विंटर्स में जांघ में होने वाली खुजली को लेकर रहें सजग, हो सकती हैं ये 5 परेशानियां

सर्दियों में अक्सर बंद कपड़ों के कारण लोगों को स्किन इंफेक्शन होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। लड़कियों में इंफेक्शन ज्यादा खतरनाक हो जाता है क्योंकि समय रहते ही इसका इलाज नहीं किया गया तो ये वजाइनल एरिया में भी फैल सकता है। इसलिए जरूरी है कि जांघों पर होने वाली किसी भी खुजली को आप नजरअंदाज न करें।  
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विंटर्स में जांघ में होने वाली खुजली को लेकर रहें सजग, हो सकती हैं ये 5 परेशानियां


विंटर्स में अक्सर गर्म कपड़ों के भीतर हमें कई तरह के स्किन इंफेक्शन हो जाते हैं और हमें पता भी नहीं चलता है। इन स्किन इंफेक्शन को समय रहते ही पहचान कर इलाज नहीं करवाया जाए, तो ये कभी कभार गंभीर रूप ले सकते हैं। हालांकि ये इंफेक्शन ज्यादा गंभीर तब हो जाती है जब ये हमारे थाइस, वजाइनल इलाकों और कांख आदि में हो जाए। अगर बात थाइस और वजाइनल हिस्सों की करें, तो ये इंफेक्शन के लिए काफी सेंसिटिव माने जाते हैं। गीले कपड़े, टाइट कपड़े, पसीना और यहां तक साबुन आदि के संपर्क में आकर भी यहां इंफेक्शन पैदा हो जाता है। इस तरह के इंफेक्शन में पहले रेडनेस, रैशेज, दानें, चकत्ते और लगातार खुजली आदि की परेशानी हो सकती है। अगर इंफेक्शन और फैला तो ये बड़ा रूप ले सता है और इसे ठीक होने में लंबा वक्त भी लग सकता है। आज हम जांघों से जुड़े ऐसे ही स्किन इंफेक्शन की बात करेंगे, जो कभी-कभी सबसे अधिक झुंझलाहट का कारण बनती है। आइए हम आपको बताते हैं कि जांघ यानी कि थाइस में होने वाले स्किन इंफेक्शन के पीछे क्या कारण हो सकते हैं।

Inside_infection on thighs

ड्राई स्किन-

जांघ में होने वाली खुजली का एक कारण ड्राई स्किन भी हो सकता है। दरअसल सर्दियों में त्वचा नमी खो देती है, जिससे यह परतदार हो जाती है। खराब स्किनकेयर, उम्र, और संवेदनशील त्वचा पर कठोर साबुन और लोशन का उपयोग इसमें इंफेक्शन पैदा कर देता है। इसके लिए जरूरी है कि इस तरह के खुजली को शांत करने के लिए नारियल तेल या एक मॉइस्चराइजर आदि लगाएं। ध्यान रखें खि इसमें ज्यादा जोर की खुजली न करें, इससे आपकी स्किन डेमैज भी हो सकती है। साथ ही चूंकि आपके थाइस की स्किन बहुत सेंसिटिव होती है तो डैमेज स्किन से इंफेक्शन वजाइनल एरिया की ओर भी बढ़ सकता है।

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घमौरियां

जब पसीने की कोशिकाएं बंद हो जाती हैं, तो शरीर की गर्मी बाहर नहीं आ पाती है। इस तरह ये शरीर की गर्मी पसीना के रूप में बाहर निकलन की जगह त्वचा के नीचे फंस जाता है। इस वजह से थाइस पर चकत्ते या घमौरियां हो जाती हैं। ये चकत्ते और तब बढ़ जाते हैं जब ये दोनों थाइस के बीच बहुत अधिक रगड़ खाते हैं। कमर, जांघ क्षेत्र, बगल, छाती और गर्दन इस तरह की खुजली से अधिक प्रभावित होते हैं। यहां इन्हें खुले में रख कर दवाई न लगाई गई तो ये गंभीर हो सकती है। ये दाद या खुजली ता भी रूप ले सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि खूब पानी पीएं, कसरत करें ताकि आपके पसीने के पोर्स साफ रहें और पसीना बाहर आता रहे।

जांघ में झनझनाहट का होना-

जांघ में झनझनाहट के कारण भी कई बार आपको खुजली आदि की समस्या हो सकती है। टाइट कपड़ो को घंटे तक पहने के कारण मांसपेशियां दब जाती हैं, जिसके कारण जांघ में झनझनाहट होने लगता है। इसके पीछे एक और कारण ये भी है कि कुछ लोगों के जांघ भारी होते हैं और जब चलते हैं तो दोनों जांघों में घर्षण पैदा होती है और स्किन घायल हो जाती है। फिर बहुत तेज खुजली का अनुभव होती है और यहीं अगर आप रूके नहीं और तेज खुजली कर दी तो इंफेस्शन और फैल सकता है। इसके लिए जरूरी है कि तंग कपड़ों को पहनने से बचें। वहीं कोशिश ये भी करें कि दोनों थाइस के बीच  पेट्रोलियम जेली या कोई ठंडा तेल लगाते रहें।

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एक्जिमा-

एक्जिमा के एक बहुत परेशान करने वाली खुजली है। ये अक्सर इंफेक्शन की एक गंभीर अवस्था है। ये दो तरीके की होती है। पहल में त्वचा में सूजन आ जाता है और दूसरे में ये बड़ी तेजी से फैलने लगती है। इसमें शरीर में हो रहे कुछ क्रियाओं के शरीर प्रतिक्रिया देती हैं, जिसके कारण शरीर पर चकत्ते निकलते हैं। इसके कुछ लक्षणों में तेज खुजली, चकत्ते और तरल पदार्थ से भरे छाले शामिल हैं। एक्जिमा होने पर अक्सर लोगों को डॉक्टर की जरूरत पड़ती है।

फंगल इंफेक्शन-

आपकी जांघों में फंगस या किसी बैक्टीरिया के कारण भी इंफेक्शन हो सकता है। ये फंगस गीली त्वचा या बॉडी के पीएच बिगड़ने के कारण भी हो सकता है। तो इससे पहले कि आप अपने डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट बुक करें, ढीले कपड़े पहनें और अपने जांघों को ज्यादा से ज्यादा सूखा रखने की कोशिश करें। यदि कुछ भी काम नहीं करता है, तो जल्द से जल्द एक त्वचा विशेषज्ञ से जांच कराएं क्योंकि अगर आपने समय रहते ही ऐसा नहीं किया तो थाइस से ये इंफेक्शन और आगे बढ़ सकती है। एक और बात का ध्यान रखने की यहां जरूरत हैं और वो है पीरिएड्स। ज्यादातर लड़कियों को पीरिएड्स के दौरान इंफेक्शन होने की ज्यादा संभावनाएं होती है। ऐसे में अगर आपको पीरिड्स के तुरंत बाद इंफेक्शन हुआ है तो तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से जाकर मिलें।

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