैला देने वाले कोरोनावायरस और दुनियाभर में कई संक्रमण के बढ़ते खतरे के कारण हाथ मिलाने पर रोक की मांग उठने लगी है। एक अध्ययन में इस बात की सलाह दी गई हैकि सार्वजनिक स्थानों और अस्पतालों में हैंडशेक को बंद कर देना चाहिए।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजेल्स के शोधकर्ताओं के मुताबिक, हैंडशेक करने से रोग मरीजों से डॉक्टर में फैलता है इसलिए हाथ मिलाने के बजाए सिर झुकाकर अभिवादन करना चाहिए।
चीन समेत दुनियाभर के देशों और यहां तक की भारत में भी जब कोरोनावायरस के कारण डर का माहौल है और मानव से मानव में बीमारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है ऐसे में हाथ मिलाना किसी खतरे से कम नहीं है। इसलिए जरूरी हो जाता है कि नमस्ते की प्रथा को आगे ले जाया जाए और बीमारियों से दूर रहा जाए। इस लेख में हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि कैसे नमस्ते आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
नमस्ते मतलब सम्मान
भारतीय संस्कृति से जुड़ा शब्द नमस्ते दो शब्दों 'नमस' और 'ते' के संयोजन से बना है। 'नमस' का मतलब है झुकना और 'ते' का अर्थ है आपके सामने। दोनों शब्दों को मिलाकर बनता है अपने सामने वाले व्यक्ति के सम्मान में झुकना। आपने गौर किया होगा कि नमस्ते करते वक्त आप दोनों हाथों को जोड़ते हैं, जिसमें आपके दोनों हाथों की उंगलियों के सिरे एक-दूसरे को छूती हैं। फिर आप हाथों को सीने के बीचोंबीच रखते हैं। यह एक प्रकार का चक्र है, जो प्यार और समर्पण से जुड़ा हुआ है।
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लॉजिक और विज्ञान
नमस्ते से जुड़ा एक वैज्ञानिक कारण भी है। जैसे आप दोनों हाथों को जोड़ते हैं तो आपकी उंगलियों के ऊपरी सिरों पर दबाव बढ़ने लगता है। शायद आपको इस बात की जानकारी न हो कि आपकी उंगलियों के सिरे आपके कान, आंख और मस्तिष्क के नसों के सिरे के साथ जुड़े हुए होते हैं। जब भी आप दोनों हाथों को जोड़कर नमस्ते करते हैं तो उंगलियों और मस्तिष्क की नसों के सिरे जुड़ जाते हैं और आपकी याददाश्त बेहतर होती है। विज्ञान के मुताबिक, हाथों को जोड़ने से ये प्रेशर पॉइंट्स सक्रिय हो जाते हैं और सारी जानकारी आपको याद हो जाती है।
इसके अलावा हाथ जोड़कर सीने के पास लाने से अनहत चक्र सक्रिय हो जाता है और आपके शरीर में सकरात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वृक्षासन और वीरभद्रासन में भी नमस्ते का प्रयोग किया जाता है।
हाथ मिलाने से जुड़े तथ्य
मौजूदा वक्त में हाथ मिलाना एक पॉजिटिव सोच और रुख को दर्शाता है लेकिन किसी से मिलते वक्त हाथ मिलाना आपके लिए खतरा भी साबित हो सकता है। सामने वाले व्यक्ति का हाथ साफ है या नहीं, वह किसी बीमारी से तो ग्रस्त नहीं ऐसी तमाम बातें है, जिन्हें आपको हाथ मिलाते वक्त सोचना चाहिए। फ्लू, संक्रमण जैसी तमाम बीमारियों एक-दूसरे के संपर्क में आने से ही होती हैं। इसलिए हाथ मिलाने से किसी को संक्रमण होने का खतरा भी बढ़ जाता है। मौजूदा हालात में नमस्ते करने से संक्रमण फैलने का खतरा कम हो जाता है।
हाथ मिलाने का एक फायदे ये होता है कि आप सामने वाले व्यक्ति के छिपे हुए व्यक्तित्व को जान सकते हैं। दृढ़ता और शिष्टता से हाथ मिलाना सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। इससे मित्रता और अपनेपन की भावना पैदा होती है।
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पहले के मुकाबले अब हाथ मिलाने से संक्रमण ज्यादा फैलने लगा है। हम हाथ मिलाने के बाद किसी न किसी कारण से हाथ को चेहरे, नाक, मुंह को छू लेते हैं और बीमारियों का शिकार हो जाते हैं, इसलिए हाथ मिलाने के बाद निम्नलिखित सावधानियां बरतेंः
हाथ मिलाने के बाद खुद का चेहरा कभी न छुएं।
हाथों को मुंह या होंठों पर न लगाएं क्योंकि ऐसा करने से बैक्टीरिया के मुंह में जाने का खतरा बढ़ जाता है।
हाथ मिलाने के बाद हाथ धोना न भूलें।
नमस्ते करने का सही तरीका :
- सीधे खड़े हो जाएं।
- दोनों हाथों को कोहनी से मोड़कर एक दूसरे के पास ले जाएं।
- दोनों हाथों की हथेली और उंगलियों को पूरी तरह से एक दूसरे को स्पर्श करें।
- हाथों को सीने के पास ले जाएं।
- सिर को झुकाएं और नमस्ते कहें।
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