वर्ल्‍ड किडनी डे: किडनी फेल होने के हैं ये 7 लक्षण, जानें बचाव का तरीका

कुछ लक्षणों में से कई लक्षण बहुत अस्पष्ट होते हैं। ये लक्षण इतनी धीमी गति से बढ़ते हैं कि रोगी अक्सर इनकी तरफ ध्यान नहीं दे पाते और सही समय पर समुचित इलाज नहीं हो पाता।
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वर्ल्‍ड किडनी डे: किडनी फेल होने के हैं ये 7 लक्षण, जानें बचाव का तरीका


जब गुर्दे काम करना बंद कर देते हैं, तब शरीर में कई लक्षण उत्पन्न होते हैं। हालांकि कुछ लक्षणों में से कई लक्षण बहुत अस्पष्ट होते हैं। ये लक्षण इतनी धीमी गति से बढ़ते हैं कि रोगी अक्सर इनकी तरफ ध्यान नहीं दे पाते और सही समय पर समुचित इलाज नहीं हो पाता। आइए सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट, क्यू.आर.जी. हॉस्पिटल, फरीदाबाद के विशेषज्ञ डॉक्‍टर जीतेंद्र कुमार से जानते हैं किडनी फेल होने के लक्षणों और बचाव करने का तरीका।

किडनी खराब होने के लक्षण

  • हाथों और पैरों में सूजन उत्पन्न हो जाती है।
  • रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) बढ़ जाता है। हड्डियों में दर्द होता है।
  • कमजोरी, जी मिचलाना और उल्टी महसूस होती है।
  • रोग के बढ़ जाने पर सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है।
  • उनींदापन महसूस होता है।
  • किन्हीं गंभीर स्थितियों में पीड़ित व्यक्ति कोमा या बेहोशी में जा सकता है। रोगी की जान पर बन आ सकती है।
  • शरीर में रक्त की कमी होना।

ऐसे करें रोकथाम

कहते हैं कि रोग का इलाज होने से बेहतर है कि इसे होने ही न दिया जाए। कुछ सुझावों पर अमल कर आप किडनी संबंधी बीमारियों से बच सकते हैं...

पर्याप्त तरल पदार्थ लें

स्वस्थ लोगों को रोजाना दो से चार लीटर तक पानी व तरल पदार्थ ग्रहण करने चाहिए। इसके विपरीत जो लोग किडनी के विकारों से ग्रस्त हैं, उन्हें पानी व अन्य तरल पदार्थों का सेवन किडनी रोग विशेषज्ञ (नेफ्रोलॉजिस्ट) के परामर्श से करना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों के सेवन से किडनियों को शरीर से सोडियम, यूरिया और अन्य नुकसानदेह पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।

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प्रोटीन कम लें

जब किडनी कमजोर हो जाती हैं, तब शरीर में यूरिया व अन्य नुकसानदेह तत्वों का स्तर बढ़ने लगता है। इस स्तर को कम करने के लिए प्रोटीन का सेवन कम कर देना चाहिए। प्रोटीन पनीर, दालों, फलियों, सोयाबीन और मांसाहारी खाद्य पदार्थों में पाया जाता है।

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नमक का सेवन कम करें

विभिन्न खाद्य व पेय पदार्थों के जरिये शरीर में रोजाना 5 ग्राम (एक छोटी चम्मच) तक नमक पहुंचना चाहिए। इससे ज्यादा नमक न लें। खाद्य पदार्र्थों में अलग से नमक नहीं डालें।

धूम्रपान से परहेज

धूम्रपान किडनी में रक्त के प्रवाह को धीमा कर देता है। जब किडनी में कम रक्त पहुंचता है, तो ये सही ढंग से कार्य नहीं कर पाते। धूम्रपान किडनी के कैंसर के खतरे को भी 50 प्रतिशत तक बढ़ा देता है। अपने रक्त चाप को कम करने के लिए डॉक्टर के परामर्श से दवा का सेवन करें।

खुद को फिट रखें

सप्ताह में कम से कम पांच बार जॉगिंग, साइकिल चलाना या तैराकी जैसे सामान्य तीव्रता वाले व्यायाम करें। योग विशेषज्ञ के परामर्श से योगासन-प्राणायाम करें। अगर किडनी पूरी तरह से खराब हो गई हो, तब भी डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण की मदद से पीड़ित व्यक्ति सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

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