क्या : कोरोना वायरस से लड़ाई के खिलाफ भारत में बनाई थी पहली टेस्टिंग किट
क्यों : टेस्टिंग को किफायती बनाने का काम किया।
दुनियाभर में कोरोनावायरस का प्रकोप तेजी से फैलता जा रहा है, इसी कड़ी में भारत में भी काफी तेजी से लोग इस महामारी का शिकार हो रहे हैं। कोरोनावायरस के अबतक करीब 4 मिलियन पॉजिटिव मामले सामने आ गए हैं और लगातार मामलों में बढ़त जारी है। इस महामारी का सामना लोगों को तब तक करना होगा जब तक इस वायरस को मारने वाला टीका तैयार न हो जाए, यही वजह है कि अब तक इसकी वैक्सीन तैयार नहीं हुई है और आंकडा तेजी से बढ़ रहा है। वैक्सीन के तैयार होने तक अलग-अलग तरह के परीक्षण चल रहे हैं। ऐसे ही भारत भी पहले कोविड-19 के टेस्टिंग किट के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था, पर अब MyLab Discovery Solutions ने पहली बार भारत में कोरोनावायरस टेस्टिंग किट बनाई। इस तरीके से भारत में कोविड-19 महामारी से निपटने में काफी मदद मिलेगी। ऐसी पहल करने वालों को Onlymyhealth Healthcare Heroes Awards से सम्मानित किया जा रहा है।
Onlymyhealth’s Healthcare Heroes Awards, का उद्देश्य है कि जिन लोगों लोगों और संगठनों ने इस दौरान स्वास्थ्य सेवाओं उद्योग में खास तरह के बदलाव लाए उन्हें इस योगदान के लिए सम्मानित किया जाए। MyLab डिस्कवरी सॉल्यूशंस को टेस्टिंग में ब्रेकथ्रू इनोवेशन में नामित किया गया है। आइए हम आपको बताते हैं कि यह हमारे नामांकन सूची में क्यों बनाया गया है।
परीक्षण किट के लिए लगा 6 सप्ताह का समय
जब कोरोना वायरस दुनियाभर में अपने शुरुआती दौर में था तब पुणे स्थित कंपनी MyLabs ने इस महामारी से निपटने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी थी। हालांकि किसी को भी ये अंदाजा नहीं था कि ये महामारी इस तेजी के साथ दुनियाभर में लोगों को अपना शिकार बनाएगी। भारत में कोरोना वायरस से निपटने के लिए MyLabs के 10 वैज्ञानिकों की टीम ने इसके परीक्षण किट विकसित करने के लिए अपनी सभी ऊर्जाओं को केंद्रित किया।
MyLabs ने परजीवी, वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों के लिए आणविक नैदानिक पहचान किट विकसित की है। आपको बता दें कि यह भारत में ID-NAT परीक्षण अनुमोदन वाली एकमात्र भारतीय कंपनी है। टीम में मौजूद वैज्ञानिकों ने 100 से ज्यादा गंभीर स्थितियों के लिए आरटी-पीसीआर आधारित परीक्षण तैयार करने का अच्छा अनुभव था। लेकिन कोरोना वायरस के लिए चुनौती नई थी। रोगी पर निर्भर संक्रमण कैसा है और इसके प्रसार के बाद की स्थिति को सुनिश्चित करने के लि टीम को काफी मेहनत करनी पड़ी। PathoDetect -Covid 19 परीक्षण किट को विकसित करने और इसके अनुमोदन के लिए टीम को छह सप्ताह का समय लगा।
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राष्ट्रीय गौरव और राष्ट्रीय जरूरत
MyLabs के Pathodetect-Covid19 टेस्टिंग किट को पूरी प्रक्रिया से गुजरने के बाद मंजूरी के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को 8 दिन लगे। एनआईवी का परीक्षण करते समय यह बात सामने आई कि घर में बनाए गए किट ढाई घंटे में सकारात्मक या नकारात्मक परिणाम दे सकते है, जो बाहर देशों से आने वाली किट से आधे से भी कम समय था। आईसीएमआर ने भी इस किट के परिणामों को सटीक पाया था।
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MyLabs के एमडी हसमुख रावल ने OnlyMyHealth से बात करते हुए कहा कि परीक्षण की मंजूरी के समय, हमारे पास रोजाना करीब 15,000 परीक्षण करने की क्षमता थी। वहीं, जून के महीने में हम रोजाना 2 लाख से ज्यादा परीक्षण की क्षमता तक पहुंच गए थे और आज हम अपनी उत्पादन क्षमता को रोजाना भारतीय मांग के 100 प्रतिशत तक बढ़ा सकते हैं।
मार्च से लेकर अब तक करीब 5 मिलयन से ज्यादा परीक्षण MyLab परीक्षण किट से किए गए हैं। आपको बता दें कि ये किट देश के लगभग हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में विकसित और आपूर्ति की गई है। भूटान जैसे पड़ोसी सहयोगी देशों को वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा का समर्थन करने के लिए परीक्षण किट दिए गए हैं।
टेस्टिंग किट की लागत
MyLab एक प्रतिष्ठित फर्म है जो RTPCR किट और मेडिकल डिवाइस बनाती है। MyLab के इस परीक्षण किट को आईसीएमआर (ICMR) के द्वारा अनुमोदित किया गया था। इस किट की मदद से ही सस्ती कीमत पर लोग परीक्षण कर रहे हैं। वहीं, दूसरे देशों से आने वाली टेस्टिंग किट समय के साथ महंगी होती जा रही है, इसलिए MyLab भारतीयों को कोरोनावायरस से लड़ने के लिए मदद कर रहा है। यह लैब बाहर देशों से आने वाली किट की लागत से 30 प्रतिशत कम पर लॉन्च की गई थी।
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पैथोएडेट टेस्टिंग किट का प्रभाव
MyLab के प्रबंध निदेशक हसमुख रावल ने मेड इन इंडिया टेस्ट किट के प्रभाव के बारे में ओनलीएमहेल्थ से बात की और बताया कि भारत को इस संकट की घड़ी में किसी दूसरे देश पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। प्रति मिलियन परीक्षण 3 मिलियन प्रति मिलियन से 37,000 से ज्यादा परीक्षण प्रति मिलियन से अधिक हो गया है और हमारा देश वर्तमान में विश्व स्तर पर रोजाना सबसे ज्यादा परीक्षण कर रहा है। हसमुख रावल कहते हैं कि ''हमें गर्व है कि हम इस उपलब्धि में योगदान करने में सक्षम हैं।''
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