इन महीनों में ना करें प्रेग्नेंसी प्लान, हो सकती है प्री-मेच्योर डिलीवरी

मां बनना यकीनन किसी भी स्त्री के जीवन का एक सबसे बड़ा सुख होता है, लेकिन अगर आप चाहती हैं कि आपका सुख परेशानी में न बदलें तो इन महीनों में प्रेग्नेंसी प्लान न करें।
  • SHARE
  • FOLLOW
इन महीनों में ना करें प्रेग्नेंसी प्लान, हो सकती है प्री-मेच्योर डिलीवरी

आज के समय में हर व्यक्ति एक बेहतर जीवन के लिए प्लानिंग पर काफी जोर देने लगा है, फिर चाहे बात उसकी पर्सनल लाइफ की हो या प्रोफेशनल लाइफ की। खासतौर से, जब परिवार को बढ़ाने की बात होती है तो उसके लिए कई पहलुओं पर गौर करना जरूरी होता है। यह किसी भी जोड़े के जीवन की यकीनन सबसे बड़ी योजना हो सकती है। बच्चा प्लॉन करने से पहले हर जोड़ा अपनी शारीरिक और वित्तीय स्थिति का आकलन जरूर करता है। जब उसे यह लगता है कि वह शारीरिक रूप से फिट है और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकता है और उसकी फाइनेंशियल कंडीशन भी ऐसी है कि वह अपने बच्चे का पालन-पोषण बेहतर तरीके से कर सकता है, तभी वह बच्चे के बारे में सोचते हैं।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे अलग भी ऐसे कई फैक्टर होते हैं, जिनके बारे में जानना व सोचना बेहद जरूरी होता है, हालांकि अधिकतर जोड़ों को इन फैक्टर्स के बारे में पता ही नहीं होता। जी हां, इन अन्य फैक्टर्स में से एक है समय। दरअसल, साल में कुछ महीने ऐसे होते हैं, जब प्रेग्नेंसी प्लान करना अच्छा नहीं माना जाता क्योंकि इन महीनों में गर्भधारण होने पर न सिर्फ गर्भावस्था में कई तरह की परेशानियां होती हैं, बल्कि प्री-मेच्योर डिलीवरी का भी खतरा रहता है। तो चलिए आज हम आपको उन टाइम पीरियड के बारे में बता रहे हैं, जब आपको प्रेग्नेंसी प्लॉन नहीं करनी चाहिए-

इसे भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी के 5 महीने पहले ही शुरू कर दें तैयारी ताकि कंसीव करने में न आए कोई परेशानी, जानें 5 टिप्स

क्या कहती है स्टडी

अगर आप मई के महीने में प्रेग्नेंसी प्लॉन करने की सोच रही है ताकि बच्चे के जन्म के समय मौसम में ना बहुत अधिक ठंडक हो और ना ही अधिक गर्मी। ऐसे में बच्चे के जन्म के शुरूआती दिन आराम से निकल जाएंगे तो आप गलत हैं। आपको शायद पता न हो लेकिन इस महीने में प्रेग्नेंसी प्लान करने से प्री-मेच्योर डिलीवरी की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है। यह बात एक स्टडी से भी साबित हुई है। प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में प्रकाशित पत्रिका के अनुसार, मई में गर्भ धारण करने वाले शिशुओं में समय से पहले जन्म लेने की संभावना बढ़ जाती है। इस अध्ययन में 1.4 मिलियन बच्चों को शामिल किया गया और यह पाया गया कि जो महिलाएं मई में गर्भवती हुईं और जनवरी या फरवरी के आसपास उनकी तीसरी तिमाही थी, उनके समय से पहले प्रसव में 10 प्रतिशत अधिक होने की संभावना थी।

क्यों होता है ऐसा

अब आप यह जानना चाहेंगी कि मई महीने में प्रेग्नेंसी होने पर प्री-मेच्योर डिलीवरी का खतरा क्यों बढ़ जाता है। दरअसल, जनवरी और फरवरी सर्दियों के महीने हैं और इन महीनों में फ्लू और इन्फ्लमेशन के मामले बढ़ जाते हैं। जिसके कारण गर्भवती महिला को समय से पहले ही लेबर पेन हो सकता है। इतना ही नहीं, समय से पहले जन्म के कारण ऐसे बच्चों को श्वसन और पाचन संबंधी बीमारियों का खतरा अधिक होता है। इन बच्चों को जन्म के बाद हफ्तों तक अस्पताल में एडमिट रहने की भी आवश्यकता पड़ सकती है।

इसे भी पढ़ें: ज्यादा उम्र होना भी महिलाओं में बार-बार मिसकैरेज की है वजह, जानें गर्भपात होने के 5 कारण

यह है उपाय

यकीनन अब आपने मई महीने में गर्भधारण का विचार छोड़ दिया होगा, लेकिन अगर फिर भी आप गर्भवती हो जाती हैं और प्री-मेच्योर डिलीवरी से बचना चाहती हैं तो उसके लिए कुछ उपाय अपना सकती हैं। सबसे पहले तो आप फ्लू वैक्सीन के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। इसके अलावा अपनी सेहत का अतिरिक्त ध्यान रखें। इस मौसम में बीमार व संक्रमित लोगों से दूर रहें। साथ ही हाथों को आँखों, मुँह और नाक से दूर रखें। इससे संक्रमण फैलने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। अपनी सेहत का अतिरिक्त ध्यान रखकर भी आपका प्रेग्नेंसी पीरियड हेल्दी हो सकता है।

Read more articles on Women's Health in Hindi

Read Next

Pregnancy Care Tips: गर्भावस्था के दौरान इन 5 खतरों से रहें सावधान

Disclaimer