दुनिया के 100 से ज्यादा देशों को अपनी चपेट में ले चुके कोरोनावायरस (coronavirus (COVID-19) से निपटने के लिए कई देशों के वैज्ञानिक जद्दोजहद में लगे हुए हैं। इस बीच इजरायल के वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस की वैक्सीन तैयार कर ली है और आने वाले दिनों में इसकी घोषणा संभव हो सकती है। हालांकि इसके पहले प्री-क्लीनिकल और क्लीनिकल टेस्टिंग और मंजूरी मिलने में कुछ महीने लग जरूर लग सकते हैं। इजरायल की एक मीडिया रिपोर्ट में ये बताया गया है कि इजरायल के बायोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने वायरस को समझने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है और एक वैक्सीन पूर्ण रूप से तैयार कर ली है।
टाइम्स ऑफ इजरायल ने इंस्टीट्यूट के बायोटेक्नोलॉजी ग्रुप लीडर चेन कैट्ज के हवाले से कहा है, ''मौजूदा वक्त में प्रोटीन तैयार है और हमें उम्मीद है कि इसे क्लीनिकल स्टेज तक ले जाने के लिए हम एक सही पार्टनर मिल जाएगा। क्लीनिकल टेस्टिंग में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा और हम उसे 30 दिनों के भीतर ही पूरा कर सकते हैं। इसके अलावा इंसानों पर ट्रायल करने में और 30 दिन लगेंगे। इस पूरी प्रक्रिया में सबसे ज्यादा समय ब्यूरोक्रेसी, नियमन और पेपरवर्क में खराब होगा।''
हालांकि इस संबंध में अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है और ओन्लीमाईहेल्थ इस तरह की खबर की पुष्टि नहीं करता है।
कैट्ज का भी ये कहना है कि ये नई ओरल वैक्सीन (मुंह से ली जाने वाली दवा) व्यस्कों और बच्चों में इस बीमारी को हल्की सर्दी में तब्दील कर सकती है। उन्होंने कहा कि वे लोग, जो कोरोनावायरस से संक्रमित है वे भी संभावित रूप से दूसरों को प्रभावित नहीं कर सकेंगे।
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कैट्ज के मुताबितक, इजरायल सरकार के स्वामित्व वाले मिगैल गैलिले रिसर्च इंस्टीट्यूट की इस वैक्सीन को जल्दी तैयार करने का कारण ये है कि ये संस्थान करीब चार वर्षों से एक ऐसी वैक्सीन तैयार करने की कोशिश कर रहा था, जो कई तरह के वायरस को रोकने में सफल हो सके। और अब इस वैक्सीन को कोरोनावायरस की ओर केंद्रित कर दिया गया है।
इजरायल सरकार के स्वामित्व वाले मिगैल गैलिले रिसर्च इंस्टीट्यूट के कैट्ज का समूह पूरी दुनिया में रहने वाले लाखों लोगों के लिए आशा की एक नई किरण बन गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीते चार वर्षों से कैट्ज की रिसर्च टीम एक ऐसे वैक्सीन को तैयार करने पर ध्यान दे रही थी, जो कई वायरस को खत्म करने के लिए प्रभावी रूप से सक्षम हो सके। पहले ये वैक्सीन ब्रोनचिटिस वायरस के संक्रमण को लेकर बनाई जा रही थी लेकिन जैसे ही कोरोनावायरस ने चीन में दहशत मचाई इस वैक्सीन को कोरोनावायरस के लिए तैयार किया जाने लगा।
शोधकर्ताओं ने खुलासा किया कि वैक्सीन को तैयार करने की पूरी प्रक्रिया बेहद एडवांस रही क्योंकि उनके 10 लोगों की टीम को वायरस की जरूरत नहीं नहीं पड़ी। इसके बजाए उन्होंने इस महामारी के फैलने के तुरंत बाद इंटरनेट का रुख किया और वायरस पर प्रकाशित हुई रिपोर्ट की कड़ियों को जोड़कर काम शुरू किया और वैक्सीन को तैयार कर लिया।
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कोरोनावायरस संक्रमण के लक्षण (symptoms of coronavirus infections)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कोरोनावायरस संक्रमण के लक्षण हैं
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सोर्स: (Ians)
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