इलैक्‍ट्रॉनिक गैजेट्स का ज्‍यादा इस्‍तेमाल बच्चों को लगा रहा कैफीन और शुगर की लत, शोध में हुआ खुलासा

Latest Health News: इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे मोबाइल, आईपैड या फिर लैपटॉप का अधिक इस्‍तेमाल बच्‍चों में कैफीन और चीनी की बढ़ती खपत से जुड़ा हुआ है। इस बात का खुलासा हाल में हुए एक अध्‍ययन में किया गया है। 
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इलैक्‍ट्रॉनिक गैजेट्स का ज्‍यादा इस्‍तेमाल बच्चों को लगा रहा कैफीन और शुगर की लत, शोध में हुआ खुलासा


क्या आपका बच्चा भी आईपैड या फोन पर बहुत समय बिताता है? तो यह उनमें बढ़ती हुइर् चाय- कॉफी की खपत का एक संभावित कारण हो सकता है। ''स्वास्थ्य पत्रिका 'पीएलओएस वन' में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जो टीनऐजर आईपैड जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का उपयोग करने में अधिक समय बिताते हैं, वे दूसरे बच्‍चों के मुकाबले अधिक कैफीनयुक्त और शुगरी ड्रिंक का सेवन करते हैं।'' जिससे कि उनमें ब्‍लड शुगर लेवल बढ़ता है और वह मोटापे, डायबिटीज जैसी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के शिकार होते हैं।

"कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी की डॉ कैथरीन मोरिसन ने कहा, "2013 और 2016 के बीच एनर्जी ड्रिंक और और सोडा की खपत कम हुई है, लेकिन जो हमारा नवीनतम डेटा है उसके अनुसार अब यह बढ़ गया है। जिसकी वजह अधिक से अधिक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्‍तेमाल है, विशेष रूप से टीवी , नी और कैफीन की अधिक खपत से जुड़ा हुआ है। " 

विशेषज्ञों की मानें, तो उनके अनुसार इस समस्या का सबसे अच्छा संभव समाधान बच्‍चों की कांउसलिंग है। यदि ऐसी आदतों को रोका न गया, तो उनमें कैविटी, मोटापा, डायबिटीज, अनिद्रा आदि स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं पैदा हो जाएंगी। इसके शुरुआती संकेतों में सिरदर्द, मितली, दस्त, उल्टी और सोने में कठिनाई शामिल है। 

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इस अध्ययन के अनुसार, लगभग 27 प्रतिशत बच्‍चे अधिक मात्रा में चीनी का सेवन करते हैं। जबकि 21 प्रतिशत बच्चे कैफीन का सेवन अधिक करते हैं। क्‍योंकि वह इलेक्‍ट्रॉनिक गैजेट्स का उपयोग करने में इतने व्यस्त हो जाते हैं, इसलिए वे अपनी चीनी और कॉफी की खपत को नहीं देखते हैं। डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार, टीवी का एक अतिरिक्त घंटा चीनी की खपत को 32 प्रतिशत बढ़ा देता है। इसी तरह कैफीन की खपत भी 28 प्रतिशत बढ़ जाती है।

डॉ. कैथरीन मॉरिसन ने कहा, "वीडियो गेमर्स को टार्गेट करने वाले मार्केटिंग अभियानों को देखते हुए, हमें कैफीन के सेवन या एनर्जी ड्रिंक के बीच एक विशेष रूप से मजबूत सहयोग की उम्मीद थी, लेकिन इसमें टीवी अधिक मजबूती से जुड़ा हुआ था।"

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मोबाइल फोन पर बात करने या सोशल मीडिया का उपयोग करने के हर घंटे को जोड़ा गया, जिसमें चीनी और कैफीन दोनों का ही अधिक खपत के जोखिम के साथ जुड़ा हुआ था। सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना, फोन पर बात करना और बातचीत करना भी बढ़ी हुई चीनी और कैफीन के सेवन का जोखिम कारक हैं।

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