वजन घटाने के लिए लेजर थेरेपी

कम समय में शरीर पर जमा अतिरिक्त चर्बी को हटाने के लिए लेजर थेरेपी की मदद ली जा सकती है।
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वजन घटाने के लिए लेजर थेरेपी

वजन कम करने के लिए आप क्या-क्या नहीं करते। अपने आहार पर काबू से लेकर योग तक। अपने रोजमर्रा के ढर्रे को बदलने से लेकर जिम में घण्टों पसीना बहाने तक। लेकिन, आजकल दौर विज्ञान का है। और विज्ञान का तो मकसद ही इनसानी जिंदगी को आसान बनाना है। तो, फिर वजन कम करने की इस कवायद में विज्ञान आपका हमसफर क्यों नहीं बन सकता।

जांच कराती हुई महिला

विज्ञान की नयी देन लेजर, थेरेपी इन दिनों वजन कम करने की चाह रखने वालों के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है। लेजर थेरेपी के जरिए फैट कोशिकाओं को हटाया जाता है। और इसमें कोई दर्द भी नहीं होता।

 

क्या है लेजर थेरेपी

लेजर थेरेपी से बिना किसी तकलीफ के मोटापे का इलाज किया जाता है। इस तकनीक का इस्तेमाल कर कुछ ही घंटे में लेजर की मदद से स्किन में मौजूद फैट सेल को खत्म किया जाता है। वे लोग जो कम समय में पतला होना चाहते हैं, उनके लिए लेजर थेरेपी काफी मददगार साबित हो सकती है। ऐसे लोग एक्सरसाइज व डायटिंग के चक्कर में ना पड़कर लेजर थेरेपी करवाना ही बेहतर समझते हैं।
 
लेजर थेरेपी से शरीर पर जमा चर्बी वाले हिस्सों जैसे कमर, हिप व थाई से करीब साढ़े तीन इंच तक फैट कम किया जा सकता है। लेजर विशेषज्ञों ने दावा किया कि लेजर आधारित दर्दरहित और प्रभावकारी इलाज पद्धति शरीर का वजन कम करने में सर्जरी के सुरक्षित विकल्प के रूप में लोकप्रिय होती जा रही है और इसका कोई दुष्परिणाम भी नहीं है।

 

कैसे होती है लेजर थेरेपी

लेजर थेरेपी से सामान्य इलाज प्रक्रिया के तहत एक महीने तक सप्ताह में दो बार बीस-बीस मिनट का सेशन होता है। इसमें निम्न स्तर की लेजर उर्जा शरीर के चर्बी वाले हिस्से के आस-पास प्रवाहित की जाती है। निम्न स्तरीय लेजर डायोड से चर्बी की कोशिका, झिल्लियां (सेल-मेम्ब्रान) टूटती हैं और कोशिकीय वसा बाहर हो जाती है।

इस पद्धति की विशेषता यह है कि इससे चमड़ी, रक्त कोशिकाओं और परिरेखीय (पेरिफेरल) तंत्रिकाओं को नुकसान नहीं होता । इस थेरेपी की खास बात यह है कि इसका इस्तेमाल शरीर के किसी खास हिस्से में किया जाता है। लेजर पैड को शरीर के चर्बी वाले हिस्से में रखकर चर्बी को बाहर निकाल दिया जाता है। आहार नियंत्रण एवं व्यायाम के जरिये पूरे शरीर में जमा चर्बी को कम किया जा सकता है लेकिन किसी खास हिस्से में नहीं। यह प्रक्रिया सुरक्षित भी है और इसका कोई दुष्परिणाम नहीं है।

 

 

लेजर थेरेपी के फायदे

  • लेजर थेरेपी को इस प्रकार बनाया जाता है कि यह शरीर के चयपाचय क्रिया को ठीक रखता है,जिससे आपका शरीर आसानी से कैलोरी बर्न कर सकता है। सात ही यह आपकी भूख को भी काबू में रखता है।  
  • इस तकनीक के प्रयोग के बाद आप खुद में काफी बदलाव महसूस करेंगे। आप अगर थोड़ा-थोड़ा खाना खाएंगे तो भी आपको पेट के भरे होने का एहसास होगा।
  • लेजर तकनीक के बाद शरीर से इंड्रोफिन्स नामक हार्मोन का स्राव होता है जो दिमाग व मूड को शांत व प्रसन्नचित्त बनाता है। इससे आप तनाव से दूर रहते हैं साथ ही आपके ऊर्जा के स्तर में भी सुधार होता है।

 

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