कोरोनावायरस महामारी के कारण बहुत से लोगों का स्ट्रेस और टेंशन बढ़ा है और इसका उनकी मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ा है। मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखना उतना ही जरूरी है, जितना ही शारीरिक स्वास्थ्य। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आपका दिमाग सही ढ़ंग से काम नहीं करेगा, तो उसका असर धीमे-धीमे आपके शरीर पर होगा और कुल मिलाकर आप बीमार हो सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप स्ट्रेस मैनेजमेंट सीखें और अपने दिलो-दिमाग पर कुछ भी हावी होने से रोकें। पहली चीज जो आपके दिमाग में आते जाते नेगेटिव थॉट को रोक सकती है, वो है मेडिटेशन करना और दूसरी चीज है एक्सरसाइज करना। पर सोचने वाली बात ये है कि अगर कोई व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार हो रहा है, तो उसे इन दोनों में से किसे चुनना चाहिए?
मेडिटेशन मस्तिष्क को कैसे प्रभावित करता है?
अगर आप लगातार तनाव और गुस्सा आदि महसूस कर रहे हैं, तो ध्यान (meditation) वह है जो आपको शांत कर सकता है। वहीं जब आप मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके होते हैं और आपको एक्सरसाइज करने का मन नहीं होता है, ऐसे में ध्यान करना आसान हो सकता है। दरअसल ऐसे में जब आप ध्यान करने बैठेंगेतो पहले तो आपका दिमाग तमाम चीजों से भर जाएगा, पर जब आप शांत होकर और फोकस करेंगे, तो चीजें शांत हो जाएंगी और आप नींद जैसा महसूस करेंगे। ये शांति आपके मानसिक गतिविधियों को आराम पहुंचाएगी, जो इसे स्ट्रेस के दौरान महीं मिल पाता है।
इसे भी पढ़ें : Brain And Coffee: सिर्फ सुस्ती दूर करने के लिए ही नहीं, बल्कि ब्रेन बूस्टर है रोज का 1 कप कॉफी पीना
टॉप स्टोरीज़
क्या एक्सरसाइज मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं?
स्वस्थ मानसिकता को तराशने के लिए ध्यान महत्वपूर्ण है। लेकिन इसके लिए आप शारीरिक व्यायाम की भी मदद ले सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही में अध्ययन हैं जो साबित करते हैं कि एक्सरसाइज हमारे मूड को बढ़ाने में मदद करता है क्योंकि यह हमारे शरीर में सेरोटोनिन (Happy Hormone) को रिलीज करने में मदद करता है। इस तरह एक्सरसाइज करना आपके मूड को बेहतर बना सकता है। वहीं शारीरिक फिटनेस लोगों की चिंता और अवसाद जैसी गंभीर मानसिक स्वास्थ्य बीमारियों से बाहर आने में मदद करती है। इसके अलावा, यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है और शारीरिक बीमारियों को नियंत्रित रखता है जो आपकी मानसिक भलाई के लिए अच्छा है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए कौन बेहतर है मेडिटेशन या एक्सरसाइज (Meditation or Exercise)?
जब आप पूरी तरह से परेशान होते हैं और व्यायाम (Exercise) करने का प्रयास करते हैं, तो भी आप अपने इच्छित परिणामों को प्राप्त नहीं कर पाते हैं क्योंकि आप पर्याप्त ध्यान केंद्रित नहीं करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप अपने मन में खुश नहीं हैं और आप बेमन एक्सरसाइज कर रहें, तो इसका आपको ना के बराबर फायदा होगा। ऐसे में ध्यान (Meditation) आपका मार्गदर्शक कर सकता है। इस दौरान एंडोर्फिन भी यहां एक विशेष भूमिका निभाते हैं वे आपके मूड को शांत करने और ठीक करन में मदद करता है।
इस तरह तनाव कम करने, अवसाद, चिंता से मुक्ति पाने और शांति पाने करने के लिए मेडिटेशन ज्यादा प्रभावी है। ये आप अगर गुस्से में भी है, तो एक कोने में चुप बैठकर खुद को शांत कर के कर सकते हैं। लेकिन, अगर आप मानसिक तनाव के साथ कुछ और लाभ जैसे कि आप वजन घटाने की ओर देख रहे हैं, तो मेडिटेशन मददगार नहीं होगा। दरअसल जब आप शारीरिक व्यायाम से परिणाम प्राप्त करने में सक्षम नहीं होते हैं, तो इस बात की अधिक संभावना होती है कि आप इसे कुंठा के कारण क्विट कर देते हैं, ऐसे में ध्यान आपको शांत होने में मदद करेगा।
इसे भी पढ़ें : इन 7 कारणों से बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता है डिप्रेशन, जानिए कारण और बचाव
2018 में मेंटल हेल्थ से जुड़े के एक अध्ययन की मानें, तो कहा गया है कि अगर आप अपने जीवन में जल्दी ध्यान का अभ्यास करना शुरू करते हैं, तो आपका संज्ञानात्मक स्वास्थ्य बरकरार रहता है, आपको स्मृति हानि का अनुभव नहीं होता है, और आपको अल्जाइमर होने की संभावना बेहद ही कम होती है। भले ही ध्यान करना मुश्किल है, लेकिन जब आपकी मानसिक भलाई के लिए सबसे अच्छा है।
Read more articles on Mind-Body in Hindi