गॉलब्लैडर या पित्ताशय, जो कि आपके पाचनतंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह आपके लिवर और छोटी आंत के बीच एक पुल की तरह काम करता है। पित्त की थैली एक छोटी थैली होती है, जो लिवर के नीचे होती है। पित्ताशय की थैली जिगर द्वारा उत्पादित पित्त को संग्रहीत करती है। आपकी पित्त की थैली एक छोटे नाशपाती के आकार की होती है। यह कहा जा सकता है कि आपके बेहतर स्वास्थ्य के लिए गॉलब्लैडर या पित्त की थैली का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। गलत खानपान के कारण आपको गॉलब्लैडर की कई बीमारियों से गुजरना पड़ सकता है।
पित्ताशय की थैली की बीमारियां
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पित्त की पथरी
कई बार गलतखान या अन्य कई कारणो से पित्त की थैली में छोटे-छोटे अलग-अलग आकार के क्रिस्टल बन जाते हैं, जो कि पित्त की पथरी का निर्माण कर सकते हैं। पित्ताशय की पथरी आपको कई बार काफी तकलीफ में डाल सकती है। आमतौर पर पित्त पथरी में अचानक उठने वाला असहनीय पेट व कमर दर्द, मतली या सूजन हो सकती है। कई बार यह दवाओं से सही हो जाता है और कई बार सर्जरी की आवश्यकता होती है।
कोलेलिस्टाइटिस
कोलेलिस्टाइटिस आपके पित्ताशय की एक सूजन और जलन है। यह एक तरह से पित्त की थैली का एक संक्रमण है, जो अक्सर पित्ताशय की थैली में एक पित्त पथरी के कारण भी होता है। कोलेलिस्टाइटिस गंभीर दर्द और बुखार का कारण बनता है। यदि संक्रमण लंबे समय तक रहे, तो सर्जरी भी करवानी पड़ सकती है।
पित्ताशय का कैंसर
कुछ मामलों में पित्ताशय का कैंसर भी संभव है। इसके लक्षण पित्त की पथरी के समान हो सकते हैं, जिसमें पीठ व पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द आदि शामिल हैं। यदि लक्षणों का पता देर से चलता है, तो इलाज थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
गाॅॅलस्टोन पैंक्रियाटाइटिस
गाॅॅलस्टोन पैंक्रियाटाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें पैंक्रियाज में सूजन आ जाती है। पैंक्रियाटिक क्षति तब होती है, जब कि पाचन एंजाइम सक्रिय हो जाते हैं इससे पहले कि वे छोटी आंत में रीलीज हों और वह पैंक्रियाज को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। गाॅॅलस्टोन पैंक्रियाटाइटिस यह नलिकाओं को अवरुद्ध और अग्न्याशय को सुखा देता है। जिसकी वजह से पैंक्रियाज में सूजन और एक गंभीर स्थिति हो जाती है।
जब खाने की बात आती है, तो कम ही लोग ऐसे होंगे, जो स्वाद को पीछे रखते हुए स्वास्थ्य के नजरिए से कुछ खाते होंगे। लेकिन आपके खानपान पर ही आपका संपूर्ण स्वास्थ्य निर्भर करता है। ऐसे में जरूरी है कि आप खाने के दोनों पहलू को ध्यान में रखकर खाएं। लेकिन क्या खाना आपके लिए अच्छा है और क्या नहीं, इसके बारे में कई बार आपको हो सकता है मालूम न हो। आइए जानते हैं कि आप यदि गॉलब्लैडर की समस्या से पीडि़त है या पित्ताशय को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो आप इन फूड्स के सेवन से बचें।
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इन चीजों के सेवन से बचें
बेक्ड फूड्स
यदि आपको पित्ताशय से जुड़ी कोई समस्या है या पित्त की थैली से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए आप बेक्ड फूड्स के सेवन से बचें। जैसे कि मफिन, कुकीज़, कप केक और अन्य बेक्ड फूड्स के सेवन से बचें। बेक्ड फूड्स चाहे घर का बना हो या बेकरी से खरीदा दोनों ही आपके लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। क्योंकि इनमें हमेशा सैचुरेटेड और ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है।
हालांकि, जो लोग पित्त की थैली से जुड़ी समस्याओं से पीडि़त नहीं हैं, उनके लिए यह इतना आवश्यक नहीं। लेकिन जो पित्ताशय से जुडी समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन्हें इससे खासा परहेज करना चाहिए। क्योंकि पित्ताशय की थैली में फैट को ठीक से संसाधित करने में असमर्थता के कारण दर्द और परेशानी हो सकती है। यदि आप पित्ताशय की पथरी से पीडि़त हैं, तो लो फैट वाले भोज्य-पदार्थों को ही चुनें।
कॉफी
कॉफी पित्ताशय की थैली में संकुचन का एक बड़ा कारण है। इसलिए, पित्त पथरी वाले लोगों को कॉफी पीने से बचना चाहिए।
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हाई फैट वाले डेयरी उत्पाद
पित्ताशय की थैली को स्वस्थ और पित्त संबंधी समस्याओं में हाई फैट डेयरी उत्पादों से भी परहेज बरतना चाहिए क्योंकि यदि आप पित्त संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो ऐसे में आपका पाचन बेहतर होना चाहिए। ऐसे में हाई फैट वाले डेयरी उत्पाद के सेवन से पाचन में परेशानी हो सकती है। जिसके परिणाम स्वरूप दर्दनाक पेट में ऐंठन या उल्टी से परेशान हो सकते हैं।
मीठी चीजों के सेवन से बचें
मीठी यानि अधिक चीनीयुक्त चीजों के सेवन से कोलेस्ट्रॉल गाढ़ा हो जाता है , जिससे दिल के रोगों के साथ-साथ गाल ब्लैडर में पथरी का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए मीठी चीजों का सेवन सीमित कर लें।
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