महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे ज्यादा मौतों का कारण सर्वाइकल कैंसर बनता है। सर्वाइकल कैंसर को बच्चेदानी का कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, यूट्राइन सर्विक्स कैंसर आदि भी कहा जाता है। दुनियाभर में हर साल करोड़ों महिलाएं सर्वाइकल कैंसर के कारण अपनी जान गंवाती हैं। सवाल उठता है, आखिर क्यों महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले इतने ज्यादा बढ़ रहे हैं?
विशेषज्ञ बताते हैं कि सर्वाइकल कैंसर, अन्य सभी कैंसरों की तरह मुख्यतः अनुवांशिक रूप से ही फैलता है। इसके अलावा गलत लाइफस्टाइल, गलत खानपान और कुछ गलतियां भी महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के खतरे को बढ़ा देती हैं। अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें, तो सर्वाइकल कैंसर से बचाव संभव है।
साफ-सफाई का खास ख्याल रखें
सर्वाइकल कैंसर बच्चेदानी के मुख यानी सर्विक्स में होने वाला कैंसर है। यह बच्चेदानी के भीतरी व बाहरी किसी भी सतह पर हो सकता है। थोड़ी सी अवेयरनेस और सावधानी सर्वाइकल कैंसर से बचाव कर सकती है। अपने प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई का हमेशा खास ख्याल रखें।
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समय पर टेस्ट करवायें
योनि से असामान्य खून निकलना, सफेद पदार्थ निकलना, दर्द होना या अन्य कोई परेशानी होने पर पर महिलाएं डॉक्टर से संपर्क करें और जरूरी टेस्ट करवाएं। एचपीवी टेस्ट व कोल्पोस्कोपी टेस्ट करवा कर आप आने वाले खतरे को पहचान उसका समय पर इलाज करवा सकती हैं।
शारीरिक संबंध के समय सावधानी
मेच्योरिटी से पहले शारीरिक संबंध, बहुत ज्यादा या गलत तरीके से बनाया गया संबंध भी सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकता है। इसलिए ऐसे संबंधों के दौरान हमेशा साफ-सफाई का ध्यान रखें और कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें। साथ ही इस दौरान खून निकलने या तेज दर्द को नजरअंदाज न करें। ऐसा होने पर डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
खानपान पर ध्यान दें
सर्वाइकल कैंसर के फैलने के लिए खानपान भी बहुत हद तक जिम्मेदार होता है। यदि आपकी डायट चार्ट में ताजे फल और हरी सब्जियों का अभाव है तो सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अपने आहार में स्वस्थ और ताजे फलों को शामिल कीजिए। और साथ ही आहार में विटामिन युक्त भोजन को प्राथमिकता दें।
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निदान होने पर डरें नहीं
सर्वाइकल कैंसर का निदान होने पर डरें नहीं, पूरा इलाज करवाएं और डॉक्टर से पूरी जानकारी लें। यह कैंसर होने पर सर्जरी, कीमोथैरेपी व रेडियो थैरेपी के माध्यम से इलाज किया जाता है। सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों को पता करके भी आप सर्वाइकल कैंसर से बच सकते हैं। किसी भी कैंसर का पता अगर शुरूआत में ही लग जाए, तो उस पर काबू पाया जा सकता है, ऐसे में लापरवाही बरतना भी ठीक नहीं होगा ।
सावधानियां बरतें -
- शारीरिक संबंध बनाते समय अत्यधिक दर्द व ब्लीडिंग होने और मासिक धर्म के अनियमित और अधिक रक्त स्राव होने को हल्के में न लेकर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
- यूरीन पास करने में परेशानी होना, जलन होना, सफेद तरल पदार्थ का अत्यधिक मात्रा में रिसाव होना, कमर, पैरों में दर्द इत्यादि भी सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों में आते है।
- कई महिलाएं सोचती हैं कि युवावस्था में इस तरह के कैंसर होना संभव नहीं लेकिन सर्वाइकल कैंसर 20 वर्ष की उम्र में भी हो सकता है।
- इस कैंसर का इलाज संभव है, बशर्तें डॉक्टर के निर्दशानुसार ट्रीटमेंट लिया जाए तो।
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