एक नए अध्ययन में सामने आया है कि युवाओं और 30 वर्ष की उम्र से ज्यादा लोगों में अगर विटामिन डी का स्तर कम पाया जाता है तो उनके जीवन की लंबाई छोटी होती है। यह अध्ययन 78 हजार से ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई व्यस्कों पर किया गया और इसको करीब 20 साल से ज्यादा वक्त लगा। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों के खून में विटामिन डी का स्तर कम था उनकी मौत सामान्य स्तर वाले लोगों की तुलना में अध्ययन की अवधि में तीन गुना जल्दी हुई ।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, जब बात मृत्यु के कारणों की आती है तो विटामिन डी का स्तर डायबिटीज से होने वाली मृत्यु से स्पष्ट रूप से जुड़ा हुआ पाया गया। अध्ययन के ये निष्कर्ष बार्सिलोना में डायबिटीज के अध्ययन के लिए यूरोपीय संघ की वार्षिक बैठक में शुक्रवार को प्रस्तुत किए गए। विशेषज्ञों का कहना है कि वे यह साबित नहीं करते हैं कि विटामिन डी का कम स्तर लोगों की जिंदगियां कम कर देता है।
अध्ययन के मुताबिक, लेकिन नतीजे बड़ी संख्या में मौजूद सबूतों को समर्थन देने का काम करते हैं, जैसे कि अपर्याप्त विटामिन डी हड्डियों को पतला और कमजोर करने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। अध्ययन में यह भी कहा गया कि विटामिन डी का कम स्तर डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कुछ प्रकार के कैंसर और सोरायसिस जैसी कुछ गंभीर बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ा देता है।
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अध्ययन में शामिल एक डायटिशन कोनी डीकमैन ने कहा, ''शरीर में विटामिन डी की भूमिका कैल्शियम अवशोषण और हड्डियों के स्वास्थ्य की सहायता करने से अधिक दिखाई देती है।''
उन्होंने कहा, ''हालांकि शोध अभी भी चल रहा है।'' उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि इस बात की पुष्टि अभी भी नहीं हो सकी कि जीवन की लंबाई बढ़ाने और विभिन्न बीमारियों से बचने के लिए फूड या दवाईयों के माध्यम से विटामिन डी बढ़ाना सही है या नहीं।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में हत्तोसाहित कर देने वाले परिणाम सामने आए हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि विटामिन डी सप्लीमेंट लोगों में टाइप-2 डायबिटीज को बढ़ते खतरे को रोकने में मदद नहीं कर सकता है।
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वर्तमान शोध के मुख्य शोधकर्ता डॉ. रोड्रिग मार्क्यूलेस्क के मुताबिक, लेकिन यह एक हिस्सा हो सकता है क्योंकि बढ़ती उम्र में सप्लीमेंट किसी बीमारी को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि टाइप-2 डायबिटीज सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं की शुरुआत जीवन के शुरू में ही हो जाती है। उन्होंने व्यस्कों से दिन में विटामिन डी की मात्रा 1,500 से 2,000 आईयू जबकि बच्चों और किशोरों को 600 से 1,000 आयू रखने को कहा है।
ऐसे पूरी करें विटामिन डी की कमी
रोज रात को एक ग्लास दूध जरूर पीएं क्योंकि विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत दूध है ।
खाने या सलाद के साथ योगर्ट दे सकते हैं।
लंच और डिनर में मशरूम वाली डिशेज बनाकर खाएं दें।
चीज़ में भी अच्छी मात्रा में विटामिन डी होता है।
अंडे के पीले हिस्से में विटामिन डी होता है।
संतरे का जूस भी विटामिन डी का अच्छा स्रोत है।
मछलियां विटामिन डी का अच्छा स्रोत हैं।
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