क्या 40 साल से ऊपर की महिलाओं को इंटरमिटेंट फास्टिंग करनी चाहिए? जानें किन बातों का रखें ध्यान

अगर महिला 40 वर्ष की है तो उसे इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
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क्या 40 साल से ऊपर की महिलाओं को इंटरमिटेंट फास्टिंग करनी चाहिए? जानें किन बातों का रखें ध्यान


40 की उम्र होते ही अधिकतर महिलाओं में वजन बढ़ना शुरू हो जाता है, जिसे जीवनशैली में बदलाव से कंट्रोल भी किया जा सकता है। शरीर में ये बदलाव पेरिमेनोपॉज़ के दौरान हार्मोनल बदलाव से आते हैं। ऐसे में काफी महिलाएं इंटरमिटेंट फास्टिंग का रास्ता अपनाकर वजन कम करना चाहती हैं। दरअसल

इंटरमिटेंट फास्टिंग इन दिनों चल रहा एक काफी प्रसिद्ध डाइट ट्रेंड है। जिसे आम आदमी से लेकर सेलिब्रिटी सभी ट्राई कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि यह डाइट ट्राई करने से केवल वजन ही कम नहीं होता है बल्कि और भी काफी सारे स्वास्थ्य लाभ देखने को मिल सकते है। इस डाइट का सिद्धांत खाना खाने और फास्ट करने के फिक्स समय से शरीर की क्षमता बढ़ती है,पर काम करता है। वैसे तो यह फास्टिंग का तरीका सुरक्षित है और इसके साइड इफेक्ट्स भी नहीं देखने को मिलते हैं। लेकिन अगर 40 वर्ष से ऊपर की महिलाएं हैं तो इस समय शरीर की एनर्जी की जरूरत भी बढ़ जाती है इसलिए खुद के शरीर की एक्स्ट्रा केयर करनी पड़ती है ताकि स्वस्थ रहा जा सके। आइए जानते हैं उन बातों के बारे में जो 40 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को इंटरमिटेंट फास्टिंग करते समय जरूर ध्यान रखनी चाहिए।

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40 साल से ऊपर की महिलाओं के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग – Intermittent Fasting For Women Over 40

ऐसे बहुत से कारण हैं जिनकी वजह से 40 से ऊपर उम्र की महिलाओं को इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के दौरान ज्यादा संभल कर रहना चाहिए। सबसे पहला कारण है इस उम्र में मेटाबॉलिज्म का धीमा होना। इस समय मेनोपॉज आदि के कारण भी कुछ हार्मोनल बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इस कारण डाइट में बहुत ज्यादा बदलाव कर पाना भी संभव नहीं होता है। उनका स्ट्रेस लेवल भी अन्य महिलाओं के मुकाबले थोड़ा ज्यादा ही होता है। इसलिए इन महिलाओं को खुद के स्वास्थ्य की ओर ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता होती है।

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पर्याप्त प्रोटीन का सेवन करें

जब भी किसी डाइट का पालन करते हैं तो शरीर की प्रोटीन जरूरतों को पूरा करने पर जरूर ध्यान रखा जाना चाहिए। प्रोटीन को सेल्स का बिल्डिंग ब्लॉक कहा जाता है। अगर प्रोटीन की जरूरत पूरी होंगी तो फैट सेल्स को लीन मसल्स में बदला जा सकता है। यह आपको लंबे समय तक भरपूर महसूस करने में भी मदद करता है। इसलिए अगर प्रोटीन का सेवन करती हैं तो भूख भी कम लगती है और शरीर की पौष्टिक जरूरत भी पूरा होती हैं।

लंबे समय तक फास्ट करना

यह डाइट का तरीका केवल तब ही प्रभावी है जब लंबे समय तक फास्ट रखा जाए। जितनी ज्यादा देर तक आप फास्ट करती हैं उतने ही ज्यादा आपको स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। शुरुआत में बहुत देर तक भूखा रहना थोड़ा मुश्किल लग सकता है लेकिन धीरे धीरे शरीर को भी इसकी आदत पड़ जाती है। हालांकि रोजाना की कैलोरीज़ पर भी ध्यान देना जरूरी है। अगर खुद को फिट रखना है तो कैलोरी काउंट करके ही किसी चीज का सेवन करें। कम समय तक फास्ट करना इतना लाभदायक नहीं होगा।

अपना सोने का शेड्यूल न बनाना

शरीर को रेस्ट देना भी काफी जरूरी है। अगर सोने की साइकिल खराब है तो भी वजन कम करने में काफी मुश्किल आ सकती है। इसके साथ ही अन्य शारीरिक स्थितियों का भी सामना करना  पड़ सकता है इसलिए 8 घंटे की नींद जरूर पूरी करें।

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खुद को हाइड्रेटेड रखें

फास्टिंग के दौरान बहुत से लोग पानी पीना भूल जाते हैं जोकि काफी गलत है। पानी पीने से शरीर से टॉक्सिंस साफ होते हैं और इस समय पानी पेट भरे रखने में भी मदद करता है। अगर फास्टिंग जितने लम्बे समय तक पानी नहीं पीते हैं तो इससे डिहाइड्रेशन देखने को मिल सकता है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग को पूरी तरह से प्रभावी बनाने के लिए रोजाना लंबे समय तक फास्ट रखें और साथ ही लाइफस्टाइल में भी थोड़े-थोड़े हेल्दी बदलाव करते जाएं।

(Images - Freepik)

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