
ऑयल पुलिंग को प्राचीन आयुर्वेद की दंत तकनीक में 'कुल्ला' कहते हैं, जो कि मुंह से संबंधित कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में बेहद प्रभावशाली माना जाता है। भारत में पांच हजार से ज्यादा वर्षों से प्रयोग में आ रही 'कुल्ला' पद्धति भारत में ही विकसित हुई है। कुल्ला करने के लिए नारियल के तेल का प्रयोग विश्वभर में प्रसद्धि है। इसे करना बहुत ही आसान होता है और इसके नतीजे सामने आने में भी कम समय लगता है। कुल्ला करने से मुंह से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है और मसूड़े की सूजन, प्लाक और सूक्ष्मजीवों के कारण मुंह से बांस की समस्या भी दूर होती है। अपने दंत समस्याओं की देखभाल करने के अलावा कुल्ला करने से आपका पाचन स्वास्थ्य भी दुरुस्त रहता है। अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें अपने पाचन स्वास्थ्य को लेकर हमेशा चिंता रहती है तो आप इस प्राचीन समय की तकनीक को जरूर ट्राई करें। इस लेख में हम आपको इस तकनीक से जुड़े कुछ जरूरी तथ्यों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जो आपके लिए काफी लाभदायक साबित हो सकते हैं।
पाचन में कैसे सहायता करता है नारियल के तेल से कुल्ला
कुल्ला करना का सबसे सकरात्मक प्रभाव हमारे मुंह के स्वास्थ्य पर पड़ता है, जिसके बारे में भी सभी जानते हैं। लेकिन सब ये बात नहीं जानते होंगे कि कुल्ला करने से आपके पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद मिल सकती है। नारियल के तेल से कुल्ला करने पर आपके मुंह अंदर तक साफ होता है, मसूड़ों का स्वास्थ्य बेहतर होता है और आपके दांत भी सफेद होते हैं। और तो और ये आपके पाचन स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पाचन की क्रिया सबसे पहले हमारे मुंह के साथ ही शुरू होती है। जब खाना हमारे मुंह को छूता है तो हमारी जीभ फूड में सभी पोषक तत्वों का पता लगा लेती है और पाचन तंत्र को संकेत देना शुरू कर देती है। अगर आपका मुंह साफ नहीं होगा तो आपकी जीभ आपके पेट को संकेत देने में सक्षम नहीं होगी। इसलिए जब पेट में खाना पहुंचता है तो वह सही से नहीं टूट पाता और उसके सारे पोषक तत्व भी अवशोषित नहीं हो पाते हैं।
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नारियल का तेल ही क्यों?
आपके दिमाग में सबसे पहला सवाल ये ही आया होगा कि नारियल के तेल से ही कुल्ला क्यों? ऑलिव ऑयल, सूरजमूखी का तेल जैसे दूसरे तेल से क्यों कुल्ला नहीं किया जा सकता। आयुर्वेद के मुताबिक, नारियल का तेल अन्य तेलों के मुकाबले कई स्वास्थ्य लाभ से युक्त होता है और नारियल अधिक प्रभावी भी है। नारियल में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-माइक्रोबायल गुण होते हैं। इसके अलावा ये खाने योग्य और सुरक्षित भी है। हमारा मुंह कई प्रकार के बैक्टीरिया का घर होता है। कुछ अच्छे होते हैं तो कुछ हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। कुल्ला करने से खराब बैक्टीरिया को निकालने में मदद मिलती है लेकिन माउथवॉश अच्छे बैक्टीरिया को भी नष्ट कर देते हैं।
नारियल के तेल से कैसे करें कुल्ला
स्टेप 1
अपने मुंह में एक चम्मच नारियल का तेल डालें और कम से कम एक मिनट तक उसे मुंह में हिलाएं।
स्टेप-2
ऐसा करने के बाद ऑयल को वॉश बेसिन में थूक दें।
स्टेप-3
आप एक मिनट के साथ इसकी शुरुआत कर सकते हैं और बाद में टाइमिंग बढ़ा सकते हैं।
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स्टेप-4
ज्यादा जोर से मुंह में तेल को न हिलाएं और न ही उसे निगलने का प्रयास करें।
स्टेप-5
नारियल तेल से कुल्ला करने का सबसे सही वक्त है सुबह खाली पेट।
सही नारियल तेल का चुनाव करें
आप तेल से कुल्ला करने के लिए कोई भी नारियल तेल का प्रयोग नहीं कर सकते। जब आप तेल से कुल्ला करने के लिए किसी प्रकार का नारियल तेल खरीद रहे हों तो आपको अधिक एहतियात बरतने की जरूरत होती है। आप केवल ऑर्गेनिक, कच्चा या फिर अनरिफाइन्ड नारियल का तेल खरीद सकते हैं।
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