खत्म नहीं हुआ है मंकीपॉक्स का खतरा, WHO ने कहा अभी भी ग्लोबल इमरजेंसी

WHO on Monkeypox Pandemic: मंकीपॉक्स महामारी को लेकर WHO ने बड़ा बयान दिया है, डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है।
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खत्म नहीं हुआ है मंकीपॉक्स का खतरा, WHO ने कहा अभी भी ग्लोबल इमरजेंसी

WHO on Monkeypox Pandemic: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी देने हुए मंकीपॉक्स संक्रमण को लेकर लोगों को आगाह किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि मंकीपॉक्स अभी भी वैश्विक महामारी बना हुआ है। डब्ल्यूएचओ ने यह बात इमरजेंसी कमिटी के साथ आईएचआर की तीसरी बैठक में कही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बैठक में मंकीपॉक्स को लेकर कहा है कि भले ही इसके मामले दुनियाभर में घट रहे हैं लेकिन इसका खतरा दुनियाभर में बना हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लोग अब इस संक्रमण को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और इसकी वजह से खतरा कम नहीं हो रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर-जनरल टेड्रोस अधानोम घेब्रेसियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने बैठक के दौरान कहा कि "मैं सार्वजानिक स्तर पर यह कह रहा हूं कि मंकीपॉक्स का संक्रमण अभी भी ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी बना हुआ है और इसके खतरे अभी टले नहीं हैं।"

मंकीपॉक्स के मामलों में 41 प्रतिशत की गिरावट 

विश्व स्वास्थ्य संगठन की आईएचआर आपातकालीन समिति की तीसरी बैठक में यह बात कही गयी है कि दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामले पिछले सप्ताह की तुलना में कम सामने आए हैं। समिति ने इस बात पर जोर देते हुए कहा है कि 20 अक्टूबर के बाद मंकीपॉक्स के मामले का हुए हैं और इसे रोकने के लिए उठाए जा रहे कदम प्रभावी रहे हैं। मंकीपॉक्स के वैश्विक मामले पिछले सप्ताह की तुलना में इस सप्ताह लगभग 41 प्रतिशत कम आए हैं। लेकिन इसी के साथ यह भी कहा गया है कि अगर यह संक्रमण कमजोर या रूरल आबादी के बीज फैलना शुरू हो गया तो इसे रोकन बहुत मुश्किल हो जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 15 सदस्यों और 11 समिति के सलाहकारों ने भाग लिया था।

WHO on Monkeypox Pandemic

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109 देशों में 77 हजार से ज्यादा मामले

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक मंकीपॉक्स संक्रमण दुनियाभर के 109 देशों में फ़ैल चुका है और अबतक लगभग 77 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। पूरी दुनिया में मंकीपॉक्स की इस लहर में 36 लोगों की मौत भी हुई है। मंकीपॉक्स के ज्यादातर मामले पुरुषों में देखने को मिले हैं। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक मंकीपॉक्स का संक्रमण ज्यादातर ऐसे लोगों में हुआ है, जो पुरुषों के साथ समलैंगिक संबंध स्थापित करने वाले थे।

आइसोलेशन और इलाज जरूरी

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मंकीपॉक्स संक्रमण को तेजी से फैलने से रोकने के लिए आइसोलेशन और सही समय पर इलाज जरूरी है। चूंकि यह एक ऐसी बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है, इसलिए इस बीमारी को रोकने के लिए मरीजों को आइसोलेशन में रखना जरूरी है। मंकीपॉक्स का संक्रमण होने पर स्किन पर लाल रंग के रैशेज और चकत्ते, बुखार और मांसपेशियों में दर्द की समस्या होती है। अगर आपमें भी मंकीपॉक्स के लक्षण दिखते हैं, तो घबराने के बजाय सही समय पर खुद को आइसोलेट करना और इलाज लेना चाहिए।

(Image Courtesy: Freepik.com)

 

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