लड़कियों में देर से सोने की आदत बन सकती है मोटापे और वजन बढ़ने का कारण: स्‍टडी

जो लड़कियां देर रात तक जागती है, उनमें समय से सोने वाली लड़कियों की तुलना में मोटापा और अधिक वजन होने का खतरा होता है। इस बात का दावा हाल ही में हुए एक नए शोध में हुआ है। रात में देर से सोना और अनियमित नींद का पैटर्न लड़कियों में मोटापे से जुड़ा है।
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लड़कियों में देर से सोने की आदत बन सकती है मोटापे और वजन बढ़ने का कारण: स्‍टडी


आजकल आपने युवाओं में देर तक‍ जगने की आदत देखी होगी। अधिकतर लोग रात में फोन या मूवी, वीडियो और अन्‍य कई कारणों से देर में सोते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि लड़कियों के लिए देर से सोना उनका सबसे बड़ा दुश्‍मन हो सकता है, जो उनके फिटनेस और बॉडी को मेंटेन रखने के सपने को पानी में मिला सकता है। जी हां हाल में हुए एक अध्‍ययन में पाया गया कि लड़कियों को देर रात सोना अधिक वजन और मोटापे की समस्‍या से जुड़ा है। 

एल्सी टवेरास, एमडी, एमपीएच, शोध के प्रमुख लेखक का कहना है, ''अच्‍छी और पूरी नींद के साथ समय पर सोना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि आपकी स्‍लीप साइकिल यानि आपके सोने और जागने का समय आपकी दैनिक गतिविधियों के हिसाब से होना बहुत जरूरी है।" 

कैसे किया गया अअध्‍ययन 

यह अध्ययन मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल फॉर चिल्ड्रन और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, यूएसए द्वारा किया गया था। उन्होंने लगभग 386 लड़कों और 418 लड़कियों को इस अध्‍ययन में शामिल किया जिनकी उम्र 12 से 17 के बीच थी। लगभग पांच दिनों तक देखा और उन्हें एक्टिग्राफ दिया गया था जो उनकी गतिविधि और आराम की अवधि दर्ज करता था। इस डेटा की मदद से, उन्होंने प्रत्येक बच्चे के गतिविधियों की जांच की, जो सोशल जेट लैग स्टेटस के साथ-साथ जल्दी उठने या देर से रहने की उनकी प्राथमिकता को इंगित करता है।

शोधकर्ताओं ने अपने मानवजनित माप को भी इकट्ठा किया जो हड्डी, मांसपेशियों और फैट टिश्‍यु को मापता है और उनके शरीर की संरचना को परिभाषित करता है।

शोध के परिणाम 

अध्ययन JAMA बाल रोग में प्रकाशित किया गया था,  जिसमें निष्कर्ष निकाला गया था कि रात को देर से सोने से मोटे तौर पर केवल लड़कियों में मोटापे से जुड़ा है, लड़कों में नहीं। आमतौर पर देर से सोने वाली लड़कियों में औसतन 0.58 सेंटीमीटर कमर का आकार और लगभग 0.16 किलोग्राम शरीर की चर्बी बढ़ी हुई पाई गई।

यह शोध सप्ताह के सभी दिनों युवा लड़कियों में सही नींद के समय की आवश्यकता को दर्शाता है। इसलिए माता-पिता को उनका ध्‍यान रखना चाहिए और उन्हें समय पर सोने और समय पर जागने में मदद करनी चाहिए।

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एलिजाबेथ सेस्पेडेस फेलिसियानो, स्कैड, एस.एम. के अनुसार सप्ताह भर की नींद के पैटर्न में बड़ी परिवर्तनशीलता सामान्य शरीर क्रिया को बाधित कर सकती है, जिसके परिणामस्वरूप मोटापा और कार्डियोमेटाबोलिक का जोखिम होता है," 

“अध्ययन मोटापे के जोखिम को प्रभावित करने में सोने के समय के महत्व का समर्थन करता है और अभिभावको कों अपने बच्चों के सोने के कार्यक्रम और उनके जागने के समय के साथ-साथ शाम को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और कैफीन के उपयोग को सीमित करके उनकी नींद में सुधार के लिए प्रोत्साहित करना है।

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