देश में लगातार बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या सभी को परेशान कर रही है। बहुत सारे संक्रमित या संदिग्ध लोग जांच के लिए सामने नहीं आ रहे हैं, जिसके कारण 1 महीने से लॉकडाउन के बावजूद रोजाना 1500 से 2000 पॉजिटिव मामले बढ़ रहे हैं। इसी बीच गृहमंत्रालय के स्निफर डॉग विभाग से ताल्लुक रखने वाले कर्नल (डॉ.) पीके चुग ने कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस तरह का प्रयोग लंदन में शुरू हो चुका है। आजकल इनकी मदद से कई बीमारियों का पता लगाया जा रहा है। कैंसर के मरीजों की पहचान के लिए इन कुत्तों की मदद पहले से ही ली जा रही है।
क्या वायरस को भी सूंघ सकते हैं कुत्ते?
कर्नल चुग बताते हैं कि कुत्तों के सूंघने की बहुत तेज होती है। दुनियाभर में स्निफर डॉग्स का इस्तेमाल विस्फोटक और ड्रग खोजने से लेकर बीमारियों का पता लगाने तक किया जाता है। 'लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रोपिकल मेडिसिन' में इसके पहले मलेरिया से संक्रमित लोगों की पहचान में कुत्तों का प्रयोग करके देखा गया है। मलेरिया भी वायरस की बीमारी है और कोविड-19 भी। इसके अलावा उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति जब बीमार होता है, तो उसके खून, पेशाब और लार की गंध में बदलाव होता है। इसी आधार पर कर्नल चुग बताते हैं कि अच्छी तरह ट्रेन किए गए कुत्ते कोरोना वायरस के संदिग्ध व्यक्ति के ब्लड, यूरिन और लार को सूंघकर पता लगा सकते हैं।
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डॉ. चुग दे रहे हैं 26 सालों से कुत्तों को ट्रेनिंग
आपको बता दें कि कर्नल चुग पिछले 26 सालों से पुलिस और मिलिट्री डॉग्स को ट्रेनिंग दे रहे हैं और वर्तमान में गृह मंत्रालय की पुलिस K9 सेल के सलाहकार निदेशक हैं। उनके अनुसार जर्मन शेफर्ड, बेल्जियन शेफर्ड और लैब्राडोर नस्ल के कुत्ते मेडिकल डिटेक्शन के लिए बेहतर साबित हो सकते हैं।
भारत में 24 घंटे में बढ़े 1600 से ज्यादा मरीज
भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शुक्रवार 24 मार्च की सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार देश में अब तक 23077 लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया है। इनमें से 718 लोगों की आज सुबह तक इस वायरस के कारण मौत हो चुकी है। वहीं 4700 से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। गुरूवार को 1684 नए संक्रमित मरीज पाए गए हैं और 37 लोग मरे हैं। सबसे ज्यादा संक्रमण महाराष्ट्र में फैला हुआ है जहां पिछले 25 घंटे में 778 मरीज सामने आए हैं। इसके बाद दिल्ली में 128 नए मरीज और गुजरात में 217 नए मरीज सामने आए हैं।
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कुत्ते कर सकते हैं मरीजों का पता लगाने में मदद?
इन आंकड़ों को देखते हुए कोरोना वायरस से सभी संदिग्ध मरीजों की जल्द से जल्द जांच करना जरूरी हो गया है। भारत के अलग-अलग राज्यों में ऐसे कई हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं, जहां पर सबसे ज्यादा वायरस पाए जाने की संभावना है। इन जगहों की निगरानी के लिए और यहां रह रहे संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए अगर कुत्तों का इस्तेमाल किया जा सके, तो कोरोना से तेजी से निपटा जा सकता है। मगर अभी इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि ये कुत्ते ट्रेनिंग के बाद कोरोना वायरस को पहचान पाएंगे या नहीं।
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