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पेल्विक फ्लोर से जुड़े इन 3 मिथकों पर करते हैं भरोसा? एक्सपर्ट से जानिए इसकी सच्चाई

पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करने से मूत्राशय, मलाशय और गर्भाशय को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। हालांकि आज भी इससे जुड़े कई मिथक हैं, जिन पर बिना सोचे-समझें भरोसा करते हैं।  
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पेल्विक फ्लोर से जुड़े इन 3 मिथकों पर करते हैं भरोसा? एक्सपर्ट से जानिए इसकी सच्चाई

महिलाओं के शरीर में पेल्विक फ्लोर अहम मसल है। पेल्विक फ्लोर के कमजोर होने पर महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान कई तरह की परेशानियां आती हैं । पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां पेल्विक के भीतर टेलबोन (कोक्सीक्स) और प्यूबिक हड्डी के बीच स्थित होती हैं। पेल्विक फ्लोर आंत और मूत्राशय (साथ ही, महिलाओं में गर्भाशय और योनि) को सहारा देते हैं। शरीर का इतना अहम हिस्सा होने के बावजूद ज्यादातर महिलाओं को पेल्विक फ्लोर की ज्यादा जानकारी नहीं होती है। जानकारी के अभाव में महिलाएं पेल्विक फ्लोर से जुड़ी गलत बातों को सच मान लेती हैं और परेशानी में आ जाती हैं। आज इस लेख में हम डायस्टैसिस सर्टिफिकेशन कोच ईशाव मेहता लांबा से जानेंगे पेल्विक फ्लोर से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई।

पेल्विक फ्लोर से जुड़े मिथक और सच्चाई - Myths and facts about pelvic floor in hindi

डायस्टैसिस सर्टिफिकेशन कोच ईशाव मेहता लांबा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करके पेल्विक फ्लोर से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई की जानकारी दी है।

मिथक 1- पेल्विक फ्लोर अकेले काम करता है।

सच्चाई - एक्सपर्ट का कहना है कि पेल्विक फ्लोर कभी भी अकेले काम नहीं करता है। पेल्विक फ्लोर आपके शरीर के कोर सिस्टम का आधार है। यह पेट के अंदर के दबाव को प्रबंधित करने के लिए हमारे पेट की दीवार और डायफ्रॉम  के साथ काम करता है। पेल्विक फ्लोर मूत्राशय, नितंब और योनि या लिंग के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाने का काम करता है।

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मिथक 2- पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज सिर्फ नॉर्मल डिलीवरी से जन्म देने वाली महिलाओं के लिए है।

सच्चाई : पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज हर महिला के लिए बहुत जरूरी होता है। इस एक्सरसाइज का वजाइनल और सी-सेक्शन डिलीवरी से कोई लेना-देना नहीं है। हर महिला को अपनी कोर को स्ट्रांग बनाने के लिए यह करना चाहिए। एक्सपर्ट की मानें तो प्रेग्नेंसी के दौरान पेल्विक फ्लोर में बदलाव शुरू हो जाता है। इस बदलाव की वजह से पेल्विक फ्लोर के 25 प्रतिशत तक कमजोर होने की संभावना हो जाती है। इसलिए, डिलीवरी के बाद इस एक्सरसाइज को जरूर करना चाहिए।

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मिथक 3 - महिलाओं को समस्या इसलिए होती है क्योंकि इनकी पेल्विक फ्लोर कमजोर है।

सच्चाई - महिलाओं की पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को स्प्रिंग की तरह देखा जाता है। एक कड़ा स्प्रिंग ज्यादा हिलता-डुलता नहीं है, जबकि एक अधिक खींचा हुआ स्प्रिंग अपनी स्प्रिंगनेस खो देता है। ठीक इसी तरह खींची हुई मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, लेकिन कसी हुई मांसपेशियां भी अकड़ सकती हैं। अगर आपको ऐसा लगता है कि आपको वजाइना से जुड़ी समस्याएं कमजोर पेल्विक फ्लोर की वजह से हो रही है, तो आप बेवजह खुद को परेशान कर रही हैं। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो जिन महिलाओं को ऐसा लगता है कि उनकी पेल्विक फ्लोर कमजोर है और इसकी वजह से उन्हें समस्याएं हो रही हैं, तो इस विषय पर डॉक्टर से सलाह लें।

All Image Credit: Freepik.com

 

 

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