What Is Lasik Eye Surgery In Hindi: लेसिक आई सर्जरी आमतौर पर चश्‍मे से छुटकारा दिलाने के लिए किया जाता है। यह आपके लिए कितना सही है, इसके बारे में विस्‍तार से जानने के लिए पढ़ें येे लेख।

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लेसिक आई सर्जरी क्‍या है: एक्‍सपर्ट से जानें इसकी प्रक्रिया, सावधानियां और फायदे

What Is Lasik Eye Surgery In Hindi: लेसिक आई सर्जरी आमतौर पर चश्‍मे से छुटकारा दिलाने के लिए किया जाता है। यह आपके लिए कितना सही है, इसके बारे में विस्‍तार से जानने के लिए पढ़ें येे लेख।

Atul Modi
Written by: Atul ModiUpdated at: Nov 15, 2019 14:11 IST
लेसिक आई सर्जरी क्‍या है: एक्‍सपर्ट से जानें इसकी प्रक्रिया, सावधानियां और फायदे

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LASIK Eye Surgery In Hindi: आजकल एक बड़ी संख्या में लोग अच्छा व सुंदर दिखने की होड़ में लगे हुए है। इसलिए तमाम लोग चश्मा छोड़कर लेसिक सर्जरी कराने लगे हैं। बेशक यह नेत्र दृष्टि सुधारने का एक सरल उपाय है और इससे रोजाना चश्मा या लेंस पहनने से भी छुटकारा मिल जाता है, पर इससे पहले कि कोई यह सर्जरी करवाए, इस प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी अवश्य प्राप्त कर ले।

लेसिक एक ऐसी प्रसिद्ध सर्जरी है, जिसका प्रयोग नजदीकी चीजों को देखने में परेशानी, दूर की चीजों को देखने में परेशानी और आंख की गोलाई ठीक न होने की समस्या को सही करने के लिए किया जाता है। लेसिक का पूरा नाम लेजर इन सिटु केराटोलियुसिस (Laser in-situ keratomileusis) है।

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सभी प्रकार की लेजर सुधार सर्जरी कॉर्निया को सही आकार देने के काम आती हैं। कोर्निया आंख के सामने वाले हिस्सा होता है, जो आंख के पीछे लगे रेटिना पर रोशनी को सही से केंद्रित करने का काम करता है। लासिक उन तकनीकों में से एक है, जो कोर्निया को दोबारा से आकार देने के लिए प्रयोग की जाने वाली सर्जिकल तकनीक है।

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लेसिक सर्जरी की प्रक्रिया और विशेषताएं

नई दिल्‍ली के नेत्र रोग विशेषज्ञ, डॉक्‍टर राजीव जैन के मुताबिक, लेसिक सर्जरी के अंतर्गत लेजर की मदद से दृष्टि दोष के अनुकूल, कॉर्निया को फिर से आकार दिया जाता है। परिणामस्वरूप मरीज चश्मा पहने बगैर बिल्कुल स्पष्ट देख सकता है। आज ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी की मदद से लेजर के द्वारा यह विधि अंजाम दी जाती है, जो इसे सटीक और त्रुटिरहित बनाती है। लेसिक सर्जरी में किसी टांके और पट्टी का प्रयोग नहीं होता। इसके अतिरिक्त यह एक पीड़ाहीन विधि है।

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ध्यान देने योग्‍य बातें

हालांकि यह सर्जरी बहुत सुरक्षित है, लेकिन मरीज को ऑपरेशन करवाने से पहले यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि एक बार जो बदलाव कॉर्निया में कर दिए गए हैं, उन्हें बदला नहीं जा सकता। ऐसा इसलिए, क्योंकि हमारी आंखें शरीर का सबसे नाजुक अंग होती हैं। इसलिए यह सर्जरी किसी अच्छे नेत्र विशेषज्ञ से ही करवाएं। लेसिक सर्जरी के कोई दुष्प्रभाव नहीं होते, पर कुछ मामलों में शुरुआती दिनों में मरीज कुछ असुविधा या आंखों में सूखापन (ड्राईनेस) अनुभव कर सकता है, पर ऐसी परेशानी बहुत ही कम पाई जाती है और अधिकतर लोग इस सर्जरी से काफी संतुष्ट होते हैं।

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कब कराएं यह सर्जरी

    • वैसे तो 18 साल की उम्र के बाद यह सर्जरी करवाई जा सकती है। इसके अतिरिक्त, सर्जरी करवाने से पहले अपनी आंखों की पूर्ण जांच अवश्य करवाएं।
    • आई सर्जन कॉर्निया की मोटाई (थिकनेस) के अनुसार ही लेसिक सर्जरी कराने का निर्णय लेते हैं।
    • लेसिक सर्जरी की अपनी खूबियां हैं, लेकिन इस सर्जरी की कुछ सीमाएं भी हैं। 

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