शरीर के पुराने से पुराने रोग का खुलासा करेगी 'लैब ऑन ए चिप' तकनीक

अन्वेषकों ने एक नई तकनीक 'लैब ऑन ए चिप' विकसित की है, जो खुलासा करती है कि मानव कोशिकाएं कैसे आपस में संपर्क करती हैं।
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शरीर के पुराने से पुराने रोग का खुलासा करेगी 'लैब ऑन ए चिप' तकनीक


अन्वेषकों ने एक नई तकनीक 'लैब ऑन ए चिप' विकसित की है, जो खुलासा करती है कि मानव कोशिकाएं कैसे आपस में संपर्क करती हैं। यह तकनीक कैंसर और स्वप्रतिरोधी तंत्र में गड़बड़ी के इलाज की नई राह खोल देती हैं। शोधकर्ताओं ने एक सूक्ष्म संवेदनशील ओप्टोफ्लूडिक बायोसेंसर बनाया है जो वैज्ञानिकों को एकल कोशिकाओं को अलग करने, कम से कम 12 घंटों तक वास्तविक समय में उनका विश्लेषण करने और उनके व्यवहार का निरीक्षण करने की सुविधा देता है।

ऑस्ट्रेलिया में मेलबर्न स्थित आरएमआईटी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अर्नान मिशेल ने कहा कि एकल कोशिका का विश्लेषण करने से बीमारियों के नए इलाज की प्रबल संभावना है, लेकिन प्रभावशाली विश्लेषण तकनीकों की कमी के कारण अनुसंधान प्रगति नहीं कर पा रहा था। उन्होंने कहा कि नया बायोसेंसर एक ऐसा शक्तिशाली उपकरण है जो हमें कोशिका के संचार और व्यवहार की व्यापक जानकारी देता है। इससे बीमारियों के उपचार के नए तरीके विकसित किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा, अगर हम कोशिकाओं के व्यवहार की स्पष्ट रूपरेखा देखते हैं तो इससे हमें अच्छी कोशिकाओं को खराब कोशिकाओं से अलग करने में मदद मिलेगी।

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कोशिकाओं के लिए ये है फायदेमंद

सीमित मात्रा में बीयर का सेवन करने से दिमाग की मांसपेशियों क्षति पहुंचना से रक्षा होती है। बिहेवियर ब्रेन रिसर्च जर्नल में प्रकाशित शोध की मानें को बीयर में मौजूद फ्लेवनॉयड्स दिमाग की सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा भी कुछ शोध सीमित मात्रा में बीयर पीने के कुछ अन्य फायदे बता चुकी हैं। तो चलिये विस्तार से जानें कि दरअसल सिमित मात्रा में बीयर पीने से क्या लाभ होते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक बीयर में पाया जाने वाला जैंथोह्यूमोल नामक तत्व याददाश्त को बेहतर और दिमाग को सजग रखने में सहायक होता है।

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बीयर का संतुलित मात्रा में सेवन करने से एल्जाइमर और डिमेंशिया जैसे मानसिक रोगों का खतरा भी कम हो जाता है। 2005 में हुए एक शोध में 11,000 बूढ़ी महिलाओं का अध्ययन किया गया, जिसके परिणामों से आधार पर उन्होंने इस तथ्य का खुलासा किया।

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