Benefits Of Matki Dal: शरीर को हेल्दी और फिट बनाए रखने के लिए जरूरी है कि पोषक तत्वों से भरपूर चीजों का सेवन किया जाए। भारतीय घरों में जब पोषण की बात आती है, तो बड़े-बुजुर्गों की जुबान पर सबसे पहले नाम आता है दाल का। आपने भी अक्सर लोगों को कहते सुना होगा, “रोजाना एक कटोरी दाल पिओ और सेहतमंद रहो”। विटामिन, फोलेट, आयरन , जिंक , प्रोटीन से भरपूर दाल को हमारे देश में खाने में खास तवज्जो दी जाती है। आम तौर पर घरों में अरहर, मसूर, मूंग की दाल ही बनाई जाती है।, लेकिन आज हम आपको ऐसी दाल के बारे में बताने जा रहे हैं जो पोषण और स्वाद का संगम हैं है। इसका नाम है मटकी दाल। सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर मटकी दाल को सुपर फूड मानती हैं। रुजुता का कहना है कि मटकी दाल इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग बनाने में मदद करती है। तो आइए जानते हैं मटकी दाल के फायदे और इसे बनाने का तरीका।
कैसे करें मटकी दाल की पहचान? (How to identify Matki Dal?)
मटकी दाल को देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। कोई इसे मोठ कहता है तो कोई मट बीन के नाम से जाता है। दिखने में तो मटकी दाल, हरी मूंग दाल की तरह ही नजर आती है, लेकिन इसका साइज थोड़ा बड़ा होता है।
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मटकी दाल के फायदे (Benefits of Matki Dal)
इम्यूनिटी मजबूत करे
कोरोना के दौर में हम सब स्ट्रांग इम्यूनिटी का महत्व समझ चुके हैं। कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए मटकी दाल काफी फायदेमंद मानी जाती है। सप्ताह में 3 दिन मटकी दाल का सेवन इम्यूनिटी बूस्टर का काम कर सकता है।
पेट साफ करने में मददगार
इस दाल में आम दालों के मुकाबले ज्यादा मात्रा में विटामिन बी पाया जाता है। जिन लोगों को मल त्याग करने में परेशानी होती है उन्हें इस दाल का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
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वजन घटाने में सहायक
मटकी दाल में प्रचुर मात्रा में जिंक और फाइबर पाया जाता है। यह मांसपेशियों के निर्माण और मजबूती के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसके साथ ही जो लोग वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें भी मटकी दाल का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
मटकी दाल बनाने का तरीका (Matki Dal Recipe in Hindi)
इसे अच्छे से क्लीन करने के बाद 5 से 6 घंटा पानी में भिगोकर रखें।
जब यह दाल थोड़ी सी फूल जाए, तो इसे नॉर्मल दाल की तरह पकाएं।
आप चाहें तो मटकी दाल का सेवन खिचड़ी, और सूप के तौर पर भी कर सकते हैं।
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