इनफर्टिलिटी वाली महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान करना पड़ सकता है गंभीर लक्षणों का सामना: स्टडी

हाल ही में हुई एक रिसर्च की मानें तो इनफर्टिलिटी से जूझ रही महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान कुछ गंभीर लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है।
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इनफर्टिलिटी वाली महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान करना पड़ सकता है गंभीर लक्षणों का सामना: स्टडी

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं की शरीर में बहुत से बदलाव होते हैं। ऐसे में फैट सेल्स में बदलाव, हड्डियों की डेंसिटी कम होने जैसी अन्य कई समस्याएं हो सकती हैं। हाल ही में हुई एक रिसर्च की मानें तो इनफर्टिलिटी से जूझ रही महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान कुछ गंभीर लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। रिसर्च के मुताबिक इनफर्टिलिटी से ग्रस्त रहने वाली सभी महिलाओं में सामान्य लक्षण होने के बजाय यह कुछ अलग भी हो सकते हैं। ऐसे में मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन होने के साथ-साथ सोने में समस्या भी हो सकती है। 

स्ट्रेस से भी गंभीर हो सकते हैं लक्षण 

स्ट्रेस सेहत से जुड़ी अन्य समस्याओं का कारण बनने के साथ ही मेनोपॉज के लक्षणों को भी गंभीर कर सकता है। रिसर्च के मुताबिक तनावभरी जिंदगी मेनोपॉज के जल्दी आने का कारण हो सकती है साथ ही ऐसे में इसके लक्षण भी बढ़ सकते हैं। मेनोपॉज सोसाइटी जर्नल पर जाकर आप इस रिसर्च के बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं। 

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डिप्रेशन के भी दिखे लक्षण 

Dr Stephanie Faubion, मेडिकल डायरेक्टर फॉर द मेनोपॉज सोसाइटी के मुताबिक इनफर्टिलिटी और मेनोपॉज के लक्षणों का पता लगाने वाली इस रिसर्च के मुताबिक इनफर्टिलिटी होने से महिलाओं का मासिक चक्र समय से पहले भी आ सकता है। 700 महिलाओं पर की गई इस स्टडी में देखा गया कि महिलाओं में चिड़चिड़ापन और उनके मूड में बदलाव जैसी समस्या आ रही थी। ऐसे में महिलाओं में डिप्रेशन के भी लक्षण देखे गए थे। 

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मेनोपॉज में डिप्रेशन होने पर क्या करें? 

इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्‍सलिंग साइकोलॉज‍िस्‍ट डॉ नेहा आनंद से बातचीत की। उन्होंने बताया कि मेनोपॉज में डिप्रेशन को कम करने के लिए आप लोगों से बात-चीत करें। ऐसे में टॉक थेरेपी काफी मददगार साबित होती है। ऐसी स्थिति होने पर वजन नियंत्रित रखें साथ ही खान-पान पर भी विशेषतौर पर ध्यान दें। ऐसे में ताजे फल, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें। ऐसे में कई बार हार्मोन्स में होने वाले बदलाव को बैलेंस करने के लिए चिकित्सक हार्मोनल थेरेपी की भी सलाह देते हैं।

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