एयर फ्रेशनर्स बढ़ा सकते हैं सांस की बीमारियों का खतरा, प्रयोग में बरतें ये सावधानियां

रूम में जाते ही अगर भीनी-भीनी खुश्बू आपका स्वागत करे, तो किसे अच्छा नहीं लगेगा। यही कारण है कि आजकल रूम फ्रेशनर्स, एयर फ्रेशनर्स, टॉयलेट फ्रेशनर्स और कार फ्रेशनर्स का प्रयोग काफी बढ़ गया है। मगर क्या आप जानते हैं कि ये एयर फ्रेशनर्स आपको सांस की बीमारी का मरीज बना सकते हैं। जी हां, हाल में हुए शोध में इस बात का दावा किया गया है कि वातावरण में खुश्बू फैलाने वाले प्रोडक्ट्स में कई हानिकारक केमिकल्स का प्रयोग किया जाता है।
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एयर फ्रेशनर्स बढ़ा सकते हैं सांस की बीमारियों का खतरा, प्रयोग में बरतें ये सावधानियां

रूम में जाते ही अगर भीनी-भीनी खुश्बू आपका स्वागत करे, तो किसे अच्छा नहीं लगेगा। यही कारण है कि आजकल रूम फ्रेशनर्स, एयर फ्रेशनर्स, टॉयलेट फ्रेशनर्स और कार फ्रेशनर्स का प्रयोग काफी बढ़ गया है। मगर क्या आप जानते हैं कि ये एयर फ्रेशनर्स आपको सांस की बीमारी का मरीज बना सकते हैं। जी हां, हाल में हुए शोध में इस बात का दावा किया गया है कि वातावरण में खुश्बू फैलाने वाले प्रोडक्ट्स में कई हानिकारक केमिकल्स का प्रयोग किया जाता है। सांस द्वारा जब ये खुश्बूदार हवा आपके शरीर में पहुंचती है, तो आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है। आइए आपको बताते हैं क्यों खतरनाक है एयर फ्रेशनर्स का प्रयोग।

हानिकारक केमिकल्स पहुंचाते हैं नुकसान

ज्यादातर एयर फ्रेशनर्स में खुश्बू के लिए हानिकारक केमिकल्स जैसे फॉर्मएल्डिहाइड, पेट्रोलियम डिस्टिलेट्स, लिमोनीन, ईस्टर्स और एल्कोहल का प्रयोग किया जाता है। इन्हें वोलाटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स (VOCs) कहते हैं। ये VOCs कम मात्रा में भी खतरनाक हो सकते हैं। बच्चों में इन खुश्बू वाले प्रोडक्ट्स के कारण अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा कुछ संवेदनशील लोगों में ये एयर फ्रेशनर्स आंखों में जलन, सिर दर्द और सिर चकराने जैसे लक्षण भी पैदा कर सकते हैं।

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ऑर्गेनिक और नैचुरल का दावा करने वाले फ्रेशनर्स भी हैं खतरनाक

खास बात यह है कि जो एयर फ्रेशनर्स इस बात का दावा करते हैं कि वो पूरी तरह ऑर्गेनिक या नैचुरल हैं, वो भी कम खतरनाक नहीं हैं। दरअसल कमरे या कार को महकाने के लिए जितनी ज्यादा खुश्बू की जरूरत होती है, वो बिना केमिकल्स के प्रयोग के नहीं आ सकती है। इसके अलावा ये रूम फ्रेशनर्स बदबू को दूर नहीं करते हैं, बल्कि अच्छी खुश्बू को ज्यादा मात्रा में फैलाकर बदबू को दबा देते हैं।

अस्थमा के मरीजों को नहीं करना चाहिए प्रयोग

अगर आप अस्थमा या सांस और फेफड़ों की किसी दूसरी बीमारी के मरीज हैं या आपके घर में ऐसा कोई मरीज है, तो आपको इन खुश्बू वाले प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए। ऐसे मरीजों के लिए केमिकलयुक्त तेज खुश्बू खतरनाक साबित हो सकती है और उन्हें अस्थमा का अटैक भी आ सकता है।

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कैसे करना चाहिए प्रयोग

  • बहुत ज्यादा जरूरत हो तभी एयर फ्रेशनर्स, रूम फ्रेशनर्स का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • बदबू दूर करने का सबसे आसान तरीका है कि बदबू के स्रोत को खत्म करें और कमरे या कार की खिड़कियों को थोड़ी देर खुला छोड़ दें।
  • अगर आपके घर में 5 साल से कम उम्र का बच्चा है, तो इन खुश्बू वाली चीजों का प्रयोग बिल्कुल न करें।
  • घर में अस्थमा का कोई मरीज हो, तो इनका प्रयोग न करें।
  • अगर आप रूम में एयर फ्रेशनर स्प्रे कर रहे हैं, तो 1 घंटे तक रूम को खाली छोड़ दें।

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