मनमर्जी दवा लेना बन सकता है लिवर कैंसर का कारण, ऐसे करें बचाव

हमारे शरीर का बहुत ही अहम हिस्सा है लिवर। इसलिए कुछ भी खाने और पीने से पहले हमें एक बार सोचना जरूर चाहिए कि वह हमारे लिवर के लिए सही है या नहीं। 
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मनमर्जी दवा लेना बन सकता है लिवर कैंसर का कारण, ऐसे करें बचाव

हमारे शरीर का बहुत ही अहम हिस्सा है लिवर। इसलिए कुछ भी खाने और पीने से पहले हमें एक बार सोचना जरूर चाहिए कि वह हमारे लिवर के लिए सही है या नहीं। हमारी लाइफस्टाइल इतनी व्यस्त है कि हम सेहत को दरकिनार कर देते हैं। व्यस्त जीवन के चलते लोग बिना सोचे-समझे कुछ भी खा लेते हैं, जो सेहत के लिए सही नहीं होता। खास तौर पर जंक फ़ूड हमारी सेहत पर विपरीत प्रभाव डालता है। आइए जानते हैं कि अन्य कौन सी बुरी आदतें हैं जो लिवर को कमज़ोर करती हैं। और उसे मजबूत बनाने के लिए क्या उपाय अपनाए जाने चाहिए।

छोड़ें धूम्रपान

सिगरेट में मौजूद तंबाकू में टॉक्सिक केमिकल होते हैं। यह टॉक्सिक एसिड सिगरेट पीने से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जो लिवर तक पहुंच कर उसमें ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस पैदा करते हैं। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस फाइब्रोसिस को भी नुकसान पहुंचाता है। फाइब्रोसिस एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें लिवर अधिक टिशूज पैदा करता है, जो उसे खुद से रिपेयर करने में सहायक होता है। ये टॉक्सिक केमिकल लिवर की कार्य क्षमता को कमजोर करता है, जिससे वह असल कार्य करने में देरी करता है। ये अशुद्ध केमिकल्स शरीर से बाहर नहीं निकल पाते व देर तक शरीर में रहने से नुकसान पहुंचाते हैं।

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न करें एल्कोहॉल का सेवन

एल्कोहॉल लिवर के टॉक्सिक केमिकल के शरीर से बाहर निकालने के काम को कमजोर कर देता है। इससे लिवर का फोकस अपने काम से हट कर टॉक्सिक केमिकल्स को कमजोर करने में लग जाता है, जो कि फैटी लिवर का कारण बनता है। लिवर जब शरीर में होने वाले एल्कोहॉल के नुकसान को कम करने में लग जाता है तो इससे बनने वाले केमिकल्स उसकी कोशिकाओं को कमजोर कर देते है। ज्यादा शराब के सेवन से धीरे-धीरे लिवर अपना काम करना बंद कर देता है। इससे डीएनए भी प्रभावित होता है और यह कैंसर का कारण भी बन सकता है। बेहतर यही होगा कि एल्कोहॉल का सेवन न किया जाए।

मनमर्जी दवा की लत

आमतौर पर लोग छोटी सी शारीरिक परेशानी होने पर तुरंत अपनी मर्जी से दवा खा लेते हैं। ये दवाएं अपना असर तो दिखा देती हैं, लेकिन शरीर व लिवर को नुकसान पहुंचाती है। अकसर दर्दनिवारक दवा लेने के बाद पेट में कुछ दिनों तक दर्द रहता है या एसिडिटी की समस्या हो जाती है। लोग दवाई खाने से पहले डॉक्टर से परामर्श भी नहीं करते। शायद ऐसा वो समय और पैसे बचाने के लिए करते हैं। बार-बार कोई भी दवा खा लेने से लिवर कमजोर हो जाता है। यहां तक कि विटमिन ए की ज्यादा दवाएं लेने से भी लिवर $खराब होने का डर होता है।

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नींद कम लेना

आधुनिक जीवनशैली की सबसे बड़ी मुश्किल है अनिद्रा या पर्याप्त नींद न ले पाना। लोग अपने काम में इतने उलझे रहते हैं कि नींद ले ही नहीं पाते। ऐसे भी लोग हैं जो रात में पार्टी और घूमने के लिए अपनी नींद त्याग देते हैं। ऐसे लोगों में लिवर संबंधित तमाम परेशानियां सामने आती हैं। हर किसी के लिए 6-7 घंटे की पर्याप्त नींद जरूरी है। जब हम सोते हैं तो शरीर अन्य हिस्सों की रिपेयरिंग करता है। अपने सोने और जगने का समय निश्चित करें। समय पर सोना और उठना सेहत का मूलमंत्र है।

जंक फूड का क्रेज

आज सभी जंक फूड के मुरीद हैं। लेकिन जंक फू ड लिवर के लिए बहुत ही खतरनाक होते हैं। इसीलिए हमेशा ताजा, सही और स्वास्थ्य से भरपूर पौष्टिक खाने का ही प्रयोग करें। बाहर के खाने में प्रयोग हुआ तेल और मसाले में मॉलिक्यूल्स होते हैं, जो लिवर व हृदय दोनों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होते हैं। लिवर के अच्छे स्वास्थ्य के लिए खानपान की आदत व जीवनशैली को सुधारना जरूरी है।

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