एक सही जूते का चुनाव करना बेहद जरूरी है। नहीं तो आपको एक फूली हुई एड़ी या दर्दनाक छालों का सामना कर पड़ सकता है। लेकिन मधुमेह रोगी यानी कि डायबिटिक लोगों को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि वह अपने पैरों के लिए किस प्रकार के जूते-चप्पल चुन रहे हैं। दरअसल खराब जूते फुट अल्सर, संक्रमण और यहां तक पैरों में फ्रेक्चर जैसी गंभीर समस्याएं भी पैदा कर सकते हैं। वहीं 'यूनाइटेड किंगडम' के एक विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि दुनिया के केवल एक-चौथाई लोग ही सही आकार के जूते पहनते हैं। अध्ययन की मानें तो डायबिटीज वाले 10 में से 6 लोग गलत साइज के जूते पहनते हैं। जिसके कारण ज्यादातर डायबिटिक लोग न्यूरोपैथी और पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज के शिकार होते हैं। न्यूरोपैथी के कारण पैरों की नसों को नुकसान पहुंचाता है। इससे पैरों की नसें सून पड़ जाती है, जिससे पैरों में गर्म, ठंडा या किसी भी चोट का अहसास नहीं होता है। आगे चलकर यह एक इंफेक्शन के रूप में बाकी शरीर के अंगों में फैल सकता है। पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज के कारण हमारे ब्लड वेस्लेस सिकुड़ने लगते हैं। जिससे ब्लड सर्कुलेशन कम होने लगता है। इसी वजह से डायबिटीज के रोगियों को अगर कोई घाव हो जाए तो वह जल्दी से ठीक नहीं हो पाता है।
एक डायबिटीज के मरीज को डायबिटिक जूते ही पहनने चाहिए, जो उनके संवेदनशील पैरों को अतिरिक्त सुरक्षा और आराम दे सके। दरअसल इस तरह के जूतों में अतिरिक्त गहराई होती है, जिसमें पैर के किसा भाग पर दवाब नहीं पड़ता। यह एक तरीके के चिकित्सीय जूते ही होते हैं, जिसे शुगर शूज़ भी कहा जाता है। आइए हम आपको बताते हैं इन शुगर शूज के कुछ खास विशेषताएं, जिसे ध्यान में रखकर आप इन्हें खरीदें।
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शुगर शूज के कुछ खास विशेषताएं-
जूता अंदर से नरम हो: किसी भी डायबिटिक व्यक्ति के जूता खरीदते वक्त इस बात का खास ख्यास रखना चाहिए कि जूता अंदर से नरम हो, बिना किसी सिलाई के हो जो पैरों में चुभे।
टॉप स्टोरीज़
- स्ट्रेचेबल- जूते का ऊपरी भाग काफी स्ट्रेचेबल हो जो पैरों की उंगलियों को अतिरिक्त सुरक्षा और कंफर्ट प्रदान करे।
- एक्स्ट्रा-डेप्थ डिज़ाइन- एक ढीली फिट वाले जूते हमेशा ही आरामदायक होते हैं। इसके लिए जरूरी है कि जूते में एक्स्ट्रा-डेप्थ यानी कि काफी गहराई हो।
- डीप टो-बॉक्स - सबसे अच्छे डायबिटिक जूते में पैर के अंगूठे को फैलाने के लिए काफी स्पेस होता है, जिससे पैरों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता, और वे फ्री रहते हैं।
- मल्टीपल विडथ्स - डायबिटीज के मरीजों को चौड़े चौड़े जूते पहनने चाहिए, जिसकी चौड़ाई खूब हो।
- हल्के सोल्स वाले जूते - जूते के हल्के सोल्स पैरों की गति में सुधार करते हैं और इस तरह चलने में आसानी होती है।
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डायबिटिक पैरों की देखभाल-
जिन लोगों को डायबिटीज है, उनके लिए जरूरी है कि वह अपने पैरों का खास ख्याल रखें । ऐसे लोगों को पैरों की स्वच्छता और किसी भी तरीके के घाव को लेकर सतर्क रहना चाहिए। आइए हम आपको बताते हैं डायबिटिक पैरों को ख्याल रखने के कुछ टिप्स-
- डायबिटीज के मरीज को हर दिन पैर अच्छे से धोना चाहिए।
- प्रत्येक दिन पैरों की जाँच करें, जिससे किसी भी प्रकार के चोट या पैरों में बदलाव का पता चल सके।
- कंर्टेबल जूते और मोजे पहनें।
- पैरों में ब्लड सर्कुलेशन को सही रखें।
- बैठते समय पैरों को ऊपर उठाएं, पैर की उंगलियों को समय-समय पर चलाएं और पर्याप्त व्यायाम करें।
- नाखूनों को सावधानी से ट्रिम करें: पैर के नाखूनों को ट्रिम करें और उन्हें छोटा रखें क्योंकि नाखून में अगर कोई चोट लग जाए तो इंफेक्शन हो सकता है।
- पैरों को अत्यधिक तापमान से बचाएं: अत्यधिक गर्म और ठंड के संपर्क में आने से मधुमेह वाले लोगों के पैरों को नुकसान हो सकता है।
- पैरों का नियमित चेकअप करवाते रहें।
- ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखें ।
- धूम्रपान से बचें: धूम्रपान से ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है, जिससे मधुमेह वाले लोगों में पैरों से जुड़ी किसी प्रकार की समस्या बदतर हो सकती है।
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