आंखों में कमी हो या कोई मानसिक विकार, ज्यादा प्रभाव याददाश्त पर पड़ता है। वहीं बढ़ती उम्र के साथ-साथ भी याददाश्त कमजोर हो जाती है, जिसके कारण व्यक्ति के सोचने समझने की क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है। लेकिन एक अध्ययन सामने आया है, जिसने याददाश्त कम करने के खतरे को रोकने के लिए को सटीक उपचार बताया है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपनी इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि स्कवाट्स कैसे अल्जाइमर के खतरे को कम करता है। साथ ही जानेंगे कि एस्कॉर्ट्स के क्या फायदे और करने की विधि क्या है। पढ़ते हैं आगे...
ये स्टडी साउथ वेल्स विश्वविद्यालय (the University of South Wales) के प्रोफेसर डेमियन बेली (he University of South Wales) द्वारा की गई है। उन्होंने बताया कि दिमाग में रक्त के प्रवाह और ऑक्सीजन के संचार में सुधार करने में स्कवाट्स एक बेहतर विकल्प है। हमारा दिमाग ऑक्सीजन पर निर्भर करता है। जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे दिमाग में अधिक रक्त प्रवाहित करने की जरूरत होती है। इस कार्य में स्कवाट्स आपके काम आ सकता है। स्कवाट्स ब्रेन में रक्त के प्रभाव को सुचारू रूप से करने में मदद करते हैं और ऑक्सीजन की आपूर्ति करते हैं। स्कवाट्स न्यूरोजेनेसिस को उत्तेजित करता है और मस्तिष्क अधिक न्यूरॉन्स और कोशिकाएं बनाता है। साथ ही स्कवाट्स बीटा-एमिलॉइड (beta-amyloid) नामक प्रोटीन को तोड़ने या उसके काम को धीमा करने में मदद करता है। यह खराब प्रोटीन दिमाग में बनने वाला चिपचिपा पदार्थ है। स्कवाट्स मस्तिष्क में सूजन को कम करने में मददगार है। स्कवाट्स करने से मस्तिष्क को अधिक रक्त प्राप्त करने में मदद मिलती है।
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स्कवाट्स करने की विधि
- एस्कॉर्ट्स करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को सामने की तरफ खोलें।
- अब कुर्सी की शेप में बैठ जाएं।
- पैरों के बीच समानांतर होनी चाहिए।
- अब थोड़ी देर इस अवस्था में बैठने के बाद फिर से पहले की स्थिति में आ जाएं।
- अब दोबारा से इस प्रक्रिया को दोहराएं।
शुरुआत में स्कवाट्स को करते वक्त थोड़ी समस्या पैदा हो सकती है। कूल्हों पर ज्यादा जोर ना दें। बता दें कि स्कवाट्स बेसिक, वेटेड, डीप, हाफ, वाल, फ्रंट, बैक आदि प्रकार के होते हैं।
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स्कवाट्स के फायदे
1 - स्कवाट्स करने से पाचन क्रिया सही रहती है।
2 - स्कवाट्स एक्सरसाइज करने से चोट आने की संभावना कम हो जाती है और जोड़ मजबूत होते हैं।
3 - स्कवाट्स करने से मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
4 - स्कवाट्स करने से पैर, कमर, पेट, हिट्स आदि का फैट कम होता है।
5 - शरीर को सुडौल बनाने में स्कवाट्स एक अच्छा विकल्प है।
6 - स्कवाट्स करने से टांगों में मजबूती आती है और शरीर का संतुलन बना रहता है।
7 - स्कवाट्स करने से बॉडी का पोस्टर ठीक होता है और कमर से संबंधित परेशानियां भी दूर हो जाते हैं।
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एक्सपर्ट ने बताया कि स्क्वाट्स करने से याददाश्त पर प्रभाव पड़ता है। यह अध्ययन बिल्कुल सही है। लेकिन स्कवाट्स को करने के दौरान कुछ सावधानियों पर ध्यान देना जरूरी है। ज्यादा दबाव नीचले हिस्से पर नहीं डालना चाहिए। ज्यादा जोर पड़ने से रीढ़ की हड्डी में भी दर्द की समस्या शुरू हो सकती हैं। इसके अलावा बॉडी का पूरा भार एढ़ी पर होना चाहिए जो पंजों पर डालने से घुटने कमजोर हो सकते हैं।
ये लेख गेटवे ऑफ हीलिंग साइकोथेरेपिस्ट डॉ. चांदनी (Dr. Chandni Tugnait, M.D (A.M.) Psychotherapist, Lifestyle Coach & Healer) से बातचीत पर आधारित है।
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