अगर आपको भी सताता है डिप्रेशन का डर, तो जाने इससे जुड़े मिथक और तथ्य

उदास रहना या हमेशा किसी न किसी चीज की चिंता में रहना डिप्रेशन के लक्षण हो सकते है। जाने डिप्रेशन से जुड़े मिथक औऱ तथ्य।
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अगर आपको भी सताता है डिप्रेशन का डर, तो जाने इससे जुड़े मिथक और तथ्य

यह जरूरी नहीं है कि इंसान हमेशा अपने जीवन में खुश रहेगा और उसे कभी किसी प्रकार का दुख नहीं होगा। हर व्यक्ति के जीवन में आए दिन किसी ने किसी तरह की परेशानियां व मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ये परेशानियां ही इंसान के उदासी का कारण बन जाती है। जिसकी वजह से व्यक्ति को लगता है कि वह डिप्रेशन (अवसाद) से पीड़ित है। आज हम आपको इस लेख में बताएंगे की डिप्रेशन (अवसाद) आखिर है क्या? और डिप्रेशन से जुड़े मिथक औऱ तथ्य क्या-क्या हैं।

क्या है डिप्रेशन?

डिप्रेशन क्या है, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है। मगर कई चिकित्सकों का मानना है कि इसके होने में कई चीजों की भूमिका होती है। अवसाद किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। शोधकर्ताओं ने अपने शोध में ये पता लगाया है कि डिप्रेशन के पीछे आनुवांशिक वजह भी हो सकती है।

depression

हमारी जिंदगी में कई पड़ाव होते है। उनमे से ही कुछ पड़ाव व पल हमारे लिए इतने महत्वपूर्ण होते हैं कि उनके टुट जाने से इंसान बहुत ज्यादा उदासी में रहने लगता है जैसे कि किसी नजदीक़ी की मौत हो जाना, अचानक खुद की नौकरी चला जाना आदि। ये उदासी ही उसे धीरे-धीरे अवसाद से पीड़ित कर देती है। इसके अलावा कई दफा इंसान को बुरे-बुरे ख्याल आते रहते है, उन्हें कुछ न कुछ बुरा होने कि आशंका होते रहती है, और हम इसे नजरअंदाज कर देते है पर इस तरह कि चींजे अगर इंसान को महसूस हो तो उसे तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि ऐसी स्थिति को अवसाद के गंभीर लक्षणों में से एक माना जाता है।

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डिप्रेशन से जुड़े मिथक - Depression Myths

डिप्रेशन कोई बीमारी नहीं है

तथ्‍य: कई लोग डिप्रशेन को बीमारी ही नहीं मानते है, इसे बस यह कह कर नकार देते है कि यह महज इंसान की कमजोरी है। हमें अवसाद को कभी भी हल्के में नही लेना चाहिए क्योंकि ये खुद में ही बहुत गंभीर बीमारी है औऱ समय रहते इसका उपचार न किया जाये तो यह कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है।

जीवन के घटनाओं से होता है डिप्रेशन

कई लोगों का यह भी कहना होता है की डिप्रेशन हमारी जिदंगी में होने वाली घटनाओं के कारण होता है। यह कहना पूर्ण रुप से सही नही है। कई बार डिप्रेशन दवाओ के साइड-इफ्केट से भी हो जाता है। और हमें इसके कारण काफी परेशानियां उठानी पड़ती है।

डिप्रेशन के उपचार में कारगर है कड़ी मेहनत

बहुत लोगों का यह कहना होता है कि डिप्रेशन महज इंसान की सोच से उत्‍पन्न एक बीमारी है। जिसका उपचार खुद को व्यस्त करके किया जा सकता है। पर यह सही नहीं है डिप्रेशन की समस्या उत्‍पन्न होने पर हमे तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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डिप्रेशन से जुड़े तथ्य - Depression Facts

किसी को भी हो सकता है डिप्रेशन:

यह एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को हो सकती है। ऐसा किसी भी शोध में भी नही बताया गया है कि डिप्रेशन किसी खास आयु वर्ग को लोगों को ही हो सकता है।

शरीर में धीरे-धीरे होता है डिप्रेशन का विकास:

मानव शरीर में इस बीमारी का विकास धीरे-धीरे ही होता है, जिससे शुरुआत में इसका पता लगाना काफी मुश्किल होता है। इसी वजह से वजह व्यक्ति धीरे-धीरे इसकी चपेट में भी आ जाता है और उसे इसका पता भी नही लगता है। डिप्रेशन के इस प्रकार को हम डायस्थेमिया भी कहते है।

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अनुवांशिकता भी हो सकता है डिप्रशेन का कारण:

डिप्रेशन या अवसाद ऐसी बीमारी है जो इंसान को अनुवांशकिता के कारण भी हो सकती है। एक शोध में यह भी बताया गया है कि 4 प्रतिशत डिप्रेशन के मामले अनुवांशिकता के कारण आते हैं।

हमें कभी भी डिप्रेशन जैसी बीमारी को हल्के में नही लेना चाहिए। ये बीमारी के संकेत मिलते ही हमें तत्काल डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि यह बीमारी अन्य बीमारियों का भी कारण बन सकती है।

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