किसी भी तरह का कैंसर हो वो खतरनाक होता ही है, वहीं, अगर कैंसर की स्थिति आखिरी स्टेज पर पहुंच जाती है तो वो जानलेवा भी हो सकती है। ऐसे ही बोन कैंसर है जिसमें शुरुआती चरण में कोई संकेत नहीं मिलता लेकिन जब ये गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है तो काफी परेशान करने वाला हो जाता है। बोन कैंसर या हड्डियों का कैंसर तब होता है जब एक ट्यूमर, या कैंसर का ऊतक एक हड्डी में बनता है। हड्डियों में ट्यूमर काफी घातक हो सकता है, जिसका अर्थ है कि यह काफी तरह से शरीर में फैल रहा है। इसके लक्षण लोगों को आसानी से समझ नहीं आते क्योंकि लोगों को इस कैंसर को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं है। जबकि अगर किसी को इसकी जानकारी हो तो वो समय पर इसे पहचान कर इलाज करवा ले। लेकिन अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है हम आपको इस लेख में बोन कैंसर या हड्डियों के कैंसर के बारे में सभी जानकारी देंगे।
हड्डियों के कैंसर का कारण (Causes Of Bone Cancer In Hindi)
हड्डी के कैंसर का कारण बहुत साफ नहीं है, लेकिन कुछ ऐसे जरूरी कारक हैं जो किसी व्यक्ति की हड्डी में हो रही असामान्य वृद्धि की संभावना को बढ़ा सकते हैं। जैसे:
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- अक्सर स्वस्थ कोशिकाएं लगातार पुरानी कोशिकाओं को अलग करती हैं। हमारे शरीर में इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद वे मर जाते हैं। लेकिन असामान्य कोशिकाएं जीवित रहती हैं। वे ऊतक का द्रव्यमान बनाने लगते हैं जो एक समय पर ट्यूमर में बदल जाते हैं, जिसके कारण कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- कैंसर का पारिवारिक इतिहास, विशेषकर हड्डी का कैंसर अगर परिवार में किसी को है तो ऐसे मामले में किसी को भी हड्डियों का कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- विकिरण उपचार या चिकित्सा प्राप्त करना।
- पगेट रोग होना, जो एक ऐसी स्थिति है जिसके कारण हड्डियां टूट जाती हैं और फिर असामान्य रूप से वापस बढ़ती हैं।
- पहले किसी प्रकार का ट्यूमर रहा हो।
लक्षण (Symptoms)
- प्रभावित हड्डियों में दर्द और सूजन लगातार होते रहना।
- शरीर में मौजूद सभी लंबी हड्डियों में पैलेटिन कठोर बनना।
- हड्डियों में थका हुआ महसूस करना।
- आसानी से टूटी हुई हड्डियां।
- तेजी से वजन घटना।
- हड्डियां अचानक सुन्न पड़ जाना।

हड्डियों के कैंसर के प्रकार (Types Of Bone Cancer In Hindi)
ओस्टियोसारकोमा: अक्सर आपके घुटने और ऊपरी बांह के आसपास बनता है। युवा वयस्कों को इसे प्राप्त करने की सबसे ज्यादा संभावना है, लेकिन वयस्कों में एक और रूप आम है जिन्हें पगेट की हड्डी की बीमारी है। ये भी एक प्रकार का कैंसर के खतरे को बढ़ावा देता है।
ईविंग का सारकोमा: ये स्थिति आमतौर पर 5 और 20 साल की उम्र के बीच के लोगों में होती है। आपकी पसलियां, श्रोणि, पैर और ऊपरी बांह सबसे आम साइट हैं। यह आपकी हड्डियों के आसपास काफी नरम ऊतक में भी शुरू हो सकता है।
इलाज (Treatment)
बचाव (prevention)
- धूम्रपान कम से कम मात्रा में करें।
- अपनी डाइट को अच्छी तरह से तैयार करें।
- हरी सब्जियों पर ज्यादा से ज्यादा जो देने की कोशिश करें।
- नियमित रूप से फल और जूस का सेवन जरूरी।
- मोटापा न बढ़ने दें।
- रोजाना कम से कम आधा घंटा एक्सरसाइज जरूर करें।
- धूप का सामना कम करें, ज्यादा देर तक धूप के सामने न रहें।
- लक्षण नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाकर जांच कराते रहें।
- हड्डियों में हो रहे तेज दर्द या गांठ को बिलकुल भी नजरअंदाज न करें।
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