"जापान की सरकार ने सभी माइक्रोवेव ओवन को खत्म करने का फैसला किया है। 2020 तक जापान में माइक्रोवेव ओवन पूरी तरह बैन हो जाएंगे। साउथ कोरिया और चीन ने भी इस बात की घोषणा की है कि वो 2021 तक अपने यहां माइक्रोवेव ओवन का प्रोडक्शन बंद कर देंगे।"
ऐसा एक मैसेज आजकल व्हाट्सएप और फेसबुक पर काफी वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर ये मैसेज हिंदी, अंग्रेजी, जापानी, स्पैनिश, नेपाली आदि कई भाषाओं में वायरल किया जा रहा है। इस मैसेज में यह दावा भी किया जा रहा है कि, "यूनिवर्सिटी ऑफ हिरोशिमा के रिसर्च में पता चला है कि माइक्रोवेव ओवन का इस्तेमाल करने से रेडिएशन का खतरा होता है। ये रेडिएशन 20 साल से कम उम्र के लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है।"
अगर आपने भी इस मैसेज को पढ़कर सच मान लिया है, तो रुकें। हम आपको बता रहे हैं इस मैसेज में कितनी सच्चाई है और क्या सच में माइक्रोवेव ओवन का प्रयोग सेहत के लिए खतरनाक होता है?
पूरी तरह झूठी है ये खबर
"जापान में माइक्रोवेव बैन" होने वाली ये खबर एक झूठी अफवाह है। न तो जापान ने ऐसी कोई घोषणा की है कि वो माइक्रोवेव ओवन को अपने यहां बैन करने वाले हैं और न ही यूनिवर्सिटी ऑफ हिरोशिमा में ऐसी कोई रिसर्च हुई है, जिसमें माइक्रोवेव ओवन को सेहत के लिए हानिकारक पाया गया हो।
दरअसल ये खबर सबसे पहले एक रशियन सटायर वेबसाइट 'Panorama.pub' पर छापी गई थी। सटायर वेबसाइट्स ऐसी वेबसाइट्स होती हैं, जिन पर छपे आर्टिकल्स व्यंग्य के लिए लिखे जाते हैं। इनमें कोई सच्चाई नहीं होती है। आमतौर पर सटायर में किसी व्यवस्था या परंपरा पर तंज करते हुए बात लिखी जाती है।
वेबसाइट पर छपे इस व्यंग्य को किसी व्यक्ति ने सच्ची खबर मान लिया। धीरे-धीरे ये अफवाह कई भाषाओं और कई देशों में वायरल हो गई। इसके अलावा इस मैसेज के लाखों शेयर हो चुके हैं।
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क्या सच में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है माइक्रोवेव ओवन का प्रयोग?
World Health Organization (WHO) यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो माइक्रोवेव ओवन का प्रयोग तब तक बिल्कुल सुरक्षित है, जब तक आप इसका प्रयोग उत्पादनकर्ता (Manufacturer) के निर्देशों के अनुसार करते हैं। माइक्रोवेव ओवन का इस्तेमाल खाने को गर्म करने और पकाने के लिए किया जाता है। इसके सुरक्षित इस्तेमाल के लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं।
माइक्रोवेव से पैदा होने वाली ऊर्जा खाने की सतह के बहुत अंदर तक नहीं पहुंच पाती है। इसलिए इसमें ऐसी चीजें पकाना जो बहुत मोटी हैं, सही नहीं होता है। अगर भोजन ठीक से नहीं पकता है, तो ये सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
क्या माइक्रोवेव में खाना गर्म करने से कम हो जाते हैं पोषक तत्व?
कुछ लोग मानते हैं कि माइक्रोवेव में खाना गर्म करने या पकाने से उसमें मौजूद पोषक तत्व कम हो जाते हैं। WHO ने इस तथ्य का भी खंडन किया है। माइक्रोवेव में बना खाना भी पारंपरिक तरीकों से बने खाने की तरह ही पोषक तत्वों से भरपूर होता है। हालांकि कुछ मामलों में ध्यान देने की जरूरत है, जैसे आपको बच्चों के दूध की बॉटल को माइक्रोवेव ओवन में गर्म नहीं करना चाहिए।
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माइक्रोवेव ओवन में खाना बनाने से खाने में नहीं आते रेडियोएक्टिव गुण
माइक्रोवेव ओवन में खाना बनाने से आपके खाने में रेडियोएक्टिव गुण नहीं आते हैं। न ही इसमें कोई माइक्रोवेव एनर्जी रह जाती है। माइक्रोवेव टेक्नोलॉजी बल्ब की तरह काम करती है। जिस तरह बल्ब के बुझने के बाद रोशनी पूरी तरह खत्म हो जाती है, जबकि रोशनी से पैदा गर्मी बची रहती है। उसी तरह माइक्रोवेव ओवन का स्विच बंद करने के बाद भी उससे निकलने वाली माइक्रोवेव तरंगें बंद हो जाती हैं और ये खाने को प्रभावित नहीं करती हैं।
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