प्रतिरक्षा कोशिकाओं में कमी और सूजन से है बुजुर्गों को खतरा, जानें क्या कहते हैं वैज्ञानिक

 डायबिटीज और फेफड़ों की बीमारी नहीं बल्कि प्रतिरक्षा तंत्र की कमी और सूजन के कारण हो सकता है बुजुर्गों को खतरा। जानें क्या कहते हैं वैज्ञानिक।
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प्रतिरक्षा कोशिकाओं में कमी और सूजन से है बुजुर्गों को खतरा, जानें क्या कहते हैं वैज्ञानिक


कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को है। अभी तक इसका कारण डायबिटीज़ और फेफड़ों की बीमारी को बताया जा रहा था। लेकिन अब कारण कुछ और ही सामने आ रहा है। वैज्ञानिकों अब प्रतिरक्षा तंत्र में कमी और सूजन को इसका कारण मान रहे हैं। जब हमारी उम्र बढ़ने लगती है तो शरीर में सूजन और प्रतिरक्षा कोशिकाएं सतर्क होने लगती हैं। यही कारण है कि जब कोई रोगाणु हमला होता है तब मृत्यु होने की ज्यादा संभावना रहती है। 

जानें प्रतिरक्षा तंत्रों का क्या काम होता है

बता दें कि प्रतिरक्षा तंत्र के ढलने और सूजन के कारण प्रतिरक्षा तंत्र द्वारा भेजे गए संदेश नहीं पहुंच पाते हैं। चूंकि प्राकृतिक प्रतिरक्षा तंत्र की अतिसक्रियता का खतरा बढ़ जाता है इसलिए बड़ी उम्र के लोग कोरोना से नहीं लड़ पाते।

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कैसे कम करें सूजन

वैसे तो शोधकर्ता अभी भी पता लगा रहे हैं कि क्या सूजन के कम होने पर बुजुर्गों को बचाया जा सकता है? पर हां सूजनरोधी दवा से प्रतिरक्षा तंत्र को सुधारा जा सकता है।  

कम टी सेल्स से भी बुजुर्गों को जोखिम

टी सेल्स का काम होता है संक्रमित कोशिकाओं को खत्म करना। लेकिन बुजुर्गों में इनकी कमी होती है इसलिए वे संक्रमित कोशिकाओं को नहीं रोक पाते। टी सेल्स की ख़ासियत होती है कि यदि कोई संक्रमित कोशिका फिर से हमला करती है तो वे उनसे लड़ने में कारगर होती है।

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युवा के लिए कैसे खतरनाक

विशेषज्ञों के अनुसार, उन कोशिकाओं और पदार्थ पर शोध करना चाहिए, जिनके कारण प्रतिरक्षा तंत्र में कमी आ रही है। कुछ वैज्ञानिक ने ये भी पाया है कि कम उम्र के युवाओं में भी बुजुर्गों की तरह गंभीर बीमारी के पैटर्न मिल सकते हैं।

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