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क्या टाइफाइड बुखार में दूध पी सकते हैं? जानें इस पर क्या है एक्सपर्ट की राय

Can We Drink Milk In Typhoid Fever: टाइफाइड दूध पी सकते हैं या नहीं, आइए इसके बारे में डाइटीशियन से विस्तार से जानते हैं।  
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क्या टाइफाइड बुखार में दूध पी सकते हैं? जानें इस पर क्या है एक्सपर्ट की राय


Can We Drink Milk In Typhoid Fever: टाइफाइड बुखार होने पर क्या खाएं क्या नहीं, इसको लेकर सही जानकारी होना बहुत जरूरी है। क्योंकि यह एक गंभीर बुखार है, अगर आप इसमें गलत फूड्स का सेवन करते हैं, तो यह आपकी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। टाइफाइड बुखार तब होता है, जब कोई व्यक्ति साल्मोनेला  बैक्टीरिया वाला दूषित पानी या भोजन का सेवन करता है। इस बुखार में व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनमें थकान, सिरदर्द, बुखार, दस्त, कब्ज, पेट में दर्द और कई एलर्जिक प्रतिक्रियाएं शामिल हैं। अगर आप टाइफाइड में किसी गलत खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं, तो इससे आपके लक्षण गंभीर हो सकते हैं, जिसके कारण व्यक्ति की स्थिति बदतर हो सकती है और उन्हें काफी असहजता का सामना करना पड़ता है। इसलिए टाइफाइड में अपना भोजन डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही तय करना चाहिए।

लेकिन टाइफाइड बुखार में लोगों के मन में एक सवाल काफी उठता है, कि इस दौरान दूध का सेवन कितना सेफ है? क्या टाइफाइड में दूध पी सकते हैं? यह फायदेमंद होता है या नुकसानदायक? इस तरह के तमाम सवालों के जवाब जानने और आपकी कंफ्यूजन को दूर करने के लिए हमने क्लीनिकल न्यूट्रीशनिस्ट और डायटीशियन गरिमा गोयल से बात की। टाइफाइड में दूध पीना चाहिए या नहीं (typhoid mein doodh pee sakte hain ya nahin), इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

Can We Drink Milk In Typhoid Fever In Hindi

क्या टाइफाइड में दूध पी सकते हैं?- Can We Drink Milk In Typhoid Fever In Hindi

डायटीशियन गरिमा की मानें तो टाइफाइड बुखार में दूध का सेवन अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि टाइफाइड में रोगी की आंत पहले से ही प्रभावित हो चुकी होती है, जिससे लोगों को ढीला मल जैसे लक्षण महसूस होते हैं। अगर ऐसे में व्यक्ति दूध का सेवन करता है, तो इससे दस्त के लक्षण गंभीर हो सकते हैं और रोगी को काफी परेशानी हो सकती है।

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हालांकि, कुछ मामलों में अगर दूध का सुझाव दिया भी जाता है, तो उन्हें काफी सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। उन्हें सिर्फ पाश्चराइज्ड दूध पीने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दूध में फैट की मात्रा न के बराबर होती है और पाश्चराइजेशन प्रक्रिया के दौरान दूध में रोगजनक सूक्ष्मजीवों को मारने के लिए सेवन से पहले ही दूध उबाल लिया जाता है। इसलिए संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए पाश्चुरीकृत दूध का सेवन की सलाह दी जाती है।

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एक्सपर्ट क्या सलाह देते हैं?

डायटीशियन गरिमा के अनुसार अगर कोई व्यक्ति टाइफाइड से जूझ रहा है और दूध पीने से लक्षण उसके लक्षण खराब हो जाते हैं, तो वह ऐसे में दूध के बजाए अन्य डेयरी उत्पाद जैसे कम फैट वाले दही या पनीर का सेवन कर सकता है। यह दूध से ज्यादा सेफ विकल्प हैं। लेकिन किसी भी स्थिति में आपको डॉक्टर की सलाह के बिना इनका सेवन नहीं करना है।

All Image Source: Freepik

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