
Lifestyle Changes To Boost Metabolism In Older People: शरीर में एनर्जी को बनाए रखने के लिए मेटाबॉलिज्म बेहद आवश्यक होता है। शरीर में भोजन की एनर्जी में बदलने का काम मेटाबॉलिज्म के द्वारा ही किया जाता है। इसके बाद मेटाबॉलिज्म सभी अंगों को एनर्जी प्रदान करता है। समय के साथ मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिसकी वजह से लोगों को थकान व कमजोरी महसूस होने लगती है। बुजुर्गों के मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के लिए उनकी लाइफस्टाइल में कुछ आवश्यक बदलाव करने होते हैं। आगे डाइटिशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि बुजुर्गों के मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के लिए किस तरह के बदलाव कर सकते हैं। मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने से बुजुर्गों के एनर्जी के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। आगे जानते हैं इसके लिए लाइफस्टाइल में किए जाने वाले कुछ आवश्यक बदलाव।
बुजुर्ग की लाइफस्टाइल में बदलाव कर स्लो मेटाबॉलिज्म करें बूस्ट - Lifestyle Changes To Boost Metabolism In Older People in Hindi
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग
मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के लिए आप कार्डियो व स्ट्रेंथिंग एक्सरसाइज को शामिल कर सकते हैं। उम्र बढ़ने के साथ ही मांसपेशियां कम होने लगती है, जिसका सीधा असर मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से आप मांसपेशियों की ग्रोथ और बचाव के लिए आवश्यक होता है।
हाइड्रेटेड रहें
डिहाइड्रेशन स्लो मेटाबॉलिज्म से संबंधित होता है। इससे बचने के लिए शरीर के लिए आवश्यक पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं। इससे भोजन को पचाने में मदद मिलती है। साथ ही, मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। इसके लिए आप थर्मोजेनिक फूड आइटम जैसे मिर्च, ग्रीन टी व लीन प्रोटीन का सेवन कर सकते हैं। शरीर के टेम्परेचर को बढ़ाकर आप मेटाबॉलिज्म को अस्थायी रूप से बूस्ट कर सकते हैं।
स्लीप पैर्टन को फॉलो करें
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है पर्याप्त नींद लेना बेहद आवश्यक होता है। नींद की कमी हार्मोनल स्तर को प्रभावित कर सकता है। नींद शरीर के भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को प्रभावित करती है। लेकिन, नींद में कमी की वजह से कुछ बुजुर्ग अधिक खाना खाते हैं और इससे उनका वजन बढ़ सकता है। यह सीधे मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर डाल सकता है। इससे बचने के लिए आप एक दिन में 7 से 8 घंटे के स्लीप पैर्टन को फॉलो करें।
तनाव को कम करें
लंबे समय से तनाव के कारण आपका मेटाबॉलिज्म स्लो हो सकता है। तनाव होने पर कोर्टिसोल का स्तर प्रभावित होता है। इस हार्मोन में बढ़ोतरी आपके वजन को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। ऐसे में मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के लिए आप स्ट्रेस और तनाव को मैनेज कर सकते हैं।
लाइफस्टाइल में एचआईआईटी को शामिल करें
हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) को अपने डेली एक्सरसाइज की लिस्ट में शामिल करने से मेटाबॉलिजम को बूस्ट करने में मदद मिलती है। बुजुर्ग व्यक्ति HIIT के बाद कुछ समय के लिए रेस्ट करें। इस तरह के व्यायाम से कैलोरी तेजी से बर्न होती है। साथ ही, इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होता है। इसमें आप तेज चलना, साइकिल चलाना, तैराकी जैसी गतिविधियों को लाइफस्टाइल का हिस्सा बना सकते हैं।
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मेटाबॉलिज्म शरीर की एनर्जी के लिए बेहद आवश्यक होता है। अधिक आयु होने पर आप लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव कर मेटाबॉलिज्म को आसानी से बूस्ट कर सकते हैं। इसके लिए आप डॉक्टर या फिटनेस ट्रेनर की मदद ले सकते हैं।
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