
ब्लैडर पेन बहुत ही कम देखने को मिलता है और ज्यादा गंभीर नहीं होता। इसलिए हम इसे हल्के में टाल देते हैं। परन्तु ब्लैडर पेन को हल्के में टालने की गलती नहीं करनी चाहिए। यह एक मामूली से इंफेक्शन से लेकर कैंसर तक हो सकता है। हम सोचते हैं कि ब्लैडर पेन का कारण केवल इंफेक्शन ही हो सकता है। यह सही नहीं, अन्य भी और बहुत से कारण हो सकते हैं। जिन्हें जान कर आप हैरान रह जाएंगे।
अक्सर देखा गया है कि जब महिलाओं को मूत्राशय में दर्द होता है, तो वे इसकी गंभीरता का मूल्यांकन नहीं करतीं। चाहिए। इस पेन का कारण ब्लैडर कैंसर या यूरिन पैसेज का संक्रमण भी हो सकता है। यही नहीं अन्य और भी बहुत से कारण हैं, जानिए।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI)
इसको ब्लैडर इंफेक्शन भी कहा जाता है और यह पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में होता है। इसका कारण होता है कि महिलाओं का यूरेथरा कीटाणुओं वाली जगह जैसे वेजाइना के ज्यादा पास होता है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है। महिलाओं में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन आम तौर पर मांसपेशियों में दर्द, पेट में दर्द, थकान और कमजोरी शामिल है। इसके लिए आप अपने डॉक्टर को दिखाएं और वह आप को एंटी बायोटिक्स दे देंगे।
रिप्रोडक्टिव सिस्टम में बदलाव (Changes in Your Reproductive System)
ब्लैडर पेन आप की वेजाइना की त्वचा के पतली होने के कारण भी हो सकता है। मेनोपॉज के दौरान अक्सर ऐसा होता है। मेनोपॉज के कारण वेजाइना के आस पास वाले टिश्यू नष्ट हो जाते हैं। इस कारण भी ब्लैडर में इंफेक्शन हो सकता है। आप इसके बारे में अपने डॉक्टर से अवश्य बात करें। वह इसके लक्षणों को ठीक करने के लिए कुछ दवाइयां दें देंगे।
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इंटर स्टिशल सिटिसिस (interstitial cystitis)
यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें ब्लैडर की वाल इरिटेट और सूजन हो जाती है। इसके लक्षणों में हल्का फुल्का दर्द शामिल होता है। मासिक धर्म इस दर्द को और अधिक बढ़ा देते हैं। यदि इसके साथ साथ ही यूटीआई हो जाता है तो आप के लक्षण और अधिक बिगड़ जाते हैं। इसके कारण स्ट्रेस या डाइट में बदलाव आदि हो सकता हैं। दवाइयां या फिजिकल थेरेपी से इसे ठीक किया जा सकता है।
ब्लैडर कैंसर (Bladder Cancer)
ब्लैडर कैंसर बहुत ही कम होता है, खास कर महिलाओं में। इसके लक्षणों में पेशाब करते समय दर्द होना या पेशाब में खून आना आदि शामिल हैं। इसके उपचार में कीमो थेरेपी या सर्जरी आदि शामिल है। कुछ केस में तो ब्लैडर के सभी हिस्सों को रिमूव कर दिया जाता है। यह कुछ महिलाओं में भी हो जाता है परन्तु महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले बहुत कम ब्लैडर कैंसर पाया जाता है। अतः इसके लक्षण दिखते ही आप को डॉक्टर से उपचार लेने में किसी भी तरह की देरी नहीं करनी चाहिए।
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यदि आप को इन में से कोई भी लक्षण देखने को मिलता है तो आप को अपने डॉक्टर्स की सलाह एक बार तो अवश्य लेनी चाहिए। आप स्वयं डॉक्टर बन कर इन चीजों को हल्के में न टालें। यह जानलेवा भी हो सकता है। यदि ब्लैडर पेन के दौरान आप की पेल्विक मसल्स भी टाईट ही जाती हैं, तो यह आप के दर्द को और भी अधिक तेज बना सकती हैं। इस केस को यूटीआई या कैंसर न मान कर हम ब्लैडर पेन सिंड्रोम कह सकते हैं।
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