हड्डियों के कैंसर का पता लगाने के लिए कौन से टेस्ट किए जाते हैं?

Bone Cancer: बोन कैंसर सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि बच्चों को भी प्रभावित करता है। 20 साल के बाद ही किसी व्यक्ति में बोन कैंसर के लक्षण दिखाई देते हैं।
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हड्डियों के कैंसर का पता लगाने के लिए कौन से टेस्ट किए जाते हैं?

Medical Tests to detect bone Cancer: बोन कैंसर (Bone Cancer) के मामले भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं। बोन कैंसर या कहें कि हड्डियों का कैंसर तब होता है जब सामान्य कोशिकाएं हड्डियों के नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं। बोन कैंसर होने पर ये हड्डियों को ट्यूमर को खत्म कर देता है और शरीर के बाकी हिस्सों में तेजी से फैलता है। बोन कैंसर शरीर की किसी भी हड्डी से शुरू हो सकता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में ये हाथ-पैरों को ज्यादा प्रभाव डालते हैं।
 
कुछ बोन कैंसर सिर्फ व्यस्क ही नहीं बल्कि बच्चों को भी प्रभावित करते हैं। बोन कैंसर एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जिसके बारे में आज भी भारत में लोगों को जानकारी बहुत कम है। जिन लोगों में इसके लक्षण दिखाई भी देते हैं उन्हें ये समझ नहीं आता है कि आखिरकार इसकी जांच के लिए कौन से टेस्ट करना चाहिए। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं बोन कैंसर की जांच के लिए कौन से मेडिकल टेस्ट करवाए (Lab Test to diagnose bone cancer) जा सकते हैं। 
 
Bone cancer treatment

हड्डी के कैंसर के लक्षण- Symptoms of bone cancer

हड्डी के कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से की हड्डी को प्रभावित कर सकता है। हालांकि भारत में ज्यादातर बोन कैंसर के मामले पैर और हाथओं में देखे जा सकते हैं। हड्डी के कैंसर के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैंः
 
  • हड्डियों में लगातार दर्द रहना
  • हड्डियों में सूजन और गांठ होना
  • हाथ और पैर में बार-बार सुन्न महसूस होना
  • थोड़ा काम करने के बाद जकड़न महसूस होना
  • हाथ, पैर या किसी हड्डी का बार-बार फ्रैक्चर होना

हड्डियों का कैंसर कितने प्रकार का होता है?

किसी भी व्यक्ति में हड्डियों के कैंसर की शुरुआत 20 साल की उम्र में होती है। ये वो दौर होता है जब किसी इंसान की हड्डियों का विकास हो रहा होता है। अगर ऐसे समय में हड्डियों को पोषण न मिलें तो ये कैंसर का कारण बन सकता है।
 
 
हड्डियों के कैंसर के आम प्रकार में ओस्टियोसार्कोमा, कोंड्रोसारकोमा और इविंग सारकोमा शामिल हैं। इसके अलावा हड्डियों के कैंसर फाइब्रोसार्कोमा, लिमेयोसार्कोमा, मालिग्नेंट फाइब्रस हिस्टियोसाइटोमा, एंजियोसार्कोमा और कोरडोमा भी शामिल है। 
  Bone cancer treatment

हड्डी के कैंसर के लिए कौन से मेडिकल टेस्ट करवाए जाते हैं- How bone test is performed to detect cancer

हड्डियों का कैंसर का पता लगाने के लिए एक्स रे, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसे मेडिकल टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है। अगर किसी व्यक्ति में इन टेस्ट के जरिए बोन कैंसर की पुष्टि नहीं होती है, तो डॉक्टर बोन कैंसर की पुष्टि करने के लिए बायोप्सी भी करवाने की सलाह दे सकते हैं। 

हड्डियों के कैंसर का इलाज क्या है?- Bone cancer treatment

हड्डियों के कैंसर के लिए पहले सिर्फ सर्जरी की जाती थी। सर्जरी में कैंसर से प्रभावित हिस्से को शरीर से काटकर निकाल दिया जाता था। लेकिन वक्त के साथ विज्ञान ने काफी तरक्की कर ली है। अब कैंसर के इलाज के दौरान मरीज को शरीर का अंग निकालने की जरूरत नहीं होती है। आजकल हड्डियों के कैंसर का इलाज, स्टेज, प्रभाव और प्रकार के हिसाब से किया जाता है। 

हड्डियों के कैंसर का इलाज निम्नलिखित तरीकों से किया जाता हैः

कीमोथेरेपी 

कीमोथेरेपी में हड्डियों के कैंसर से ग्रसित मरीज को विशेष प्रकार की दवा दी जाती है। ये दवाएं कैंसर की कोशिकाओं को तेजी से नष्ट करने का काम करती हैं। कीमोथेरेपी का इस्तेमाल कैंसर के अलावा कई और बीमारियों में भी किया जाता है। 

रेडियोथेरेपी 

रेडियोथेरेपी में मशीनों की मदद से कैंसर से प्रभावित शरीर के अंग को नष्ट किया जाता है। हालांकि कुछ मामलों में मशीनों के हाई रेडिएशन की वजह से हेल्दी सेल्स के भी खत्म होने का खतरा रहता है।
 

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