Ayurvedic Tea To Control Hair Fall: सर्दी का मौसम हो या फिर गर्मी का, कुछ लोगों के बाल झड़ने और टूटने के लिए मौसम नहीं देखते हैं। आजकल सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी बालों के टूटने और गिरने की समस्या से जूझ रहे हैं। ज्यादा धूप, स्कैल्प की गंदगी, प्रदूषण, केमिकल्स वाले शैम्पू का इस्तेमाल करने की वजह से बालों से जुड़ी समस्या होती है। वक्त रहते अगर बालों के झड़ने, टूटने और गिरने की समस्या पर गौर न किया जाए तो आप गंजेपन का शिकार हो सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सही खानपान के साथ बालों में नियमित तौर पर तेल लगाया जाए। बालों की सही तरीके से कंघी की जाए तो इससे बालों का झड़ना रोकने में काफी मदद मिल सकती है।
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीक्षा भावसार सवलिया (BAMS Ayurveda) के अनुसार बालों को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी है, जिसमें प्रोटीन, कार्ब्स और फैट के साथ ही अन्य जरूरी विटामिन और मिनरल्स मौजूद हों। साथ ही, डॉ. दीक्षा ने अपने इंस्टाग्राम पर हेयर फॉल कंट्रोल करने के लिए एक स्पेशल आयुर्वेदिक चाय की रेसिपी भी शेयर की है। इस लेख में हम आपको हेयर फॉल कंट्रोल करने वाली चाय की रेसिपी और फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।
बालों का झड़ना रोकने के लिए आयुर्वेदिक चाय- Ayurvedic Tea For Hair Fall Control In Hindi
डॉ. दीक्षा भावसार के अनुसार इस आयुर्वेदिक चाय का सेवन हर मौसम किया जा सकता है। यह आयुर्वेदिक चाय न सिर्फ बालों का झड़ना रोकती है। साथ ही, बालों के टूटने, ड्राई होने की प्रॉब्लम भी कंट्रोल करती है। आइए जानें आयुर्वेदिक चाय को कैसे बनाया जाता है...
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आयुर्वेदिक चाय बनाने के लिए सामग्री
- पानी - 1 गिलास
- मोरिंगा के पत्ते- 10 सूखे या ताजे
- गुड़हल की पंखुड़ियां - 3 सूखी या ताजा
- करी पत्ते - 10 सूखे या ताजे
- गुलाब की पंखुड़ियां- 10-15 सूखी या ताजी
आयुर्वेदिक चाय बनाने का तरीका
हेयरफॉल कंट्रोल बनाने वाली इस आयुर्वेदिक चाय को बनाने के लिए एक पैन में पानी को गर्म करें।
गर्म पानी में ऊपर बताई गई सभी सामग्री को डालकर अच्छी तरह उबालने के लिए छोड़ दें।
3-4 मिनट उबालने के बाद, मिश्रण को छानकर एक कप में निकाल लें।
आपकी चाय तैयार हो चुकी है, इसे गुनगुना कर घूंट-घूंटकर कर पिएं।
एक्सपर्ट का कहना है कि सुबह और शाम दूध-चीनी की बजाय इस चाय का सेवन बिना किसी संकोच के किया जा सकता है।
हेयर फॉल कंट्रोल करने में क्यों मददगार है आयुर्वेदिक चाय- Ayurvedic Tea For Benefits Hair Fall Control In Hindi
1. मोरिंगा
डॉ. दीक्षा के अनुसार मोरिंग की तासीर गर्म होती है। यह कफ और वात दोष के संतुलव को बनाए रखने में मददगार होती है। मोरिंगा की पत्तियों में पर्याप्त मात्रा में बी विटामिन, फोलेट, कैल्शियम, विटामिन ए और जिंक जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बालों को पोषण देने में अहम भूमिका निभाते हैं।
2. गुड़हल
गुड़हल की तासीर ठंडी होती है, लेकिन आयुर्वेद में इसे केश्य माना जाता है। डॉक्टर के अनुसार गुड़हल में विटामिन सी, फ्लेवोनोइड्स, अमीनो एसिड, म्यूसिलेज फाइबर, नमी सामग्री और एंटीऑक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जो बालों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होते हैं।
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3. करी पत्ता
बालों की समस्याओं से निजात पाने के लिए करी पत्ते का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है। करी पत्ते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट स्कैल्प को प्राकृतिक तरीके से मॉइस्चराइजर होते हैं, जो स्कैल्प में मौजूद डेड सेल्स को हटाकर बालों को घना बनाते हैं।
4. गुलाब
आयुर्वेद में गुलाब को एक त्रिदोषिक फूल / जड़ी बूटी कहा जाता है। आयुर्वेद में गुलाब के फूलों का इस्तेमाल पित्त को शांत करने और संतुलित करने के लिए किया जाता है। यह हल्का कसैला होता है और स्कैल्प में मौजूद अतिरिक्त तेल और रूसी को कम करने में मदद करता है।
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