Is Fish Good For Depression In Hindi: काम का प्रेशर, घर की जिम्मेदारियां और इमोशनली अकेलापन होने के करण कई लोग डिप्रेशन की चपेट में आ जाते हैं। अगर सही समय में डिप्रेशन का इलाज न किया जाए, तो मरीज की स्थिति और भी बिगड़ सकती है, जो उन्हें किसी और तरह की मेंटल हेल्थ कंडीशन की ओर धकेल सकती है। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि आप अपनी मेंटल हेल्थ का ध्यान रों ताकि ऐसी नौबत ही न आए। इसके लिए, अपनी लाइफस्टाइल और डाइट पैटर्न को सही रखना है। साथ ही, खुद को मेंटली स्ट्रॉन्ग रखना है। मेंटली फिट रहने के लिए आप अपनी डाइट में मछली शामिल कर सकते हैं। इससे मेंटल हेल्थ पर काफी अच्छा असर पड़ता है। दरअसल, मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जिसकी डिप्रेशन पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड और डिप्रेशन
डाइट एन क्योर की डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी बताती हैं, "ओमेगा -3 फैटी एसिड, विशेष रूप से ईकोसापेन्टैनेनोइक एसिड (ईपीए) और डोकोसाहेक्साएनोइक एसिड (डीएचए), मछली में पाए जाने वाले आवश्यक पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स होते हैं। ये तत्व खासकर फैटी फिश, जैसे सैल्मन, मैकेरल और सार्डिन में पाए जाते हैं। इन मछलियों का सेवन करने से मस्तिष्क पर सीधा प्रभाव पड़ता है ओर माना जाता है कि यह कई तरह से डिप्रेशन को प्रभावित करता है।"
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मूड को प्रभावित करता है
दिव्या गांधी कहती हैं, “मछली में पाया जाने वाला ओमेगा -3 फैटी एसिड न्यूरोट्रांसमीटर जैसे सेरोटोनिन, डोपामाइन और नोरेपीनेफ्राइन के रेगुलेशन के लिए जिम्मेदार है। ये सभी तत्व मूड को इफेक्ट करने के लिए जाने जाते हैं। वहीं, अगर आप मछली के रूप में ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करते हैं, तो इससे न्यूरोट्रांसमीटर बैलेंस होता है और डिप्रेशान के लक्षणां को कम करने में भी मदद मिलती है।”
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डिप्रेशन को गंभीर होने से रोकता है
मछली में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। दिव्या गांधी के अनुसार, “ माना जाता है कि यह तत्व शरीर में हुई पुरानी सूजन या फिर ब्रेन में हुई सूजन को कम करने में सहायक भूमिका निभाता है। इस तरह की सूजन का डिप्रेशन से संबंध माना गया है। वहीं, ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करने से आप डिप्रेशान के रिस्क को कम कर सकते हैं। यही नहीं, इसके सेवन से डिप्रेशन को गंभीर होने से पहले ही रोका जा सकता है।”
ब्रेन फंक्शन को बेहतर करता है
दिव्या गांधी बताती हैं, “कई रिसर्च इस बात का दावा करते हैं कि ओमेगा-3 फैटी एसिड के सेवन से ब्रेन स्ट्रक्चर और ब्रेन फंक्शन प्रभावित होता है। आपको बता दें कि यह फैटी एसिड सेल मेंब्रेन के लिए बहुत महत्वपूर्ण कॉम्पोनेंट है। ओमेगा-3 न्यूरोप्लास्टिसिटी को बढ़ावा दे सकता है। न्यूरोप्लास्टिसिटी, वास्तव में ब्रेन को नए कनेक्शन बनाने के लिए मोटिवेट करने की क्षमता को कहते हैं। आपने अक्सर देखा होगा कि डिप्रेशन यानी अवसाद के कारण व्यक्ति की नई चीजों के लिए प्रति रुचि पूरी तरह खत्म हो जाती है। वहीं, अगर व्यक्ति मछली के रूप में ओमेग-3 फैटी एसिड का सेवन करता है, तो इससे न सिर्फ डिप्रेशन से लड़ने की क्षमता बेहतर होती है, बल्कि नई चीजें सीखने के प्रति भी मन उत्सुक बना रहता है।”
हालांकि, आपको बता दें कि डिप्रेशन में मछली का सेवन कितना कारगर है, इस संबंध में कई अलग-अलग स्तर पर अध्ययन हुए हैं, जैसे 2019 में एक अध्ययन हुआ था। इससे स्पष्ट हुआ था कि ज्यादा मात्रा में मछली खाने से डिप्रेशन का रिस्क कम होता है। इसके बावजूद, अगर आपको डिप्रेशन महसूस होता है, तो एक्सपर्ट से बात जरूर करें और उनकी सलाह पर अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करें।
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